नई दिल्ली: पढ़ने लिखने की कोई उम्र नहीं होती। इसी बात को सही साबित कर रहे हैं भाजपा के एक वरिष्ठ नेता, जो कि 75 साल की उम्र में पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा दे रहे हैं। अपनी उम्र के अाधे से भी कम उम्र के छात्रों से भरे हॉल में दत्ता जी चरनदास आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
इस उम्र में पोस्ट ग्रेजुएट की परीक्षा देने वाले दत्ताजी का कहना है कि उन्हें शुरु से ही पढ़ने का बहुत शौक था। लेकिन संघ से जुड़ जाने के बाद उनकी पढ़ाई एक तरह से छूट ही गई थी। दत्ता जी को को सुरेश मेहता वाली सरकार में जीआईडीसी का अध्यक्ष बनाया गया था। 4 पास दत्ता जी बहुत ही कम उम्र में संघ से जुड़ गए थे।
दत्ता जी ने बताया कि जब उन्हें जीआईडीसी का अध्यक्ष बनाया गया तो बहुत से लोग उनके पढ़े लिखे न होने का काफी मजाक उड़ाते थे। उन लोगों का कहना था कि चौथी पास शख्स इतनी बड़ी जिम्मेदारियां कैसे संभाल सकता है। जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे। दत्ता जी बताया कि उनके लिए पढ़ाई ज्ञान और जिज्ञासा बढ़ाने का जरिया है जिसे हर कोई किसी भी उम्र में पा सकता है।