‘न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 – एनईपी आउटरीच’ विषय पर लंदन के नेहरू सेंटर ने नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (शिक्षा मंत्रालय के तहत) के साथ मिलकर 18 जनवरी, 2021 को एक संवाद का आयोजन किया।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को एक भविष्यवादी सोच के साथ लागू किया गया है जिससे चुनौतियों को अवसरों में बदला गया है। यह भारत को अपनी पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को बनाए रखने और विकसित करने के लिए बल देती है। साथ वैश्विक ज्ञान प्रणाली में भारत के लिए एक स्थान भी तैयार करेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा,”इस शिक्षा नीति के माध्यम से हम शिक्षा में बदलाव लाने और इस बात पर बल देने की कोशिश करेंगे कि चीजों के प्रति गंभीर सोच कैसे विकसित की जाए और समस्याओं का हल कैसे निकाला जाए। साथ ही रचनात्मक होते हुए भी ज्यादा विषयों के जानकार कैसे बनें, नई सोच और आविष्कार कैसे लाएं, और कैसे तेजी से बदलते परिवेश में नवीनता और नवाचार के साथ बदलाव के अनुरूप परिवर्तन लाए जाएं, जैसी विधाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि शिक्षा को अधिक अनुभव आधारित, समग्र, एकीकृत, जिज्ञासा-संचालित, खोज-उन्मुख, सीख-केंद्रित, चर्चा-आधारित, लचीला और सुखद बनाया जाएगा।”
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष श्री विनय सहस्त्रबुद्धे ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाए गए सबसे बड़े सुधारों में से एक है।
शिक्षाविद् और यूके के पूर्व मिनिस्टर फॉर यूनिवर्सिटिज, साइंस रिसर्च एंड इनोवेशन श्री जो जॉनसन ने भारत की शिक्षा नीति की सराहना की। उनके अनुसार ये वो शिक्षा नीति है जो शिक्षा के प्रारंभिक वर्षों, शिक्षकों, सार्वभौमिक संख्याओं और साक्षरता आदि पर जोर देती है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस नीति के बारे में एक रोमांचक तथ्य यह भी है कि इसमें मूल्यांकन के योगात्मक रूप की वजाए रचनात्मक रूप को ज्यादा तरजीह दी जाती है जहां विषयों के बारे में गहन सोच, विश्लेषण और वैचारिकता स्पष्टता आदि को जांचा जाता है।
श्री जो जॉनसन और श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न प्रावधानों जैसे शिक्षक प्रशिक्षण, भारत में शीर्ष 100 विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश और भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा पर एक संवाद में शामिल हुए।
इस आकर्षक और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का संचालन श्री अमीश त्रिपाठी, मंत्री (संस्कृति), भारतीय उच्चायोग, ब्रिटेन और निदेशक, नेहरू केंद्र द्वारा किया गया था।