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समग्र शिक्षा के तहत वित्त पोषित आवासीय विद्यालयों/छात्रावासों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय/छात्रावास नाम दिया गया

देश-विदेश

शिक्षा मंत्रालय ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में एमओई के समग्र शिक्षा के तहत वित्त पोषित आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों का नाम “सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय/छात्रावास” के रूप में रखने का फैसला किया है।नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ इन विद्यालयों का जुड़ाव बच्चों के लिए प्रेरणा का काम करेगा। इसके अलावा शिक्षकों, कर्मचारियों और प्रशासन को भी उत्कृष्टता के उच्च मानकों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। वहीं इससे दुर्गम क्षेत्रों में स्थित इन आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों की सुविधा के बारे में जागरूकता पैदा करने को लेकर सहायता मिलेगी। इसके अलावा इन विद्यालयों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उच्च मानकों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगा।

समग्र शिक्षा के तहत शिक्षा मंत्रालय पहाड़ी, छोटे और कम आबादी वाले क्षेत्रों में आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों को खोलने और इनका संचालन करने के लिए राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। ये आवासीय विद्यालय और छात्रावास उन बच्चों के लिए होते हैं, जिन्हें नियमित विद्यालयों के प्रावधान के अतिरिक्त आश्रय और देखभाल की जरूरत होती है।इसका उद्देश्य सार्वभौमिक नामांकन सुनिश्चित करना और कम आबादी (अधिकांश आदिवासी क्षेत्रों) वाले इलाकों, जहां विद्यालय खोलना व्यवहार्य नहीं है, मेंविद्यालय की सुविधा उपलब्ध करवाना है।इसके अलावा शहरी क्षेत्र के वे बच्चे जिन्हें देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है, उन्हें भी ये सुविधाएं प्रदान करना है।

इसके अलावा आवासीय सुविधाएं कई समूहों से आने वाले बच्चों को भी दी जाती हैं। इनमेंबाल श्रम से छुड़ाए गए बच्चे,गरीब भूमिहीन परिवारों से आने वाले प्रवासी बच्चे,बिना व्यस्क संरक्षण वाले बच्चे, अपने परिवार से अलग, आंतरिक रूप से विस्थापित और सशस्त्र संघर्ष एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित इलाकों के बच्चे शामिल हैं। ईबीबी, एलडब्ल्यूई प्रभावित जिले, एसएफडी और नीति आयोग द्वारा चिह्नित आकांक्षी जिलों को प्राथमिकता दी जाती है।

इन आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों में नियमित विद्यालयी पाठ्यक्रम के अलावा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इनमें विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण, शारीरिक आत्मरक्षा, चिकित्सा देखभाल, सामुदायिक भागीदारी और मासिक छात्रवृति शामिल हैं।अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए कुल 1063 आवासीय सुविधाओं (383 आवासीय विद्यालयों और 680 छात्रावासों) को मंजूरी दी गई है।

समग्र शिक्षा के तहत आवासीय विद्यालय और छात्रावास स्वीकृत (संचयी)

क्रम संख्या राज्य का नाम आवासीय विद्यालयों की संख्या छात्रावासों की संख्या
1 आंध्र प्रदेश 3 14
2 अरुणाचल प्रदेश 155 54
3 असम 3 1
4 बिहार 6 9
5 छत्तीसगढ़ 67 39
6। दिल्ली 0 3
7 हरियाणा 4 3
8 झारखंड 25 16
9 कर्नाटक 5 0
10 केरल 0 6
11 लद्दाख 0 2
12 मध्य प्रदेश 11 390
13 महाराष्ट्र 3 8
14 मणिपुर 9 8
15 मिजोरम 4 11
16 नागालैंड 7 11
17 ओडिशा 3 18
18 पंजाब 0 5
19 राजस्थान 7 34
20 सिक्किम 0 1
21 तमिलनाडु 13 0
22 तेलंगाना 33 8
23 त्रिपुरा 4 14
24 उत्तर प्रदेश 9 0
25 उत्तराखंड 0 6
26 पश्चिम बंगाल 12 19
कुल 383 680

गुरुवार, तीन दिसंबर, 2020 को अद्यतन

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