नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल
की बैठक में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना(पीएमकेवीवाई) को मंजूरी दे दी गई। इस योजना पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। युवाओं में कौशल विकास करने के लिए यह एक प्रमुख योजना होगी जिससे नव गठित कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय राष्ट्रीय कौशल विकास निगम(एनएसडीसी) के जरिये क्रियान्यवित करेगा। इस योजना के तहत 24 लाख लोगों को प्रशिक्षण मुहैया कराया जाएगा। यह प्रशिक्षण औद्योगिक मानकों एवं राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क पर आधारित होगा। इस योजना के तहत, तीसरे पक्ष के निकायों द्वारा मूल्यांकन एवं आकलन प्रमाण पत्र दिए जाने के आधार पर प्रशिक्षुओं को आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रति प्रशिक्षु करीब 8000 रुपये की औसतन आर्थिक मदद दी जाएगी।
चौदह लाख युवाओं के कौशल के प्रशिक्षण पर कुल राशि में से 1,120 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके तहत विशेष जोर पहले सीखने की मान्यता को दिया गया है जिसके लिए 220 करोड़ रुपये मुहैया कराए गए हैं। जागरूकता पैदा करने और युवाओं को इसके लिए एकत्रित करने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसके लिए 67 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। अभिप्रेरण का आयोजन कौशल मेलों के माध्यम से किया जाएगा जिसमें स्थानीय स्तर पर राज्य सरकारों, नगर निगमों, पंचायती राज संगठनों एवं सामुदायिक आधारित संस्थाओं की भागीदारी होगी। इस योजना के तहत सदस्यता और उनके प्लेसमेंट के सरलीकरण पर फोकस भी होगा जिस पर 67 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्र के युवाओं के कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
यह अवधि 2013-17 के लिए एनएसडीसी द्वारा किए गए हाल के कौशल अंतराल के अध्ययन के आधार पर मूल्यांकन की मांग के आधार पर किया जाएगा। यह इसकी मुख्य विशेषताएं होंगी। केन्द्रीय मंत्रालयों / विभागों / राज्य सरकारों, उद्योग और व्यापार की मांग के आकलन के लिए परामर्श किया जाएगा। इसकी मांग के लिए एक एग्रीगेटर मंच बहुत जल्द ही शुरू किया जाएगा। कौशल विकास का लक्ष्य अन्य प्रमुख कार्यक्रमों डिजिटल इंडिया, राष्ट्रीय सौर मिशन और स्वच्छ भारत अभियान में मांग को देखते हुए तय किया गया है। नई योजना के तहत श्रम बाजार के लिए एक पहली बार मुख्य रूप से कक्षा 10 और कक्षा 12 की पढ़ाई छोड़ने वाले नवागंतुकों पर कौशल प्रशिक्षण का मुख्य ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस योजना को एनएसडीसी प्रशिक्षण भागीदारों के माध्यम से लागू किया जाएगा। अभी 2300 केंद्रों के जरिये एनएसडीसी के 187 प्रशिक्षण साझेदार हैं। इसके अलावा, इस योजना के तहत केन्द्र / राज्य सरकार से संबद्ध प्रशिक्षण प्रदाताओं का भी प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इस योजना के तहत सभी प्रशिक्षण प्रदाताओं को पात्रता के लिए एक प्रक्रिया से गुजरना होगा। प्रशिक्षण में कौशल, व्यक्तित्व विकास, साफ-सफाई के लिए व्यवहार में परिवर्तन, अच्छा काम एवं नैतिकता शामिल होगी। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत क्षेत्रीय कौशल परिषदों एवं राज्य सरकारों को बारीकी से कौशल प्रशिक्षण निगरानी करेंगे।
सभी प्रशिक्षण के रिकार्ड का विवरण, प्रशिक्षण स्थानों और पाठ्यक्रम की गुणवत्ता एवं केन्द्रों के सत्यापन की जिम्मेदारी कौशल विकास प्रबंधन प्रणाली(एसडीएमएस) की होगी। प्रशिक्षण प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगा। प्रशिक्षण लेने वाले सभी व्यक्तियों को मूल्यांकन के समय में फीडबैक देना आवश्यक होगा, जो पीएमकेवीवाई के मूल्यांकन का मुख्य आधार बनेगा। इस योजना से संबंधित शिकायतों के निवावरण के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा। इस योजना से जुड़ी सूचनाओं के प्रचार प्रसार के वास्ते नागरिकों के लिए एक ऑनलालन पोर्टल भी होगा।