लंदन: भारतीय मूल के 11 साल के ओम अमीन ने ‘आईक्यू’ टेस्ट में आइंस्टीन और स्टीफ़न हॉकिंग से भी ज्यादा अंक हासिल किए हैं। अमीन ने लंदन के ‘हाई आईक्यू सोसाइटी’ के मेनसा आईक्यू टेस्ट में महान वैज्ञानिकों से भी दो अंक ज़्यादा हासिल किए। इससे समझा जाता है कि वो दुनिया के तेज़ दिमाग वाले शीर्ष एक फ़ीसदी लोगों में हैं।
बीबीसी एशियन नेटवर्क के विश्व समानी ने उनसे मुलाक़ात की है-
किसी भी बच्चे की तरह ओम भी ‘स्टार वॉर्स’ के बड़े फ़ैन हैं, लेकिन ज़्यादातर बच्चों के उलट वो एक जिनियस भी हैं।मेनसा आईक्यू टेस्ट में बैठने के बाद, उन्हें एक चिट्ठी मिली। इसमें बताया गया कि वो दुनिया के उन एक फ़ीसद लोगों में हैं, जो सबसे ज़्यादा बुद्धिमान हैं।
ओम अमीन ने बताया, “मैं स्कूल के गेट से बाहर आ रहा था, मैं पूरी तरह से थका हुआ था और मेरा दिमाग़ भी काम नहीं कर रहा था, तभी मेरे पिताजी आए. मैंने देखा कि उनका चेहरा सच में चमक रहा था, उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे और उन्होंने कहा, बधाई… यह दिल को छू लेने वाली खुशी थी। इसे बता पाना मुश्किल है, लेकिन मुझे लगा कि मैं खुशी से सातवें आसमान पर पहुंच गया हूं।”
ओम ने मेनसा आईक्यू टेस्ट में ठीक 162 अंक हासिल किए, यह भौतिशास्त्रियों अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफ़न हॉकिंग से ज़्यादा है। ओम अमीन कहते हैं कि ज़्यादा आईक्यू होने के बाद भी मैं यह नहीं कहता कि मैं उन लोगों से ज़्यादा महान हूं। उन लोगों ने जो कुछ हासिल किया है और वो जितने महान थे उससे इनकार नहीं किया जा सकता है। वो लोग मेरे हीरो के समान हैं और मैं उनकी तरह बनना चाहता हूं।
छठी क्लास में पढ़ने वाले अमीन, उत्तर-पश्चिमी लंदन के स्वामीनारायण स्कूल में पढ़ते हैं। वो ‘रुबिक्स क्यूब’ को दो मिनट से भी कम समय में हल कर सकते हैं। 9 साल पहले उनके माता-पिता और दादाजी गुजरात से ब्रिटेन आकर बस गए थे, उनके पिता कार्तिक अमीन नेटवर्क रेल में काम करते हैं। कार्तिक अमीन के मुताबिक़ ओम के अंदर बचन से ही बहुत जिज्ञासा है।
उन्होंने बीबीसी को बताया, “कुछ जानने की उनकी भूख की कोई सीमा नहीं है, वो किसी एक विषय में नहीं बल्कि सभी चीज़ों का ज्ञान रखते हैं, जिससे मुझे हैरानी होती है।” स्कूल में ओम का पसंदीदा विषय इतिहास है और भविष्य के लिए उनके पास कई बड़ी योजनाएं हैं।
ओम कहते हैं, मैं मशीन या कोई ऐसी ही चीज़ बनाना चाहता हूं, या रोबोट या फिर इलाज से जुड़ी कोई चीज़। मेनसा आईक्यू टेस्ट में भाग लेने वाले केवल एक फ़ीसदी लोगों को उच्चतम अंक हासिल हुआ है और इसलिए ये अनोखे लोग है। ओम के अलावा उनके स्कूल के एक छात्र वेदांग रुंगटा ने भी इस साल परफ़ेक्ट स्कोर हासिल किया है, उनकी उम्र भी ग्यारह साल है।
साभार बीबीसी
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