नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने कहा कि संचार के बदलते प्रतिमानों के साथ वैश्विक समुदाय अब एक सीमा रहित विश्व में रह रहा है। इंटरनेट के उद्भव, ऑनलाइन खबरें, सोशल मीडिया एवं उपग्रह संचार ने संचार एवं सूचना क्षेत्र को पूरी तरह बदल कर रख दिया है। मंत्री महोदय ने आज नई दिल्ली में भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) में विकास पत्रकारिता में डिप्लोमा पाठ्यक्रम के 65वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए ये उद्गार व्यक्त किए।
कर्नल राठौर ने कहा कि लोकोन्मुखी पहलों तथा अन्वेषक दृष्टिकोणों के जरिये संचार सरकार की पहुंच रणनीति का एक अहम तत्व रहा है। मन की बात कार्यक्रम एवं माईगोव पोर्टल के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के दुतरफा संचार मंचों के अन्वेषक उपयोग ने बेहतर प्रशासन के लिए लोगों से विचार प्राप्त करने में तथा उनकी संचार आवश्यकताओं एवं दृष्टिकोणों को समझने में सरकार की मदद की है।
इससे पूर्व, आईआईएमसी में कर्नल राठौर ने आईआईएमसी में वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे आईआईएस अधिकारी प्रशिक्षुओं के साथ मुलाकात की। उन्होंने अधिकारी प्रशिक्षुओं से सरकार की संचार रूपरेखा को आगे बढ़ाने तथा मीडिया परिदृश्य को समझने के लिए कौशल एवं रूझान विकसित करने की अपील की।
कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने आईआईएमसी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लांच किया तथा संस्थान, जिसकी स्थापना 1965 में हुई थी, के स्वर्ण जयंती समारोह के एक हिस्से के रूप में स्मृति चिन्ह भी जारी किया।
आईआईएमसी में विकास पत्रकारिता पाठ्यक्रम विकास के एक माध्यम के रूप में संचार के क्षेत्र में अनुभव, विशेषज्ञता एवं अन्वेषकों के आदान-प्रदान के जरिये खासकर, विकासशील विश्व के देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं समझ को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रयास है। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा प्रायोजित आईआईएमसी विकासशील देशों के मीडिया व्यक्तित्वों के लिए विकास पत्रकारिता पर एक विशिष्ट पाठ्यक्रम का संचालन करता है।