उत्तर प्रदेश के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने नमामिगंगे से जुड़ी समस्त निर्माणाधीन इकाइयों द्वारा कराये जा रहे कार्यों की गति तेज करते हुए निर्धारित समय से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कई योजनाओं की धीमी प्रगति पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माणाधीन योजनाओं/परियोजनाओं का वह स्वयं स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
डा0 महेन्द्र सिंह कल विधानसभा के कक्ष संख्या-44 ख में नमामिगंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संचालित परियोजनाओं में पारदर्शिता हर स्तर पर सुनिश्चित की जाए तथा घाटों पर कैमरे लगाये जायं, जिससे कार्यों का अनुश्रवण किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि घाटों को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए नियमित सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाय जिससे आने वाले लोगों को स्वच्छ वातावरण प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि घाटों की किसी न किसी अधिकारी को नामित करते हुए उसको जिम्मेदारी सौंपी जाए।
जलशक्ति मंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि संबंधित जिलों के जिलाधिकारियों से संपर्क कर उनकी अध्यक्षता में बैठक कर योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें एवं कार्य संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्य अभियन्ता समन्वय स्थापित करें। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं पर अधिक से अधिक मानव संसाधन लगाकर माह जून से पहले 15 जून 2021 तक कार्यों को अवश्य पूर्ण करा लें।
प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति श्री अनुराग श्रीवास्तव ने नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत संचालित परियोजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि समीक्षा बैठक में उनके द्वारा दिये गये निदेर्शों का कड़ाई से पालन कराते हुए निर्धारित समय से पूर्व योजनाओं को पूरा कराने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 24 जनपदों में 45 योजनाएं निर्माणाधीन है, जिसमें 21 पूर्ण हैं, 19 परियोजनाओं पर कार्य किये जा रहे हैं। 05 परियोजनाएं निविदा प्रक्रिया में हैं।