लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में बेहतर शांति व्यवस्था कायम रखने हेतु अपराधियों के
मुकदमों को तेजी से निस्तारण कराकर सजा दिलाने का अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि मा0 न्यायालयों में लम्बित ऐसे मुकदमों की पैरवी सक्रियता से कर मा0 न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखते हुये यह पूरा प्रयास किया जाये कि कोई भी अपराधी सजा पाने से वंचित न रहने पाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभियोजन विभाग की पैरवी से बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा दिलाने में सफलता मिलने पर अभियोजन विभाग के अधिकारी प्रशंसा के पात्र हैं।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में अभियोजन विभाग द्वारा आयोजित अर्द्धवार्षिक समीक्षा गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन अपराधियों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा अभियोजन अधिकारियों की पैरवी से करायी गयी है, उनके जिला, थाना, निर्णय की तारीख व सजा का विवरण यथोचित पंजिका में अवश्य अंकित कराया जाये, ताकि मुल्जिमों को सजा दिलाने के काम में लगे अभियोजक, जिला शासकीय अधिवक्ताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं समाज की व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहयोग करने वाले तमाम जिम्मेदार नागरिकों को प्रोत्साहन मिले और आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिये इसका प्रभावी संदेश समाज में अवश्य जाये।
श्री रंजन ने कहा कि अधिक संख्या में लम्बित वादों के निस्तारण के लिये सम्मन, वारण्ट तामीला की नियमित माॅनीटरिंग वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अवश्य सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि थानों के मालखाने में मुकदमों से सम्बन्धित एवं लावारिस पड़े रहने वाले सामान को उनके मालिकों को सुपुर्दगी एवं नीलामी का अभियान चलाया जाये, ताकि पुलिस स्टेशनों में अनावश्यक रूप से लावारिस सामान एकत्रित न हो।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के अभियोजन विभाग द्वारा जुलाई 2015 से प्रदेश स्तर पर ’’अपराधियों को सजा कराओ’’ और ’’शातिर अपराधियों की जमानत खारिज कराकर उन्हें जेल भेजने का अभियान’’ शुरू किया गया है, जिसके उत्साहजनक नतीजे सामने आये है।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिस प्रकार कानून व्यवस्था की बेहतरी के लिये अपराधियों की गिरफ्तारी कर चार्जशीट दाखिल किये जाने का कार्य किया जाता है इसी प्रकार आगे की कार्यवाही मे अभियोजन विभाग के अधिकारियो की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है ताकि अपराधियों को उनके कार्यो की सजा मिल सके और समाज मे उसका प्रभाव पड़ सके।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अभियोजन, डा0 सूर्य कुमार ने बताया कि प्रदेश के अभियोजन विभाग द्वारा जुलाई 2015 से 23 अप्रैल 2016 तक अपराधियों को सजा कराओ अभियान के अन्तर्गत कुल 23473 अपराधियों को प्रभावी पैरवी के फलस्वरूप सजा करायी गयी है। उन्होंने बताया कि इनमे से 24 अपराधियांे का मृत्युदण्ड तथा 2055 अपराधियांे को आजीवन कारावास की सजा दिलायी गयी। इसके अलावा 4295 अपराधियों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा दिलायी गयी। सजा पाने वाले अपराधियों मे 1800 से अधिक हिस्ट्रीशीटर व सक्रिय अपराधी है।
डा0 सूर्य कुमार ने बताया कि इस अवधि में 101425 अपराधियों की जमानतें निरस्त कराई गयी है। 89325 मुकदमों से संबंधित, लावारिस सामानों, वाहनों का निस्तारण कराया गया है साथ ही 21740 गंभीर मुकदमें सत्र सुपुर्द कराकर प्रारम्भ कराये गये है। साथ ही 348827 सम्मन/वारण्ट तामील कराये गये है।