देहरादून: अपर मुख्य सचिव, वन, एस.रामास्वामी ने वनाग्नि के प्रकरणों की समीक्षा करते हुए बताया कि गुरूवार दिनांक 05 मई, 2016 को कोई भी नया प्रकरण प्रकाश में नही आया है। जिला आपातकालीन परिचालन केन्द्रों से प्राप्त सूचना के अनुसार वर्तमान में कोई भी एक्टीव फाॅयर नही है। जबकि बुधवार दिनांक 04 मई, 2016 को एक्टीव फाॅयर के 14 मामले थे। उन्होंने बताया कि आज एक्टीव फाॅयर का कोई मामला न आने के कारण अपराह्न 2 बजे तक भारतीय वायुसेना के एम.आई-17 हैलीकाॅप्टर द्वारा कोई भी उड़ान नहीं भरी गई है। फाॅरेस्ट एक्ट के तहत कोई नई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पूर्व में जनपद नैनीताल में 02 व्यक्ति एवं पिथौरागढ़ में 1 व्यक्ति इस प्रकार कुल 03 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। इसी प्रकार मृतकों की संख्या में भी कोई परिवर्तन नही हैं।
अपर मुख्य सचिव, वन श्री रामास्वामी ने बताया कि वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण पा लिया गया है। साथ ही शासन-प्रशासन पूरी तरह से सजग है। साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं के घटित न होने की निगरानी भी रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि गुरूवार 05 मई, 2016 अपराह्न 2 बजे तक वनाग्नि से प्रभावित कुल क्षेत्रफल 3948.15 हेक्टेयर एवं वनाग्नि मामलों की आज तक संख्या कुल 1798 है। इसके साथ ही बताया कि वन विभाग भारतीय मौसम विभाग से लगातार संपर्क मंे है और मौसम विभाग द्वारा दिनांक 05 मई, 2016 से राज्य में हल्की से मध्यम वर्षां की सूचना प्रसारित की गई है। दिनांक 04 मई, 2016 सायं से गढ़वाल एवं कुमाऊं मण्डल के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि राजाजी नेशनल पार्क (9411177402, 9758762860) कार्बेट टाइगर रिजर्व राष्ट्रीय पार्क (18001804033) नैनीताल चिडि़याघर (9411376605) एवं नन्धौर वाइल्ड लाइफ सैंचुरी (9411076337, 9458192218) के द्वारा सचल वन्यजीव रेस्क्यू वाहन(वाईल्ड लाईफ रेस्क्यू रेपिड रिस्पाॅन्स स्क्वाड) 24 घण्टे तैनात है। समस्त वन प्रभागों को भी ऐसी स्थिति पर त्वरित कार्यवाही करने के दिशा-निर्देश दिये गये है। पिछले 24 घण्टे में कोई वन्य जीव रेस्क्यू की स्थिति नहीं बनी है।
अपर मुख्य सचिव, वन श्री रामास्वामी ने बताया कि राज्य में वनाग्नि के प्रकरणों पर प्रभावी नियंत्रण करने हेतु कुल 11773 कर्मचारी यथा-फायर वाचर, पी.आर.डी., होम गार्ड, पुलिस, ईको-टास्क फोर्स, लोक निर्माण विभाग गैंग आदि क्षेत्रों में तैनात है। इसके अतिरिक्त 03 हैलिकाॅप्टर, 368 वाहन एवं 19 अग्निशमन वाटर टैन्कर भी यथावश्यक उपयोग किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि वनों में रहने वाले गुज्जर पूरी तरह सुरक्षित है। उनके आवासीय क्षेत्रों में किसी प्रकार की चिन्तनीय स्थिति नही है।
