केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज नई दिल्ली में कोविड–19 के गंभीर रोगियों के नैदानिक प्रबंधन के लिए केन्द्र सरकार के अस्पतालों (सफदरजंग अस्पताल, डॉ. आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज) और एम्स, नई दिल्ली की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे भी वर्चुअल रुप से इस समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश दूसरी लहर से गुजर रहा है। अधिकांश राज्यों और केन्द्र -शासित प्रदेशों में रोजाना बहुत अधिक संख्या में मामले दर्ज हो रहे हैं और दैनिक मृत्यु दर में भी वृद्धि हुई है। केन्द्र सरकार ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण के साथ कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कर रही है। राज्य और केन्द्र – शासित प्रदेशों के सहयोग से केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए विभिन्न सक्रिय निर्णयों के कारण अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि दैनिक मामलों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि के मद्देनजर, दवाओं और प्रशिक्षित श्रमशक्ति के साथ – साथ पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति के अलावा ऑक्सीजन समर्थित और आईसीयू बिस्तरों की जरूरत कई गुना बढ़ गई है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सीजन समर्थित और आईसीयू-वेंटिलेटर बिस्तरों सहित बिस्तरों की उपलब्धता की विस्तार से समीक्षा की। विभिन्न अस्पतालों ने कोविड के रोगियों की जरूरतों को तत्काल पूरा करने के उद्देश्य से बिस्तरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे तात्कालिक कदमों के बारे में बताया। केन्द्रीय मंत्री ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया कि वे फैब्रिकेटेड अस्पतालों, गैर- कोविड बिस्तरों के व्यवस्थित इस्तेमाल (ताकि ये स्वास्थ्य सेवाएं अनावश्यक और प्रतिकूल रूप से प्रभावित न हों), मौजूदा परिसरों में भवनों / ब्लॉकों और वार्डों के रूपांतरण के जरिए कोविड समर्पित सुविधाओं को बढ़ाने की योजनाओं पर तत्काल काम शुरू करें।
बैठक में यह भी बताया गया कि सफदरजंग अस्पताल 172 और कोविड बिस्तरों (कुल 391) के साथ बिस्तरों की उपलब्धता को बढ़ा रहा है। इसके साथ–साथ, सफदरजंग अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक को केवल कोविड रोगियों के लिए एक विशेष ब्लॉक में बदल दिया जाएगा। इसके अलावा, सीएसआईआर की मदद से 46 बिस्तरों (32 आईसीयू बिस्तरों सहित) और जोड़े जा रहे हैं।
डॉ. आरएमएल अस्पताल ने बताया कि वे कुछ अन्य गैर – कोविड भवनों को कोविड समर्पित उपचार सुविधाओं के लिए परिवर्तित कर रहे हैं। यह कदम कोविड रोगियों को 200 अतिरिक्त बिस्तर मुहैया कराएगा।
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) में, सीएसआईआर द्वारा 240 और बेड बनाए जा रहे हैं, जो जल्द ही चालू हो जाएंगे। डीएसआईआर के सचिव एवं वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. शेखर मंडे ने आश्वासन दिया कि चल रहे प्रयासों को मजबूत करने और उसमें तेजी लाने के लिए सभी सहायता प्रदान की जा रही है।
एम्स, नई दिल्ली के निदेशक ने अन्य वार्डों / ब्लॉकों जैसे कि बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी सेंटर, एनसीआई झज्जर, डॉ. आर पी सेंटर फॉर ओफ्थैलेमिक साइंसेज और जेरियाट्रिक वार्डों में और अधिक बिस्तर को जोड़ने से संबंधित विस्तार की योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की। केवल कोविड रोगियों के लिए समर्पित बिस्तरों की कुल क्षमता को बढ़ाकर 1000 से अधिक की जाएगी।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने केन्द्र सरकार के विभिन्न अस्पतालों और एम्स, नई दिल्ली में ऑक्सीजन की उपलब्धता की स्थिति और आपूर्ति को समय पर बढ़ाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने उत्पादक स्रोतों से अस्पतालों तक ऑक्सीजन आपूर्ति के परिवहन से जुड़े लॉजिस्टिक की समस्याओं को हल करने और उसे कारगर बनाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों की जानकारी दी। उन्होंने डीपीआईआईटी के 24 x 7 कंट्रोल रूम की जानकारी दी, जो ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति के लिए दिल्ली के सभी परिवहन संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए काम कर रहा है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली के अस्पतालों में सभी स्थानों पर 5 प्रेशर स्विंग एडसोर्पशन (पीएसए) संयंत्रों को स्थापित करने में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने आने वाले दिनों में कोविड – 19 रोगियों को समय पर उपचार प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार के सभी अस्पतालों को विस्तार की योजनाओं के साथ तैयार रहने का निर्देश दिया। एम्स, एनआईसी झज्जर, सफदरजंग, एलएचएमसी और डॉ. आरएमएल अस्पताल में तत्काल डीआरडीओ-टाटा सन्स के ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने का भी फैसला किया गया। इन संयंत्रों में प्रति मिनट 1000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने की क्षमता होगी।
श्री अश्विनी कुमार चौबे ने केन्द्र सरकार के अस्पतालों के प्रमुखों को अस्पताल सुरक्षा के उपायों के बारे में याद दिलाया, क्योंकि आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया था। उन्होंने कोविड के कई रोगियों को बिना किसी दवाई के अस्पतालों से लौटाए जाने की खबरों की ओर इशारा करते हुए उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि सभी कोविड रोगियों को केंद्रीय अस्पतालों की ओर से दवाइयां उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों, जो पिछले एक साल से निस्वार्थ सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, के लिए बिस्तरें उपलब्ध हों।
इस बैठक में डॉ. (प्रोफेसर), सुनील कुमार, डीजीएचएस; डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक एम्स, नई दिल्ली; डॉ डी. एन. माथुर, निदेशक एलएचएमसी; डॉ. एन गोपलाकृष्णन, निदेशक सीएसआईआर-सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई); डॉ. एस. वी. आर्य, एमएस, सफदरजंग अस्पताल; और डॉ. राणा ए के सिंह, एमएस, डॉ. आरएमएल अस्पताल भी उपस्थित थे।