लखनऊ: प्रभारी अधिकारी कोविड 19 लखनऊ डॉ रोशन जैकब द्वारा आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेडक्रॉस के आरआरटी एवं निगरानी समितियों के कार्यो के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये गए हैं कि सीएचसी के अन्तर्गत आने वाले 02 टेस्टिंग यूनिट को कैसरबाग बस स्टैण्ड से हटाकर एक को नारी निकेतन, एवं दूसरे को सदर अर्बन पीएचसी में स्थापित कराया जाये। बस स्टैण्ड पर टेस्टिंग का कार्य टेस्टिंग सेण्ट्रल टीम द्वारा कराया जाये। सीएचसी में पर्याप्त स्थान न होने के कारण उचित होगा कि टीकाकारण कैम्प को भी नारी निकेतन में स्थापित कर दें। जिला प्रशासन द्वारा इस विषय में विद्यालय प्रबन्धन से वार्ता कर व्यवस्था किया जाये। टीकाकारण के सही स्थान की सूचना सीएचसी के नोटिस बोर्ड पर कराई जाये जिससे कि जनता द्वारा सुगमता से अपना टीकाकरण कराया जा सके।
प्रभारी अधिकारी द्वारा निर्देश दिये गए हैं कि अर्बन पीएचसी में दवाइओं की किट और विशेषकर आइवरमेकटिन की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि सर्विलांस टीम द्वारा अपने दैनिक एक्टिविटी से पूर्व वहॉं से दवायें सुगमता से प्राप्त की जा सके। सर्विलांस टीम में शामिल आशाओं की ड्यूटी अपने ही कार्य क्षेत्र में निर्धारित की जानी चाहिए, जिससे कि उनकी वास्तविक उपयोगिता टीम को प्राप्त हो सके। क्योंकि धनात्मक रोगियों की संख्या इस क्षेत्र में कम है, सर्विलांस टीम द्वारा घर-घर सम्पर्क करना और लक्षणात्मक व्यक्तियों को चिन्ह्ति किये जाने का कार्य यहॉं अधिक महत्वपूर्ण है।
प्रभारी अधिकारी द्वारा निर्देश दिये गए हैं कि रेड क्रॉस सीएचसी क्षेत्र के अन्तर्गत आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या में तत्काल वृद्धि सुनिश्चित करें और धनात्मक पाये जाने वाले व्यक्तियों को समय से दवा उपलब्ध हो पाये इस हेतु रोज की आरआरटी टीम के माइक्रोप्लान की आपके स्तर पर विस्तृत समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित कराया जाये कि टीम की संख्या एवं स्वरूप दिये हुए निर्देशों के अनुरूप हों।
प्रभारी अधिकारी कोविड 19 लखनऊ द्वारा आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेडक्रॉस के आरआरटी एवं निगरानी समितियों के कार्यो का निरीक्षण में उनके द्वारा किये जा रहे टेस्टिंग कार्य की भी समीक्षा की गई। निरीक्षण में दोनों ही कार्य अत्यन्त निम्न श्रेणी के पाये गये। कल 09 मई, 2021 को इस सीएचसी द्वारा एंटीजन टेस्ट 500 एवं आरटीपीसीआर टेस्ट मात्र 50 कराया गया है, जबकि पूर्व में कई बार निर्देश दिया जा चुका है कि वर्तमान में घनी आबादी इलाकों में अधिक संख्या में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एवं टेस्टिंग कराया जाना आवश्यक है, जिससे धनात्मक रोगियों को समय से उपचार उपलब्ध हो सके। एमओआईसी द्वारा अवगत कराया गया कि 2 स्टैटिक टीम द्वारा टेस्टिंग कार्य कराया जा रहा है और दोनों ही कैसरबाग बस स्टैण्ड पर संचालित है।
टेस्टिंग कम होने से धनात्मक व्यक्तियों की आज की संख्या मात्र 38 है और आरआरटी टीम के पास उनकी क्षमता के अनुरूप कार्य नहीं है। सदर क्षेत्र के निरीक्षण में मौके पर 02 आरआरटी टीम पाये गये और प्रत्येक टीम के पास 5 या 6 घरों की ही सूची पायी गई। प्रातः 11.30 बजे तक टीम द्वारा किसी भी घर से सम्पर्क नहीं किया था और न ही इनके साथ आशा या ए0एन0एम0 मौजूद थे। एक टीम में दो लैब टेक्नीशियन थे, पूर्व में भी निर्देशित किया जा चुका है कि टीम में मात्र 01 लैब टेक्नीशियन को ही रखा जाये।
इसी सीएचसी के अर्बन पीएचसी सदर का भी निरीक्षण किया गया, वहॉं पर 02 सर्विलांस टीम के सदस्य 4 आशा उपस्थित पाये गये और उनसे पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि प्रत्येक टीम के द्वारा 50 घरों में सम्पर्क किया जाता है, मगर भ्रमण सूची उनके द्वारा उपलब्ध नहीं करायी जा सकीं। दवा वितरण के सम्बन्ध में यह अवगत कराया कि उनके पास आइवरमेकटिन उपलब्ध नहीं है। सेंट्रल स्टोर से सभी सीएचसी को पर्याप्त दवाइयॉं उपलब्ध करायी जा चुकी हैं, इसके बावजूद भी सर्विलांस टीम के पास दवाइया उपलब्ध न होना अत्यन्त आपत्तिजनकं है।
45 वर्ष के ऊपर के लोगों के लिए टीकाकरण कार्य सीएचसी के अन्दर ही संचालित था, मगर सीएचसी में जगह अत्यन्त कम होने से अधिक भीड़ इकट्ठा थी और वह अपने आप में एक कोविड हॉटस्पॉट बनने का खतरा है।