लखनऊ: निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ,उत्तर प्रदेश, डॉ0 रोशन जैकब ने समस्त जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि उपखनिजों के भंडारण अनुज्ञा हेतु जनपदों में प्राप्त आवेदन पत्रों का उत्तर प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियमावली-2018 के प्रावधानों के अंतर्गत नियमानुसार यथाशीघ्र निस्तारण कर मानसून से पूर्व पर्याप्त उपखनिज (बालू एवं मोरम)का भंडारण सुनिश्चित कराएं।
डाॅ0 जैकब ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भंडारण अनुज्ञप्ति जारी करते समय यह ध्यान रखा जाए कि भंडारण अनुज्ञप्ति की आड़ में नदी तल से अवैध खनन की संभावना न हो, अभिवहन प्रपत्र का दुरुपयोग ना होने पाए एवं मा0 न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों का अनुपालन भी सुनिश्चित हो।
श्रीमती जैकब ने बताया कि उत्तर प्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) नियमावली-2018 के अंतर्गत खनिजों के भंडारण अनुज्ञप्ति निर्गत करने का प्राविधान है।मानसून अवधि(01 जुलाई से 30 सितंबर तक)में पर्यावरण,वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय,भारत सरकार, नई दिल्ली के दिशा निर्देशों के अनुसार नदी तल में उपलब्ध उपखनिज (बालू एवं मोरम )के स्वीकृत खनन पट्टों से खनिजों का खनन एवं निकासी प्रतिबंधित रहती है। मानसून अवधि में उपखनिजों की अनुपलपब्धता हो जाने के कारण बाजार में उपखनिजों के मूल्य वृद्धि होने की संभावना बनी रहती है ।
इसके दृष्टिगत डॉ0 रोशन जैकब ने जनपद स्तर पर लंबित आवेदन पत्रों पर नियमानुसार कार्रवाई कराते हुए यथाशीघ्र माह मई के द्वितीय सप्ताह तक निस्तारण किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया है ताकि माह मई के अवशेष अवधि एवं माह जून में खनिजों का पर्याप्त भंडारण हो सके तथा मानसून अवधि में उप खनिज (बालू/मोरम)की पर्याप्त उपलब्धता की निरंतरता बनी रहे और उनके मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण भी हो सके।