उत्तर पूर्वी राज्य विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन और परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में ऑक्सीजन सिलेंडर्स और वेंटिलेटर्स का ऑडिट कराने का निर्देश दिया, ताकि संकट की इस घड़ी में ज़रूरत मंद लोगों के लिए इनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि कथित रूप से ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण एक भी मौत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे समाज में भय व्याप्त होता है और किए गए सभी अच्छे कार्यों पर पानी फिर जाता है। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जम्मू के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान जीएमसी से यह संदेश जाना चाहिए कि जीएमसी जम्मू यह सुनिश्चित करेगी कि ऑक्सीजन की कमी के कारण एक भी मौत नहीं होगी।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मेडिकल कॉलेज में कोविड मरीजों के इलाज में दिक्कतें आने संबंधी रिपोर्टों को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासकों और चिकित्साकर्मियों की एक आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार आरआर भटनागर, वित्त आयुक्त अटल डुल्लो, जम्मू के डिविजनल कमिश्नर राघव लंगर, जम्मू के ज़िला कलेक्टर अंशुल गर्ग और जीएमसी जम्मू की प्रिंसिपल डॉ. शशि सूदन शर्मा और अन्य ने हिस्सा लिया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड से मुक़ाबले में सामुदायिक प्रबंधन एक महत्वपूर्ण पहलू है और जीएमसी तथा राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों को समुदायों को विश्वास में लेने के लिए संकोच नहीं करना चाहिए और उनसे सहयोग मांगा जाना चाहिए।
डॉ सिंह ने राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी), जम्मू समेत केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू व कश्मीर के विभिन्न जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता में वृद्धि करने को कहा। श्री जीतेंद्र सिंह को बैठक में बताया गया कि जीएमसी जम्मू में दो ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं जिनकी उत्पादन क्षमता 1200 एलपीएम की है। जम्मू के चेस्ट एंड डिजीज अस्पताल में भी एक 1000 एलपीएम क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किया गया है। इसके अलावा गांधीनगर स्थित सरकारी अस्पताल में भी 1000 एलपीएम क्षमता का संयंत्र स्थापित किया गया है। जीएमसी जम्मू में दो और संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं ताकि आवश्यकता की पूर्ति के लिए ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सके। ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में डॉ जितेंद्र सिंह को जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि जीएमसी जम्मू में वर्तमान समय में 400 से अधिक सिलेंडर्स का बफर स्टॉक उपलब्ध है। अस्पताल की ऑक्सीजन क्षमता को बढ़ाने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए डॉ सिंह ने केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर में ऑक्सीजन क्षमता और वेंटिलेटर की ऑडिट का निर्देश दिया, सघन चिकित्सा देखभाल के अभाव में किसी एक की भी जान न जाने पाये। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष और लोगों की जान को बचाने में अपनी तरफ से पूरी मदद का भरोसा दिलाया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने डिविजनल कमिश्नर को जीएमसी जम्मू में एक मैकेनिक मैकेनिकल इंजीनियर और एक बायोमेडिकल इंजीनियर की तैनाती का निर्देश दिया ताकि अस्पताल में इलाज करा रहे कोरोनावायरस के मरीजों के लिए नर्सिंग स्टाफ या मरीजों के परिजनों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के संबंध में संघर्ष न करना पड़े और उपयुक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से नियमित मेडिकल बुलेटिन जारी करने को कहा। उन्होंने अस्पताल में जो कुछ भी किया जा रहा है उससे जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराने को कहा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने गंभीर मरीजों की देखभाल और उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के क्रम में वेंटिलेटर की स्थिति की समीक्षा की। इस संबंध में उनको बताया गया कि जीएमसी जम्मू को लगभग 60 वेंटिलेटर्स और रेस्पिरेटर्स उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को दूर करने के लिए प्रशासन से परास्नातक छात्रों, अंतिम वर्ष के चिकित्सा छात्रों, पैरामेडिकल और नर्सिंग छात्रों को तैनात करने को कहा। डॉ सिंह ने जीएमसी चिकित्सकों से चोपड़ा नर्सिंग होम में अपने निजी कक्ष या चैंबर खाली करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें कोविड चैंबर में तब्दील किया जा सके।
डॉ जितेंद्र सिंह ने मरीजों के परिजनों के लिए उपयुक्त व्यवस्था करने को कहा है जिसमें एसओपी और पीपीई किट शामिल हैं। कोविड-19 के परिजनों की संवेदनशीलता के साथ काउंसलिंग की जानी चाहिए इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, और इस क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों की सहायता ली जानी चाहिए। इसके लिए उन्होंने डीसी गर्ग को उत्तरदायित्व सौंपा।
जम्मू में टीकाकरण के संबंध में डॉक्टर सिंह को सूचित किया गया कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लगभग 96% लोगों का जम्मू क्षेत्र में टीकाकरण किया जा चुका है जोकि संपूर्ण केंद्र शासित क्षेत्र का लगभग 60% है। 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के लिए टीकाकरण के संबंध में उनको जानकारी दी गई कि प्रतिदिन जम्मू में लगभग 200 से 250 लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं और अब तक इस आयु वर्ग में जम्मू में कुल 16438 व्यक्तियों को टीके लगाए जा चुके हैं। डॉ सिंह ने सुझाव दिया कि टीकाकरण के संबंध में बेहतर सूचना जनता तक पहुंचाई जानी चाहिए और यदि कोई टीकाकरण केंद्र किसी समय या दिन में काम नहीं कर रहा है तो इसके संबंध में भी लोगों को सूचना दी जानी चाहिए।
डॉ सिंह ने यह भी कहा कि रेफर किए गए मरीजों के संबंध में भी व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहिए और जीएमसी जम्मू में केवल उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाना चाहिए जिन्हें सघन चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता है। इस संबंध में उन्हें बताया गया कि कोविड-19 मरीजों को होम किट उपलब्ध कराई जा रही है और कॉल सेंटर कोविड-19 मरीजों से नियमित आधार पर संपर्क कर रहे हैं ताकि केवल गंभीर रोगियों को ही अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता पड़े और गंभीर मरीज ही अस्पताल का रुख करें।
उन्होंने कोविड-19 की इस महामारी से लड़ाई में लोगों को उपयुक्त कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करवाने के लिए लोगों तक पहुंचने के क्रम में विभिन्न सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों के बीच बेहतर समन्वय का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केंद्र शासित प्रदेश को हर संभव सहायता देने को लेकर प्रतिबद्ध है ताकि लोगों का जीवन बचाने के लिए स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को और बेहतर किया जा सके।