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आंध्र प्रदेश के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपने मार्ग पर है, जो नेल्लोर में 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी

देश-विदेश

भारतीय रेलवे मौजूदा चुनौतियों का सामना और नए उपायों की तलाश के साथ देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के अपने अभियान पर निरंतर काम कर रही है। भारतीय रेलवे द्वारा अब तक देश के विभिन्न राज्यों में लगभग 500 टैंकरों में लगभग 7900 मीट्रिक टन चिकित्सा उपयोग हेतु तरल ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न भागों में लगभग 800 मीट्रिक टन दैनिक ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस की पहली यात्रा 20 दिन पहले 24 अप्रैल, 2021 को शुरू हुई थी, जिसमें 126 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र को की गई थी।

भारतीय रेलवे ने पिछले 20 दिनों में अपने ऑक्सीजन एक्सप्रेस अभियान को लगातार सशक्त बनाया है और अब तक 12 राज्यों को 7900 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा चुकी है।

भारतीय रेलवे पश्चिम में हापा और मुन्द्रा से तो पूरब में राऊरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर और अंगुल से देश के विभिन्न राज्यों की मांग पर ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है। जिन राज्यों को आपूर्ति की जा रही है उनमें उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इसके लिए जटिल मार्ग प्रचालन योजना तैयार की जा रही है।

राज्यों की मांग पर कम से कम समय में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ियों के प्रचालन में नए मानदंड स्थापित कर रहा है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है फिर भी लंबी दूरी वाले मार्गों पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस ज़्यादातर मामलों में 55 किमी प्रति घंटे की दर से चल रही है। ग्रीन कॉरीडोर में चलने वाली इन रेल गाड़ियों के प्रचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और इसकी आपात आवश्यकता को समझते हुए विभिन्न ज़ोन के अधिकारी और कर्मचारी वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अनथक कार्य कर रहे हैं तक ऑक्सीजन को लोगों तक यथासंभव कम से कम समय में पहुंचाया जा सके। विभिन्न खंडों पर चालक दल के सदस्यों की अदला बदली के लिए इन गाड़ियों के ठहराव के समय को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।

मार्गों को लगातार खुला रखा जा रहा है और मार्गों के रखरखाव तथा देख रेख के लिए उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस निर्बाध रूप से अपनी यात्रा जारी रख सकें।

इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस के परिचालन के कारण अन्य मालवाहक गाड़ियों की रफ्तार या परिचालन प्रभावित न हो।

इस विज्ञप्ति को लिखे जाते समय तक आंध्र प्रदेश और केरल के लिए रवाना हुई पहली ऑक्सीज़न एक्सप्रेस अपने मार्ग पर हैं, जो क्रमश: 40 मीट्रिक टन और 118 मीट्रिक ऑक्सीजन की आपूर्ति करेंगी।

आज सुबह तमिलनाडु पहुंची पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई। दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपने मार्ग पर है।

यह उल्लेखनीय है कि अब तक 130 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने अपनी यात्रा पूरी कर ली है जिनसे राज्यों को बड़े पैमाने पर राहत पहुंचाई गई है।

भारतीय रेलवे, राज्यों की मांग पर यथासंभव मात्रा और कम से कम समय में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है और इस पर लगातार काम कर रहा है।

यह विज्ञप्ति लिखे जाने तक महाराष्ट्र को 462 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश को लगभग 2210 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश को 408 मीट्रिक टन, हरियाणा को 1228 मीट्रिक टन, तेलंगाना को 308 मीट्रिक टन, राजस्थान को 72 मीट्रिक टन, कर्नाटक को 120 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 80 मीट्रिक टन और तमिलनाडु में 80 मीट्रिक टन जबकि दिल्ली में 2934 मीट्रिक टन ऑक्सीज़न की आपूर्ति की गई।

ऑक्सीज़न की ढुलाई एक जटिल प्रक्रिया है और ढुलाई से जुड़े आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। कुछ और ऑक्सीजन एक्सप्रेस देर रात अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगी।

भारतीय रेलवे ने ऑक्सीजन आपूर्ति के अलग-अलग मार्गों की पहचान की है और उभरती आवश्यकताओं के क्रम में राज्यों की मांग पर आपूर्ति की रेलवे की पूरी तैयारी है। तरल मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए भारतीय रेलवे को टैंकर राज्य सरकारों द्वारा उपलब्ध कराये जाते हैं।

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