21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

महामारी के बीच, भारत ने हासिल किया ग्रामीण विकास में नया मील का पत्थर

देश-विदेश

भले ही ग्रामीण भारत बढ़ती कोविड महामारी की दूसरी लहर की चपेट में आ गया हो, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ये सुनिश्चित किया है कि देश भर में विकास कार्य प्रभावित नहीं हों। अवधि के दौरान देश ने मंत्रालय के अंतर्गत जारी कई योजनाओं में तेजी और प्रगति देखी है। विकास कार्यों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रमुख लोगों को प्रशिक्षित भी किया गया है। 

कोविड महामारी के बीच मई 2021 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत 1.85 करोड़ लोगों को काम दिया गया। ये काम मई 2019 की समान अवधि में दिये गये काम से 52 प्रतिशत ज्यादा है, जब प्रतिदिन 1.22 करोड़ लोगों को काम दिया गया था। 13 मई 2021 तक 2.95 करोड़ लोगों को वित्त वर्ष 2021-22 में काम दिया जा चुका है, जिसमें 5.98 लाख संपत्तियां पूरी हुईं और 34.56 करोड़ श्रमिक-दिवस उत्पन्न हुए। अग्रिम पंक्ति में काम कर रहे कर्मचारियों सहित सभी स्तरों पर कार्यरत कर्मियों के बीच संक्रमण और मौतों के रूप में नुकसान के बावजूद ये उपलब्धि हासिल की गयी।   

ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए कोविड-19 के लिये उचित व्यवहार, टीकाकरण, टीके को लेकर झिझक और बेहतर स्वास्थ्य के प्रति उचित व्यवहार के लिये प्रोत्साहन और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने आदि को लेकर दीनदयाल अन्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत 8-12 अप्रैल 2021 से शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। पहल के अंतर्गत राज्य, जिला और ब्लॉक स्तरीय 13,958 नोडल व्यक्ति 34 एसआरएलएम में प्रमुख प्रशिक्षक के रूप में प्रशिक्षित हुए। प्रमुख प्रशिक्षकों के द्वारा 1,14,500 कम्युनिटी रिस्प़ॉन्स पर्सन (सीआरपी) और सीआरपी के द्वारा 2.5 करोड़ महिला एसएचजी सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया। राज्य एवं जिला स्तरीय नोडल व्यक्तियों को डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत कोविड प्रबंधन में क्षमता निर्माण और सामाजिक विकास के लिये भी प्रशिक्षित किया गया।

राहत देने और रोजगार उत्पन्न करने के लक्ष्य के साथ वित्त वर्ष 2021 में करीब 56 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड और कम्युनिटी इनवेस्टमेंट फंड महिला स्वयं सहायता समूहों को जारी किया गया जो कि वित्त वर्ष 2020 की समान अवधि में 32 करोड़ रुपये था। इसी अवधि में कर्मचारियों और सामुदायिक वर्गों के लिये कृषि और गैर कृषि आधारित आजीविका और एसएचजी परिवारों के द्वारा कृषि-पोषक उद्यानों को बढावा देने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण भी जारी रहा।

20 राज्यों/यूटी में लॉकडाउन और इसकी वजह से लोगों, मशीनों और सामग्री की उपलब्धता में मुश्किलों के बावजूद इस साल बीते 3 साल की तुलना योग्य अवधि के मुकाबले सबसे ज्यादा लंबी सड़कों का निर्माण पूरा हुआ। पहली अप्रैल से 12 मई के बीच प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत सड़क का कुल निर्माण वित्त वर्ष 2021 में 1795.9 किलोमीटर और कुल खर्च 1693.8 करोड़ रुपये रहा जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुताबिक कहीं ज्यादा है।

image001F700.png

image002XM7L.png

अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं की तरह ही प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण योजना भी कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई। हालांकि व्यवस्थित कार्य प्रवाह से मंत्रालय इस वित्त वर्ष में 5854 करोड़ रुपये व्यय करने में सक्षम रहा, जबकि 2020-21 में ये व्यय 2512 करोड़ रुपये और 2019-20 में 1411 करोड़ रुपये था, जो कि इसी तुलनायोग्य अवधि में 2021-22 के व्यय का क्रमश: 43 प्रतिशत और 24 प्रतिशत हैं। 

image003KCEB.png

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More