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नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों एवं सदस्यों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कोविड प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन कराया जाए

उत्तर प्रदेश

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर प्रभावी बनाए रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव एवं उपचार के संबंध में राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति इसके संक्रमण की रोकथाम में अत्यन्त सफल सिद्ध हो रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से कमी आ रही है। कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर में कमी एवं रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री जी आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 3,981 केस आए हैं। इसी अवधि में 11,918 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में 30 अप्रैल, 2021 को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक एक्टिव मामले 3,10,783 थे। वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 76,703 हो गयी है। इस प्रकार विगत 30 अप्रैल के सापेक्ष एक्टिव मामलों की संख्या में 2,34,080 की कमी आयी है, जो 75 प्रतिशत से अधिक है।
मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में यह दर 94.3 प्रतिशत है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर लगातार कम हो रही है। प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में 3,26,399 कोविड टेस्ट किए गए हैं। यह न केवल प्रदेश में एक दिन में किए गए सर्वाधिक कोरोना टेस्ट हंै बल्कि संपूर्ण देश में एक दिन में संपादित सर्वाधिक कोरोना टेस्ट भी हैं। प्रदेश में अब तक 4 करोड़ 70 लाख 63 हजार 616 कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए संचालित वृहद जांच अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश में संक्रमण दर निरन्तर कम हो रही है। निगरानी समितियों द्वारा मेडिकल किट के वितरण के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह कार्रवाई निरंतर और प्रभावी ढंग से चलाई जाए। लक्षण युक्त एवं संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिकल किट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा सेक्टर के प्रभारी अधिकारी को जवाबदेह बनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि निगरानी समितियों द्वारा मेडिकल किट के वितरण के साथ ही संबंधित व्यक्तियों की सूची बनाई जाए। यह सूची इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आई0सी0सी0सी0) तथा जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाए। आई0सी0सी0सी0 द्वारा मेडिकल किट प्राप्त करने वाले व्यक्तियों से किट की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के साथ ही उनका कुशलक्षेम भी लिया जाए। जनप्रतिनिधिगण द्वारा भी मेडिकल किट प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के साथ संवाद स्थापित कर उनका हालचाल प्राप्त किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने राज्य में ब्लैक फंगस की दवाओं की उपलब्धता के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि ब्लैक फंगस के संक्रमण से प्रभावित सभी मरीजों को दवा उपलब्ध कराई जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में ब्लैक फंगस की दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता रहे। निजी अस्पतालों में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों को भी दवा उपलब्ध कराई जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस संक्रमण की दवा की कालाबाजारी न होने पाए।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि कोविड बेड की संख्या में निरन्तर वृद्धि की जाए। आवश्यक मानव संसाधन की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जाए, इसके लिए भर्ती की कार्यवाही तेजी से सम्पन्न की जाए। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को प्रभावी बनाए रखने के लिए उनके निर्देशों के अनुरूप कार्यवाही की जा रही है। कोविड बेड की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। विगत दिवस प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 13 बेड की वृद्धि हुई है। इसमें आइसोलेशन बेड के अलावा आई0सी0यू0 बेड भी शामिल हैं। मानव संसाधन में भी लगातार वृद्धि की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि सभी मेडिकल काॅलेजों में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) की स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर पूरा किया जाए। सभी 58 मेडिकल काॅलेजों में 100-100 बेड का पीकू स्थापित किया जाए। उन्होंने इस कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता पर पूरा करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भविष्य में कोरोना संक्रमण की सम्भावित वेव की रोकथाम के लिए मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है। इसके लिए अभी से कार्यवाही किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण के अनुभव का उपयोग करते हुए कोरोना संक्रमण की भविष्य में किसी भी आशंका से निपटने की तैयारी की जानी चाहिए। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर को सुदृढ़ बनाकर प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए। इन स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए एक व्यक्ति को जिम्मेदारी देकर कार्य व्यवस्थित, त्वरित तथा प्रभावी ढंग से संपन्न कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मेडिकल उपकरणों के रख-रखाव, आवश्यक मानव संसाधन, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाया जाए। स्वास्थ्य केन्द्रों की साफ-सफाई तथा रंगाई-पुताई कराई जाए। जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बनकर तैयार हो गए हैं उन्हें फंक्शनल कराया जाए। निर्माणाधीन स्वास्थ्य केंद्रों को शीघ्र पूर्ण करा कर संचालित कराया जाए। इनके लिए आवश्यकतानुसार मानव संसाधन की व्यवस्था भी जनपद स्तर पर की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में उपलब्ध समस्त वेंटिलेटर कार्यशील अवस्था में रहे। खराब वेंटिलेटर की तुरन्त मरम्मत कराकर क्रियाशील किया जाए। उन्होंने कहा कि वेंटीलेटर के संचालन के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर तथा आई0टी0आई0 में उपलब्ध टेक्नीशियन की जनपदवार सूची बनाकर राज्य स्तर पर ट्रेनिंग कराई जाए। ट्रेनिंग के पश्चात इन टेक्नीशियन को आवश्यकतानुसार तैनाती की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग 400 बेड के मेडिकल कॉलेजों में बेड की संख्या बढ़ाकर 700 बेड किए जाने की कार्रवाई यथाशीघ्र प्रारंभ करे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के द्वितीय चरण में पोस्ट कोविड केयर की आवश्यकता पड़ रही है। इसके दृष्टिगत सभी कोविड अस्पतालों में पोस्ट कोविड केयर वाॅर्ड स्थापित किया जाए। इन वाॅर्डों में पोस्ट कोविड मरीजों के उपचार की पूरी व्यवस्था की जाए। साथ ही इन वाॅर्डों के मरीजों तथा उनके परिजनों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक जनपद में महिलाओं और बच्चों को नॉन-कोविड इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक अस्पताल की व्यवस्था रहनी चाहिए। महिलाओं और बच्चों के लिए ‘102’ एम्बुलेंस सेवा भी निरंतर कार्यशील रहनी चाहिए। उन्होंने नॉन कोविड गम्भीर मरीजों के लिए भी जनपद स्तर पर एक अस्पताल की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी एक  सप्ताह में सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर एंटीजन टेस्ट, इमरजेंसी उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इन केंद्रों पर वैक्सीनेशन की कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए तैयारी पूर्ण कर ली जाए।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में 618 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। विगत कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या में कमी आने से ऑक्सीजन की मांग में भी तेजी से कमी आई है। अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बैकअप उपलब्ध है। होम आइसोलेशन के मरीजों में भी ऑक्सीजन की डिमाण्ड में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट की रिपोर्ट को प्रकाशित कराए जाने के साथ ही सभी अस्पतालों को उपलब्ध कराया जाए जिससे भविष्य में इसका उपयोग किया जा सके। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही को त्वरित गति से आगे बढ़ाने के लिए जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी की तैनाती कर दैनिक समीक्षा की जाए। शासन स्तर पर भी ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के संबंध में नियमित समीक्षा की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार व्यापक स्तर पर निःशुल्क कोविड वैक्सीनेशन करा रही है। उन्होंने निर्देशित किया कि कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही व्यवस्थित, निर्बाध और सुचारु ढंग से जीरो वेस्टेज को ध्यान में रखकर संचालित की जाए। ग्रामीण क्षेत्र में वैक्सीनेशन कार्य को त्वरित और प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए कॉमन सर्विस सेण्टर (सी0एस0सी0) को सक्रिय कर वैक्सीनेशन हेतु रजिस्ट्रेशन में उपयोग किया जाए। वैक्सीनेशन सेंटर पर वेटिंग एरिया तथा ऑब्जरवेशन एरिया की व्यवस्था होनी चाहिए। वैक्सीनेशन सेंटर पर अनावश्यक भीड़-भाड़ ना हो। उन लोगों को ही वैक्सीनेशन सेंटर पर बुलाया जाए जिनका वैक्सीनेशन किया जाना है।
मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि 1 जून 2021 से सभी 75 जनपदों में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं के वैक्सीनेशन का कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इस संबंध में पूरी तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री जी को यह भी अवगत कराया गया कि उनके निर्देशानुसार प्रत्येक जनपद में 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों के लिए वैक्सीनेशन हेतु कम से कम दो ‘अभिभावक स्पेशल बूथ’ बनाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरी इलाकों से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में भी वैक्सीनेशन की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों की आयु 22 से 44 वर्ष के बीच होती है। यह सर्वाधिक कामकाजी वर्ग भी है। उनके वैक्सीनेशन के विशेष प्रयास आवश्यक हैं। भविष्य में कोरोना संक्रमण से बच्चों के प्रभावित होने की आशंका को देखते हुए इस वर्ग को चिन्हित कर वैक्सीनेशन प्रभावी ढंग से कराया जाए। उन्होंने कहा कि सूचना विभाग द्वारा वैक्सीनेशन हेतु पात्र व्यक्तियों के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शिक्षा विभाग में संचालित ऑपरेशन कायाकल्प की भांति जन सहयोग के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर में आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था तथा रखरखाव को बेहतर बनाया जाना चाहिए। स्वास्थ्य केंद्रों की कनेक्टिविटी बेहतर होनी चाहिए। यहां पर पार्किंग की भी व्यवस्था होनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा एक-एक सीएचसी, पीएचसी तथा हेल्थ एवं वैलनेस सेंटर को गोद लिया जाए। जनप्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों का भ्रमण कर सभी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग की कार्यवाही युद्ध स्तर पर जारी रखी जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर तथा घनी आबादी के क्षेत्रों में स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फाॅगिंग का विशेष अभियान संचालित किया जाए। इसी प्रकार सभी नगर निकायों में भी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हेल्थ एवं वेलनेस सेण्टर पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फाॅगिंग का कार्य कराया जाए। जलजमाव को रोकने के लिए नाले व नालियों की सफाई करा ली जाए। स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्य में फायर ब्रिगेड तथा गन्ना विभाग के वाहनों एवं मशीनों का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आंशिक कोरोना कफ्र्यू का प्रभावी ढंग से पालन कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि घर से बाहर निकलने वाले लोग मास्क का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल और दो-गज की दूरी का पालन करें। उन्होंने कहा कि सभी गेहूं क्रय केन्द्र कार्यशील रहे। एम0एस0पी0 के तहत गेहूं खरीद तथा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न का वितरण कोविड प्रोटोकाॅल के पूर्ण पालन के साथ सुचारु ढंग से किया जाए। सभी जनपदों में कम्युनिटी किचन का प्रभावी ढंग से संचालन किया जाए। सभी कम्युनिटी किचन को वीडियो वॉल से जोड़कर निगरानी की जाए। डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था सुदृढ़ रखी जाए, जिससे आम जनता को असुविधा न हो। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों एवं सदस्यों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कोविड प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन कराया जाए।

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