‘राष्ट्रीय एआई पोर्टल (https://indiaai.gov.in)’ ने 28 मई, 2021 को एक वर्चुअल कार्यक्रम के जरिये अपना पहला वार्षिकोत्सव मनाया जिसमें लगभग 400 प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय एआई पोर्टल इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) और नैसकॉम की एक संयुक्त पहल है। यह देश और दुनिया में एआई से संबंधित समाचार, अधिगम, लेख, कार्यक्रमों और गतिविधियों आदि के लिए एक केंद्रीय धुरी के रूप में कार्य करता है। यह पोर्टल केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी, कानून एवं न्याय और संचार मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा 30 मई, 2020 को लॉन्च किया गया था।
इस वार्षिकोत्सव के दौरान लॉन्च, फायरसाइड चैट सत्र और ‘एआई पे चर्चा’ जैसे कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें एमईआईटीवाई, एनईजीडी, नैसकॉम और नॉलेज पार्टनर इंफोसिस के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया और उन्होंने चर्चा की कि भारत किस प्रकार वैश्विक एआई लीडर बन सकता है। इसके अलावा भरोसेमंद एआई समाधानों को लागू करने की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया।
एक वर्ष का परिचालन पूरा होने के अवसर पर इंडियाएआई ने एक वीडियो के जरिये अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन किया और उसके बाद ‘वन ईयर ऑफ इंडियाएआई‘ शीर्षक के तहत एक रिपोर्ट जारी की गई। कार्यक्रम के दौरान इस वेबसाइट के होमपेज के नए प्रारूप का भी अनावरण किया गया। पिछले एक साल के दौरान इंडियाएआई ने 550 से अधिक लेखों को कवर किया, 10 वेबिनार एवं 34 पॉडकास्ट आयोजित किए और 250 से अधिक स्टार्टअप, 23 निवेश फंडों, 30 कॉलेजों, 76 एआई केस स्टडी, 75 केंद्रीय पहलों, 30 राज्यस्तरीय पहलों एवं 48 शोध रिपोर्टों को सूचीबद्ध किया।
कार्यक्रम के प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों में इंफोसिस के संस्थापक एवं गैर-कार्यकारी अध्यक्ष श्री नंदन नीलेकणी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव श्री अजय साहनी, नैसकॉम की अध्यक्ष सुश्री देबजानी घोष और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री अभिषेक सिंह शामिल थे।
श्री अभिषेक सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि इस पोर्टल ने महत्वपूर्ण पड़ाव हासिल किए हैं और निकट भविष्य में यह सार्वजनिक क्षेत्र की अधिक से अधिक एआई गतिविधियों को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल एआई समुदाय के बीच एआई संबंधित ज्ञान भंडार के लिए शीर्ष विकल्प बने रहने की कोशिश जारी रखेगा।
सुश्री देबजानी घोष द्वारा श्री नंदन नीलेकणी और श्री अजय साहनी के साथ आयोजित एक विशेष फायरसाइड चैट में स्वास्थ्य सेवा, कृषि और शहरी प्रशासन जैसे क्षेत्रों में एआई को बढ़ावा, डेटा इंटेग्रिटी और एआई के लिए प्लेटफॉर्माइजेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
श्री नंदन नीलेकणी ने फायरसाइड चैट सत्र के दौरान कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों, चाहे वह स्वास्थ्य सेवा हो अथवा शिक्षा या न्यायिक मामलों का लंबित होना, में एआई को लागू करने का यह समय सही है। उद्योग के साथ-साथ सरकार और राष्ट्रीय स्तर पर हम भारत की चुनौतियों से निपटने और अवसरों को भुनाने के लिए एआई को अनोखे तरीके से लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।’
एमईआईटीवाई में सचिव श्री अजय साहनी ने कहा, ‘एआई को लागू करने का एकमात्र महत्वपूर्ण क्षेत्र सेवाओं, सेवा डिलिवरी की गुणवत्ता और निर्णय लेने में सुधार लाना है। भविष्य राष्ट्रीय सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए डिजिटल पहल को बढ़ावा देने में निहित है। ये प्लेटफॉर्म काफी सरल व कुशल हैं और मौजूदा प्रणालियों एवं भागीदारों को साथ लाते हैं और परिवेश भागीदारों में नवाचार एवं मूल्यवर्धित सेवाओं के दरवाजे खोलते हैं। अब एआई मिशन आकार ले रहा है और इसमें एआई को लागू करने पर हमें बुनियादी तौर पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमें यह अवश्य स्वीकार करना चाहिए कि भारत में हमारी बुनियादी ताकत हमारे देश की व्यापकता है और प्रौद्योगिकी इसमें एक अभूतपूर्व भूमिका निभाएगी।’
सुश्री देबजानी घोष ने कहा, ‘पिछले 1-1.5 वर्षों में हमने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की वास्तविक क्षमता देखी है। हमने यह भी महसूस किया है कि एआई के तरीके अभी शुरू हो रहे हैं।’
इस कार्यक्रम के दौरान ‘इम्प्लिमेंटिंग ट्रस्टवर्दी एआई सॉल्यूशंस‘ यानी भरोसेमंद एआई समाधान को लागू करना, विषय पर मासिक ‘एआई पे चर्चा’ भी आयोजित की गई जिसमें एनईजीडी के पार्टनर एवं सीईओ श्री अभिषेक सिंह और इन्फोसिस इंडिया के प्रमुख श्री कार्तिकेयन नीलकंदन ने उद्घाटन संबोधन किया। इन्फोसिस के एआई विशेषज्ञ- डॉ. रवि केआर जीवीवी (इन्फोसिस के एडवांस्ड इंजीनियरिंग ग्रुप के प्रमुख) और इंफोसिस एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड असेसमेंट के प्रमुख एवं उपाध्यक्ष श्री तिरुमाला आरोही और श्री श्याम कुमार डोड्डावुला (एवीपी एवं प्रिंसिपल प्रोडक्ट आर्किटेक्ट) ने भी एआई के भरोसेमंद, नैतिक एवं जिम्मेदार उपयोग के कई पहलुओं पर चर्चा की। इसके अलावा एआई आधारित परिचालन उत्कृष्टता ढांचा एवं लाइव एंटरप्राइज एप्लिकेशन प्लेटफॉर्म (एलईएपी) और उपयोगिता के कई मामलों का भी प्रदर्शन किया गया जिसमें विशेष तौर पर धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए जीएसटी नेटवर्क में एआई का उपयोग शामिल है।
अधिक जानकारी ‘नेशनल एआई पोर्टल’ पर उपलब्ध है जिसे https://indiaai.gov.in पर देखा जा सकता है।