विज्ञान आधारित स्टार्ट-अप्स जन साधारण के लिए नई प्रौद्योगिकियां लाकर कोविड-19 के विरूद्ध लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ ही इस वैश्विक महामारी में देश की सहायता कर रहे हैं।
जहां एक ओर अनुसंधानकर्ताओं, उद्योगपतियों और उद्यमियों ने इस महामारी से लड़ने में सभी मोर्चों पर सारी ऊर्जा और शक्ति लगा दी है, वहीं दूसरी ओर विज्ञान आधारित स्टार्ट-अप्स ने नई-नई प्रौद्योगिकियों का आविष्कार करने, अपनी प्रौद्योगिकी को परिवर्तित करने और अपने कार्य को आगे बढ़ाने के साथ ही सरकार के सहयोग से इन प्रौद्योगिकियों को बाजार में भी उतार दिया है।
इस दौरान देश को सशक्त बनाने के लिए पीपीई किट, मास्क के उत्पादन, जांच की आधारभूत सुविधाओं और नये टीकों के लिए शोध बढ़ाने के लिए अपनी क्षमताओं, आधारभूत ढांचे एवं उपलब्ध संसाधनों का उचित एवं तर्कसंगत प्रयोग किया गया।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विधिवत गठित प्रौद्योगिकी विकास परिषद (टीडीबी) से प्राप्त वित्तीय सहायता से कई स्टार्ट-अप्स ने पीपीई किट, मास्क, थर्मल स्कैनर, परीक्षण किट, सैनिटाइजर्स और चिकित्सा उपकरणों को बाजार में उतारा और कोविड-19 के विरूद्ध भारत लड़ाई में अपना सकारात्मक योगदान दिया है। इसकी शुरुआत कोविड-19 महामारी का समाधान खोजने की इच्छुक कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए आवेदन आमंत्रित करने से हुई थी। इस आमन्त्रण से उत्साहित होकर, कई स्टार्टअप ने अपने-अपने अनूठे प्रस्ताव रखे, जिससे विज्ञान आधारित छोटे स्टार्टअप्स द्वारा कई प्रकार की तकनीकों का व्यवसायीकरण करने और महामारी से लड़ने के लिए नवीन समाधान लाने में मदद मिली।
पुणे स्थित मायलैब डिस्कवरी पहली स्वदेशी कंपनी थी जिसने वास्तविक समय पर पीसीआर-आधारित आणविक निदान किट विकसित की थी जो फ्लू जैसे लक्षण प्रदर्शित करने वाले लोगों के नमूनों की जांच करके संक्रमण का पता लगाती है। तैयार किए गए इस किट को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद (आईसीएमआर) और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा अनुमोदित किया गया था और इसे बहुत ही कम समय में उपयोग के लिए जारी कर दिया गया था। गठित प्रौद्योगिकी विकास परिषद (टीडीबी) की सहायता और समर्थन से इस किट का उत्पादन कम समय में 30,000 परीक्षणों से बढ़ाकर 2 लाख परीक्षण प्रतिदिन किया गया।
इसके अलावा, कंपनी ने एक अत्यधिक संवेदनशील एंटीजन किट विकसित की है जो दूरदराज के क्षेत्रों में 2 करोड़ से अधिक देश के उन नागरिकों तक पहुंच गई है, जो आरटी-पीसीआर परीक्षण के साथ-साथ आरटी-पीसीआर परीक्षण को स्वचालित करने और निदान में देरी और त्रुटियों को हल करने के लिए कॉम्पैक्ट एक्सएल तक के परीक्षणों तक जिनकी पहुंच नहीं हैI कंपनी ने विशेष प्रयोगशालाओं को भी तैयार किया और उन्हें महाराष्ट्र, गोवा और देश के कई हिस्सों के अंदरूनी हिस्सों में ले गई और दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मोबाइल आरटी-पीसीआर लैब की तैनाती भी की हैI
माईलैब्स ने हाल ही में “कोविसेल्फ” नामक एक घरेलू परीक्षण किट विकसित की हैI यह भारत की पहली स्व-परीक्षण किट है और इसका तेजी से व्यवसायीकरण करने के साथ ही यह कम्पनी इस संकट के दौरान एक शक्ति के रूप में उभरी है और यह आशा की जाती है कि भविष्य में कोविड परीक्षणों के संबंध में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने इस अवसर पर कहा है कि प्रौद्योगिकी विकास परिषद (टीडीबी) द्वारा इस प्रक्रिया में सही समय पर सहायता के माध्यम से आवश्यकता के अनुरूप भारतीय तकनीकी उत्पादों के व्यवसायीकरण से उपलब्ध ज्ञान के सर्वश्रेष्ठ उपयोग को नए अवसरों में बदला जा सकता हैI उन्होंने कहा कि “विज्ञान और प्रौद्योगिकी उस समय सबसे अच्छे होते हैं जब वे ज्ञान की प्राप्ति उसके उपयोग तक, अनुसंधान एवं विकास से नवाचार से नए सामाजिक-आर्थिक अवसरों के निर्माण के लिए मूल्य की एक निर्बाध और सतत श्रृंखला बनाते हैं।
आरटीपीसीआर परीक्षण किट-पैथोडिटेक्ट रैपिड एंटीजेन परीक्षण किट-पैथोकैच
मोबाइल आरटी-पीसीआर लैब्स स्वयम निदान किट-कोविसेल्फ
मैसर्स मायलैब्स डिस्कवरी प्राइवेट लिमिटेड, पुणे उत्पाद
नैनोक्लीन ग्लोबल नाम की दिल्ली की एक कंपनी ने सेमी-ऑटोमैटिक एन95 मास्क प्रोडक्शन मशीन को जोड़कर स्थापित किया है और उससे एन95 मास्क का व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन शुरू किया है। दिल्ली पुलिस को एक लाख एन95 मास्क वितरित करने वाली कंपनी ने नागरिकों के लिए 3.0 लाख से अधिक एन95 मास्क का निर्माण और आपूर्ति करके कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया है।
दिल्ली पुलिस के लिए एन 95 मास्क
पुणे स्थित थिंकर टेक्नोलॉजीज इंडिया कम्पनी ने कोविड-19 और अन्य वायरल संक्रमणों के प्रसार से बचाव और सुरक्षा के लिए एंटीवायरल एजेंटों वाले कम लागत के असरदार मास्क विकसित किए हैं। यह कम्पनी कोविड-19 के खिलाफ निवारक उपाय के रूप में मास्क पर एंटी-वायरल एजेंटों की परत चढाने (कोटिंग) और 3डी प्रिंटिंग का कार्य भी कर रही है। अपने बनाए हुए मास्क का व्यवसायीकरण शुरू करने के बाद, उन्होंने देश भर के विभिन्न सरकारी संगठनों को 6000 एंटीवायरल लेपित मास्क वितरित भी किए हैं।
स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से विभिन्न संस्थाओं को एंटीवायरल मास्क का वितरण
इवोबी ऑटोमेशन, बैंगलोर ने दो अलग-अलग मॉडलों में अल्ट्रावायलेट सैनिटाइज़र विकसित किए हैं, जिनमें से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता (पोर्टेबल) है और मुंबई, पुणे के विभिन्न अस्पतालों और देश भर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में वितरित किया जाता है। उन्होंने 500 से अधिक अल्ट्रा वायलेट (यूवी) सैनिटाइज़र बॉक्स बेचे हैं और विभिन्न संगठनों से इनके लिए ऑर्डर भी प्राप्त कर रहे हैं।
विभिन्न संगठनों को यूवी सैनीटाईजेशन बॉक्सेस का वितरण
कोयंबटूर स्थित आईटोम इलेक्ट्रिक इंडिया ने डिजिटल इमेजिंग और बैटरी बैक-अप के साथ एक पोर्टेबल एक्स-रे मशीन का विकास किया है, जो कोविड- 19 प्रबंधन सेट-अप के अंतर्गत बाए गए आइसोलेशन वार्ड और गहन देखभाल इकाइयों में काफी सहायक है। यह सीमित या बिना बिजली वाले दूरस्थ और ग्रामीण स्थानों में एक्स-रे इमेजिंग की सुविधा प्रदान कर सकता है। इसने अस्पतालों में परीक्षण के लिए डिजिटल चेस्ट एक्स-रे मशीन के पहले संस्करण को भी स्थापित किया है।
मोबाइल डिजिटल एक्स-रे मशीन का परीक्षण
पुणे स्थित ब्रोटा टेक्नोलॉजीज ने “स्पाइरोप्रो” नामक एक लागत प्रभावी डिजिटल हैंडहेल्ड स्पाइरोमीटर विकसित किया है जो फेफड़ों की क्षमता को मापने और उनकी निगरानी करने, फेफड़ों के संक्रमण का निदान करने और फेफड़ों की क्षमता पर इसके प्रभाव के लिए उपयोगी है। यह उत्पाद एक मोबाइल ऐप, ‘एनईएचए’-नेहा (नर्स शिक्षक और स्वास्थ्य सहायक) के साथ आता है, जो फेफड़ों की स्थिति की निगरानी और टेलीमेडिसिन/टेली परामर्श सुविधा के साथ वेंटिलेटर समर्थन के प्रबंधन के दौरान सहायता करता है।
कंपनी, जो अनूठे नैदानिक समाधानों (इनोवेटिव डायग्नोस्टिक सॉल्यूशंस) के तहत एजिस ग्राहम बेल अवार्ड के 11वें संस्करण में शीर्ष फाइनलिस्ट में से एक थी, ने ‘सेव’ नामक एक प्रश्नावली-आधारित ऐप विकसित किया जो कुछ निजी संगठनों और मुंबई नगर निगम (एमसीजीएम) (मुंबई नगर निगम) अपने इलाके में निर्धन लोगों में कोविड संक्रमण के प्रसार की जांच करने के लिए प्रदान किया गया था। इस ऐप की गणना के आधार पर मुंबई नगर निगम और अस्पतालों से 100 से अधिक लोगों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता मिल सकती है। साथ ही इसके माध्यम से मध्यम लक्षणों वाले लोगों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टरों से जोड़ा गया।
हाथ में आने वाला स्पाइरोमीटर :”स्पाइरोप्रो” ; मैसर्स ब्रोटा टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, पुणे
बैंगलोर स्थित कोकोस्लैब्स इनोवेटिव सॉल्यूशंस ने चेहरे के मास्क और सामाजिक दूरी के अनुपालन के लिए स्वचालित जाँच के साथ-साथ शरीर के ऊंचे तापमान का पता लगाने के लिए एक उच्च सटीकता और संपर्क रहित थर्मल एनालिटिक्स उत्पाद का विकास करके उसे बाजार में उतारा भारत में, यह बेरोकटोक घूम रही भीड़ में अपने आप तापमान की जांच के लिए भारत में थर्मल एनालिटिक्स समाधान की शुरुआत करने वाली पहली कंपनी है, जिससे प्रतीक्षा समय और संक्रमण का जोखिम समाप्त हो गया है। इसे रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, बस स्टैंडों, सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों में लगाए जाने पर एक ही दिन में 10,000 से अधिक लोगों की जांच की जा सकती है। इससे उन लोगों का भी पता लगाया सकता है जिन्होंने मास्क नहीं पहना है या जो अनुचित मास्क पहने हुए हैं।
पौद्योगिकी विकास परिषद (टीडीबी) की वित्त पोषण सहायता ने कंपनी के संसाधनों को नए विकल्पों (समाधानों) पर स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए अनुमति दी। कंपनी, जिसमें थर्मल एनालिटिक्स के साथ-साथ चेहरे की पहचान के साथ संपर्क रहित उपस्थिति लगाने की सुविधा भी है, वर्तमान में अन्य ऐसी कंपनियों के साथ काम कर रही है जो अपने कार्यालयों को फिर से खोलने के लिए इस समाधान का उपयोग करके कोविड उचित व्यवहार प्रोटोकॉल स्थापित करना चाह रही हैं। वे अस्पतालों के लिए एआई-सेंसर पर काम कर रहे हैं जो ऑक्सीजन टैंकरों में ऑक्सीजन के स्तर की निगरानी करेंगे और अधिकारियों को पहले से ही सतर्क कर देंगे ताकि वास्तविक समय में ऑक्सीजन उपलब्धता डेटा प्राप्त करके बेहतर योजना बनाई जा सके और आवश्यकता के समय पर एक समान आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
थर्मल स्कैनिंग कैमरा सॉफ्टवेयर आउटपुट इमेज