वन धन योजना के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित राज्य स्तरीय वेबिनार की श्रृंखला के साथ आगे बढ़ते हुए, ट्राइफेड ने हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव राज्य की टीमों और वन धन विकास केंद्र-वीडीवीके के साथ एक आउटरीच सत्र का आयोजन किया। इस सत्र का मुख्य केंद्र बिंदु परियोजना के कार्यान्वयन की प्रगति के संबंध में आगे की योजना बनाना था। विभिन्न एजेंसियों (एसआईए, एसएनए, वीडीवीकेसी) के प्रतिभागियों ने कहा कि, इस कार्यक्रम को केंद्र शासित प्रदेश में वर्ष के समाप्त होने तक वर्तमान में स्वीकृत 1 वीडीवीके क्लस्टर से बढ़ाकर 10 वीडीवीके क्लस्टर तक विस्तारित करने की तैयारी जोरों पर है।
वेबिनार की शुरुआत ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक श्री प्रवीर कृष्ण के एक संबोधन के साथ हुई। प्रबंध निदेशक ने एमएफपी योजना, वन धन योजना और अन्य संबंधित प्रमुख परियोजनाओं के लिए एमएसपी के कार्यान्वयन की आवश्यकता तथा महत्व को दोहराया, जो आदिवासी लोगों के लिए रोजगार और आमदनी के सृजन में काफी सहायक है। उन्होंने कहा कि, महामारी के मौजूदा समय के दौरान हमें पूर्ण सुरक्षा उपायों को आवश्यक रूप से लागू करने का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इसके बाद इलाके के क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा एमएफपी योजना एवं वन धन योजना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य के कार्यान्वयन की स्थिति पर एक त्वरित कार्रवाई अद्यतन किया गया। हिस्सा लेने वाली कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ चर्चा के आधार पर यह फैसला किया गया कि, इस वर्ष कम से कम 10 वीडीवीकेसी का गठन किया जाएगा, जिसके लिए अतिरिक्त सुझाव प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके तहत 2 स्फूर्ति क्लस्टर भी योजना की पाइपलाइन में हैं। इस बात पर भी सहमति बनी है कि, केंद्र शासित प्रदेश में डेयरी सहकारी ढांचे के मौजूदा स्वयं-सहायता समूहों को वन धन योजना से जोड़ा जाएगा। ट्राइफूड पार्क विकसित करने की संभावनाएं तलाशने और एक नया ट्राइब्स इंडिया आउटलेट शुरू करने की भी योजना बनाई जाएगी।
बैठक के दौरान यह सहमति भी हुई कि, प्रत्येक वीडीवीकेसी के लिए पांच चरणों वाली योजना तैयार की जाएगी। इस पांच-चरणीय योजना के पहले चरण में प्रत्येक वीडीवीकेसी में एमएफपीएस की खरीद के लिए वस्तुओं की पहचान और खरीद स्थल तथा गोदामों सहित बुनियादी ढांचे के योजनाबद्ध विकास के साथ इसे मजबूती प्रदान करना शामिल है। दूसरे चरण में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रत्येक क्लस्टर के लिए स्थानीय गैर सरकारी संगठनों या राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के अधिकारियों की सलाहकार के रूप में नियुक्ति और प्रत्येक क्लस्टर खाते में 10 लाख रुपये स्थानांतरित करके सभी के लिए धन जारी करना शामिल है। योजना के तीसरे चरण में प्रत्येक वीडीवीके क्लस्टर और वीडीवीके की पहचान के लिए बैंक खाता खोलने तथा पहचानसूचक और बोर्डों की स्थापना सहित मूल्यवर्धन एवं अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए प्रत्येक क्लस्टर की एक व्यवसाय योजना तैयार करने की आवश्यकता होगी। वहीं चौथे चरण में व्यावसायिक योजना के अनुसार अपने चयनित उत्पादों के उत्पादन, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और बिक्री में प्रत्येक क्लस्टर की अलग योजना तथा सुविधा प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। पांचवें और अंतिम चरण में कार्यक्रम के दायरे का विस्तार करने के लिए ईएसडीपी, स्फूर्ति और ट्राइफूड योजनाओं को आवश्यकतानुसार धीरे-धीरे संबंधित समूहों के साथ जोड़ा जाएगा।
इस वेबिनार का शेष हिस्सा स्थानीय सरकारी टीमों या वन धन विकास केंद्रों अथवा समूहों के प्रतिनिधियों से संबंधित प्रश्नों के स्पष्टीकरण पर केंद्रित था। कोविड के दौरान सुरक्षित कार्यप्रणाली के बारे में वीडीवीके सदस्यों का मार्गदर्शन करने के लिए यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने भी वेबिनार में भाग लिया। यह उपरोक्त गतिविधियों में से प्रत्येक के लिए अनुदान के आधार पर अधिक संख्या में जनजातीय परिवारों को स्थायी आजीविका प्रदान करेगा, जो राज्य के आकांक्षी तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थानीय परिसंपत्तियों के आधार पर और वहां रहने वाले लोगों के कौशल वर्ग के आधार पर विकास को बढ़ावा देने के लिए एक व्यवहार्यता अंतर वित्त पोषण के रूप में प्रदान करेगा।
ट्राइफेड द्वारा 10 से 28 मई, 2021 के दौरान देश भर के भागीदार राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वेबिनार की एक श्रृंखला का आयोजन किया गया है।