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सफलता की कहानी -43, 350 से अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति की

उत्तर प्रदेश

भारतीय रेल सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेल द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 1438 से अधिक टैंकरों में 24387 मीट्रिक टन से अधिक तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।
ज्ञात हो कि 352 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अपनी यात्रा पूरी कर विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।
इस सफलता की कहानी के लिखे जाने तक तक 3 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां 11 टैंकरों में 194 एमटी से अधिक एलएमओ लेकर चल रही हैं।
दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना प्रत्येक को 2100 एमटी से अधिक एलएमओ मिली है।ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 40 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन की डिलीवरी करने के साथ अपना काम प्रारंभ किया था।भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।
महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3797, मध्य प्रदेश में 656 एमटी, दिल्ली में 5692 एमटी, हरियाणा में 2135 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 2785 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 2561 एमटी, आंध्र प्रदेश में 2442 एमटी, पंजाब में 225 एमटी, केरल में 513 एमटी, तेलंगाना में 2184 एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 320 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।
अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश भर के 15 राज्यों में लगभग 39 नगरों /शहरों में एलएमओ पहुंचाई है। इन शहरों में उत्तर प्रदेश में लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश में सागर, जबलपुर, कटनी और भोपाल, महाराष्ट्र में नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट और ओखला, राजस्थान में कोटा और कनकपारा, कर्नाटक में बेंगलुरु, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, तड़ीपत्री और विशाखापत्तनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयंबटूर और मदुरै, पंजाब में भटिंडा और फिल्लौर, असम में कामरूप और झारखंड में रांची शामिल हैं।पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेल ने पश्चिम में हापा , बड़ौदा मुंदड़ा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान ,तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली , उत्तर प्रदेश तथा असम  को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।
ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।

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