देहरादून: विधानसभा स्थित सभागार में मंगलवार को मंत्री पंचायतीराज, ग्राम्य विकास, सिंचाई एवं गृह प्रीतम सिंह ने पंचायती राज एवं ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा बैठक की। मंत्री ने वन पंचायतों में वेतन व पिछले लम्बित कार्यां की भी समीक्षा की। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यदि जिला पंचायत, ग्राम पंचायतें अपनी भूमि पर कोई रिर्सास डेवलपमेंट करना चाहती है और वैधानिक बाध्यता न हो तो पंचायतो को स्वीकृति प्रदान करते हुए विभाग शिथिलता बरतें। इस प्रकार के संसधानों से पंचायतों का अधिक विकास संभव होगा। वहीं मंत्री ने पंचायतीराज एक्ट के कुछ बिन्दुओं को फास्ट ट्रेक मोड पर पूर्ण करने के निर्देश दिये।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा में अधिकारियों से वित्त वर्ष 2015-16 के कार्यां की स्थित व बजटीय खर्च की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि पीएमजीएसवाई के तहत विभिन्न योजनओं हेतु केन्द्र से 186 करोड़ का फण्ड राज्य को मिला था, जिसके सापेक्ष 196 करोड़ का कार्य कराया गया। 06 करोड रूपये देयता विभाग पर शेष है। पीएमजीएसवाई 2015-16 में भारत सरकार ने एक हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य राज्य को दिया है, जिसके लिए मात्र 486 करोड़ रूपये की स्वीकृति हुई। राज्य डीपीआर के हिसाब से यह काफी कम बजट है। राज्य की ओर से 189 करोड़ की नयी डीपीआर केन्द्र सरकार को प्रेषित की गयी है इस पर अभी स्वीकृति प्राप्त नही हुई है। मंत्री ने पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत बन रही सड़कों का समय से निर्माण कर यूसी केन्द्र को प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये। भुखौली-लाखामण्डल मार्ग का शीघ्र निर्माण कर जनता की परेशानियों को दूर करने के निर्देश दिये। साथ ही रागी, कुल्हान, डगरी क्षेत्र में खस्ताहाल मार्गां का निर्माण व चौड़ीकरण किये जाने के भी निर्देश दिये।
मनरेगा की समीक्षा करते हुए मंत्री ने अधिकारियों से 2016-17 की कार्य योजना की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष में मनरेगा के तहत कुछ कार्य भारत सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर
सम्पन्न कराने हैं। जिनमें पूरे प्रदेश में पचास हजार आठ सौ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण, आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना व संचालन, तालाबों का निर्माण, फार्म पॉण्ड कृषकों को जलापूर्ति के लिए, कम्पोस्ट खाद्य, सामुदायिक तालाब आदि को कराना है।
इन्दिरा आवास की समीक्षा में अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र सरकार ने इन्दिरा आवास योजना पूरे देश में अब प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से जानी जायेगी। योजना का लाभ केवल बीपीएल परिवारों तक सीमित न रह कर केन्द्रीय सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर दिया जायेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के नये आवंटन व लाभार्थियां का चयन भारत सरकार द्वारा सामाजिक, आर्थिक सर्वें की रिपोर्ट व दिशा निर्देश प्राप्त होने पर ही किया जायेगा।
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