लखनऊः पर्यटन निदेशालय, उ0प्र0, लखनऊ के सभाकक्ष में डॉ0 नीलकण्ठ तिवारी, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य उ0प्र0 की अध्यक्षता में जनपद अयोध्या के पर्यटन विकास के संबंध में बैठक आहूत की गई।
बैठक में राज्यमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या पर्यटन के दृष्टिकोण से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मे अयोध्या का विश्व के सर्वोच्च पर्यटन एवं धार्मिक स्थल के रूप मे सर्वांगीण विकास किया जा रहा है, जिससे वहाँ आने वाले पर्यटकों व श्रृद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधा प्राप्त हो सके।
मंत्री जी ने अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों (मठ, मन्दिर, धर्मशाला आदि) पर मूलभूत पर्यटक सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने एवं फसाड लाइटिंग के कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने मन्दिरों तक आने-जाने वाले रास्ते को सुविधाजनक बनाने तथा हर कार्य गुणवत्तापूर्वक कराये जाने के निर्देश दिए। डॉ.नीलकंठ तिवारी द्वारा यह सुझाव दिया गया कि अयोध्या परिक्षेत्र में आने वाले सभी मन्दिरों की सूची तैयार कर अयोध्या के समेकित विकास में उन्हें जोड़ लिया जाए तथा सभी मन्दिरों का डाक्यूमेण्टेशन भी कर लिया जाए, जिससे प्रत्येक मन्दिर का आध्यात्मिक एवं पौराणिक महत्व का विवरण भी सम्मिलित किया जा सके।
राज्यमंत्री ने अयोध्या में प्रमुख पौराणिक कुण्डों (भरत कुण्ड, सूर्यकुण्ड, हनुमान कुण्ड, स्वर्णखनि कुण्ड, सीताकुण्ड, अग्नि कुण्ड, खुर्ज कुण्ड, गणेश कुण्ड, दशरथ कुण्ड) के सौन्दर्यीकरण एवं पर्यटन विकास कार्यों की अब तक की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
अयोध्या में पंचकोसी एवं चैदहकोसी परिक्रमा पथों का पर्यटन विकास का कार्य पर्यटन विभाग द्वारा कराया जा रहा है। प्रमुख सचिव पर्यटन द्वारा यह सुझाव दिया गया कि परिक्रमा पथ पर आने वाले सभी मन्दिरों के आस-पास कराये जाने वाले कार्यों का डी0पी0आर0 अलग-अलग बना लिया जाए, जिसमें उस मन्दिर का फसाड ट्रीटमेण्ट, वास्तु संरक्षण, पर्यटक सुविधाओं, लैण्ड स्केपिंग आदि का समायोजन हो। अयोध्या में सरयू नदी के तट पर गुप्तारघाट से रेलवे ब्रिज तक घाटों के निर्माण एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य हेतु भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम के अन्तर्गत रु0 298.84 करोड़ का प्रस्ताव भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है।
रामकथा पार्क के सन्निकट पर्यटन विकास एवं अन्य परियोजनाओं हेतु 12,687 वर्ग मीटर भूमि का चयन कर क्रय/अधिग्रहण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। अयोध्या में पर्यटन एवं सौन्दर्यीकरण के अन्तर्गत पर्यटन आकर्षण की दृष्टि से भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इण्टरप्रेटेशन सेन्टर, लाईब्रेरी, पार्किंग, फूडप्लाजा, लैण्डस्केपिंग एवं श्रीराम की मूर्ति एवं अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं की प्रायोजना स्वीकृत की गई है, जिसके लिए भूमि क्रय/अधिग्रहण हेतु उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद के माध्यम से कार्यवाही की जा रही है।
अयोध्या में छः प्रवेश द्वारों का निर्माण कराया जाएगा, जो प्रभु श्रीराम के मन्दिर की डिजाइन के अनुरूप होगा। प्रत्येक प्रवेश द्वार के पास धर्मशाला एवं पार्किंग एरिया का निर्माण भी कराया जाएगा। मंत्री जी द्वारा यह सुझाव दिया गया कि धर्मशाला एवं अवस्थापना सुविधाओं का निर्माण घरेलू पर्यटकों के दृष्टिकोण से किया जाए क्योंकि यह पवित्र भूमि करोड़ो लोगो के श्रृद्धा का केन्द्र है तथा यहाँ प्रतिदिन श्रृद्धालु एवं भक्तगण लाखों की संख्या में आकर भगवान श्रीराम के दर्शन पूजन कर पुण्य के भागी बनना चाहते है। क्वीन-होम मेमोरियल के समीप ही एक अत्यन्त पुराना एवं निष्प्रयोज्य बस स्टैण्ड है, जिसका ध्वस्तीकरण राजकीय निर्माण निगम द्वारा किया जाना था। यह कार्य अभी तक पूर्ण न होने की दशा में डॉ. नीलकंठ तिवारी द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गई तथा एक सप्ताह के अन्दर निष्प्रयोज्य बस स्टैण्ड के ध्वस्तीकरण का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह सुझाव दिया गया कि अयोध्या के पर्यटन स्थलों के विकास के प्रस्तुतीकरण में स्थलों के वर्तमान स्वरूप को रूपान्तर करने के पश्चात का स्वरूप भी दर्शाये, जिससे भविष्य में अयोध्या नगरी के बदले हुए स्वरूप की कल्पना की जा सके।उनके द्वारा यह भी सुझाव दिया गया कि अयोध्या में जो भी विकास कार्य अथवा भवन निर्माण के कार्य कराये जाए, उनमें पौराणिक काल की छवि का भी समावेश किया जाए।
मंत्री जी द्वारा वर्तमान में चालू समस्त केन्द्रीय योजनाओं के अन्तर्गत किए जाने वाले सभी विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि अयोध्या को विश्व स्तरीय नगर के रूप में स्थापित किए जाने हेतु हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए। अयोध्या में नवीन योजनाओं का विवरण उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थलों के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए किया गया। इन योजनाओं से लाखों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगें, जिससे उनके आर्थिक एवं सामाजिक स्तर का उन्नयन हो सकेगा। इसके साथ-ही-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को स्तरीय पर्यटक सुविधायें प्राप्त हो सकेगी और उनका पर्यटन-अनुभव बेहतर हो सकेगा।
बैठक में श्री मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, श्री दीपक कुमार, प्रमुख सचिव आवास, श्री अजय चैहान, आवास आयुक्त, श्री शिवपाल सिंह, विशेष सचिव पर्यटन तथा श्री अविनाश चन्द्र मिश्र, संयुक्त निदेशक पर्यटन एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।