राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (एनआईएन), पुणे ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) के सहयोग से अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से “कॉमन योग प्रोटोकॉल” (सीवाईपी) के तहत लाइव योग सत्र आयोजित किया।
100 दिवसीय कार्यक्रम के तहत 13 मार्च, 2021 से प्रतिदिन एक घंटे सुबह 7-8 बजे के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से एक दिन पहले तक ऑनलाइन स्ट्रीमिंग किया जा रहा है। जिसका विषय “समग्र कल्याण के लिए योग” है।
एनआईएन, पुणे निदेशक प्रो. के. सत्य लक्ष्मी ने कहा कि महामारी से उत्पन्न कठिनाइयों के बीच बेहतर स्वास्थ्य के लिए योग एक बेहतरीन जरिया है। इन सत्रों ने तनाव, चिंता और अवसाद से निपटने और कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में सेहत बनाए रखने के लिए एक प्रभावी स्व-प्रबंधन रणनीति के रूप में काम किया है। पहल का उद्देश्य लोगों के बीच सीवाईपी को बढ़ावा देना और मजबूत करना भी था।
ऑनलाइन सीवाईपी सत्र आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए कॉमन योग प्रोटोकॉल पर आधारित थे। सीवाईपी लगभग 45 मिनट की अवधि के योग अभ्यास का एक कार्यक्रम है।
ये लाइव योग सत्र अंग्रेजी, हिंदी और मराठी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किए गए और क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो, (महाराष्ट्र और गोवा) और एनआईएन, पुणे के सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से प्रदर्शित किए गए थे। सभी सत्रों को इस लिंक पर देखा जा सकता है
https://www.youtube.com/c/MAHAROB/videos
नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया और आरओबी पुणे के निदेशक प्रकाश मगदुम ने कहा: “महामारी के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए, इस पहल के पीछे की सोच यह थी कि लोग ऑनलाइन मोड के माध्यम से बुनियादी योग प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। यह पहल इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए केंद्र सरकार के आह्वान के अनुरूप भी है – योग के साथ रहें, घर पर रहें।”
महामारी ने आम जन को योग के प्रति अधिक जागरूक किया
7वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ऐसे समय में मनाया जा रहा है जब दुनिया कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। सामूहिक गतिविधियों पर प्रतिबंध के मद्देनजर, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) 2021 पर एक प्रमुख टेलीविज़न कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम सुबह 6.30 बजे शुरू होगा, जिसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन शामिल होगा।
पिछले कुछ वर्षों में आईडीवाई ने न केवल योग की लोकप्रियता को बढ़ाया है, बल्कि कई नए क्षेत्रों में इसे अपनाने के लिए प्रेरित करके अपनी भौगोलिक उपस्थिति का भी विस्तार किया है।
https://yoga.ayush.gov.in/public/assets/front/pdf/CYPEnglishBooklet.pdf