संस्कृति मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज गांधी स्मृति, (राजघाट) नई दिल्ली में केंद्रीय संस्कृति सलाहकार बोर्ड (सीएबीसी) की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई, जिसमें सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। कुछ सदस्य शारीरिक रूप से बैठक में मौजूद रहे तो अन्य ने वर्चुअल तरीके से हिस्सा लिया।
बैठक में सरकार द्वारा की जा रही गतिविधियों और आगे भारत की आजादी के 75 साल के जश्न- ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पर चर्चा हुई। सीएबीसी के सदस्यों ने इन गतिविधियों के बारे में जानकारी ली और इस संबंध में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।
दिनभर चली बैठक के दौरान, मंत्रालय द्वारा प्रदर्शन कला (परफॉर्मिंग आर्ट), संग्रहालय और सांस्कृतिक स्थल पर की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के साथ-साथ संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित विभिन्न अकादमियों और ज्ञान संस्थानों के कार्यों पर भी चर्चा की गई। हाल के वर्षों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा की गई विभिन्न गतिविधियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी गई।
चर्चा के दौरान सदस्यों ने संस्कृति मंत्रालय सेभारतीय समाज के विभिन्न स्तरों और विविध क्षेत्रों में सृजनात्मकता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, जिनकी अब तक उपेक्षा की गई है या वर्तमान संस्थागत तंत्रों के माध्यम से इन्हें कायम नहीं रखा गया है, ऐसे कार्यक्रमों का और अधिक विकास करने तथा मौजूदा नीति कार्यक्रमों को तेज करने की सलाह दी।
सदस्यों ने कलाकारों के काम करने और रहने की स्थिति में सुधार को लेकर कल्याणकारी उपाय करने के लिए कलाकार केंद्रित दृष्टिकोण की सघननिगरानी करने की सिफारिश की।
संस्कृति मंत्री ने सुझावों का स्वागत किया और सदस्यों को आश्वासन दिया कि भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत खासतौर से हमारी विरासत के उन हिस्सों के प्रचार, विकास और संरक्षण के लिए मंत्रालय द्वारा उचित कदम उठाए जाएंगे, जिन्हें अब तक उपेक्षित रखा गया है।
बैठक में सदस्य डॉ. अनुपमा होसकेरे, प्रो. चंदन कुमार, डॉ. चंद्र प्रकाश, श्री चेतन जोशी, श्री रवींद्र बाजपेयी, श्री देवेंद्र शर्मा, वेन लामा चॉस्पेल जोतपा, श्रीमती मंजू बोरा, डॉ. विक्रम संपत, प्रो. डॉ. अचिंत्य बिस्वास ने भाग लिया। प्रो. मिशेल डैनिनो, श्री एस एन सेतुराम, डॉ. सरोज रानी, श्री सहमशेर सिंह मन्हास, डॉ. बी. आर. मणि और प्रो. बसंत शिंदे ने हिस्सा लिया।
सदस्यों के अलावा बैठक में संस्कृति सचिव श्री राघवेंद्र सिंह, जो समिति के सदस्य संयोजक भी हैं, के साथ-साथ संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।