भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) ने कल देर शाम वर्चुअल माध्यम से भारत-यूके फाइनेंशल मार्केट डायलॉग (वित्तीय बाजार संवाद – “संवाद”) की उद्घाटन बैठक की।वित्तीय सेक्टर में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिये अक्टूबर 2020 में 10वें आर्थिक और वित्तीय संवाद (ईएफडी) की स्थापना की गई थी।
इस संवाद में भारतीय पक्ष से वित्त मंत्रालय के आला अफसर और यूके की तरफ से वहां के वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में भारत और यूके की स्वतंत्र नियामक एजेंसियों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, बैंक ऑफ इंग्लैंड और फाइनेंशियल कंडक्ट अथॉरिटी शामिल थे।
संवाद के दौरान चार विषयों पर विशेष चर्चा की गईः
- जीआईएफटी- गिफ्ट (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) सिटी, भारत का प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय केंद्र,
- बैंकिंग और भुगतान,
- बीमा और
- पूंजी बाजार
इन मुद्दों पर सरकारों के बीच चर्चा के बाद, निजी क्षेत्र के साझीदारों को बातचीत के लिये आमंत्रित किया गया। सिटी ऑफ लंदन कॉर्पोरेशंस कैपिटल मार्केट्स वर्किंग ग्रुप ने भारतीय कॉर्पोरेट के बॉन्ड बाजार पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया। इसके अलावा इंडिया-यूके फाइनेंशियल पार्टनरशिप ने भारत-यूके वित्तीय सेवा सम्बंधों पर अपनी सिफारिशें पेश कीं, खासतौर से गिफ्ट सिटी को वैश्विक सेवा केंद्र के रूप में विकसित करने के विषय पर।
इन सेवाओं को मद्देनजर रखते हुये, दोनों पक्ष इस बात पर एकमत थे कि भारत और यूके के बीच वित्तीय सेवा सहयोग को मजबूत बनाने की अपार संभावनायें मौजूद हैं। दोनों पक्षों ने आने वाले महीनों में अगले ईएफडी और भावी भारत-यूके एफटीए के हवाले से इन क्षेत्रों में आगे सहयोग जारी रखने पर रजामंदी व्यक्त की। उल्लेखनीय है कि अगला ईएफडी इस साल के अंत तक होने की संभावना है।