राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा ‘युवा सशक्तिकरण और खेल विकास पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का प्रभाव’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपना भाषण दिया। युवा मामले और खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रामाणिक ने भी इस वेबिनार में विशेष संबोधन दिया।
इस अवसर पर यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. डी पी सिंह, स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट (एसवीवाईएम) के संस्थापक और क्षमता निर्माण आयोग के सदस्य डॉ आर बालासुब्रह्मण्यम, आईआईएम रोहतक के निदेशक प्रो. धीरज शर्मा, आरजीएनआईवाईडी, श्रीपेरंबदूर, तमिलनाडु के निदेशक प्रो. सिबनाथ देब, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय, मणिपुर के कुलपति श्री आर सी मिश्रा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. (प्रो.) संगीत रागी, खेल विभाग के सचिव श्री रवि मित्तल, युवा मामले विभाग की सचिव श्रीमती उषा शर्मा, युवा मामले विभाग के संयुक्त सचिव श्री असित सिंह और खेल विभाग के संयुक्त सचिव (विकास) श्री अतुल सिंह सहित कई उल्लेखनीय वक्ता भी उपस्थित थे।
अपने संबोधन के दौरान श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “एनईपी 2020 भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करेगा और इसका लक्ष्य भारत को दुनिया के सबसे बड़े कुशल कार्यबल में बदलना है। नई शिक्षा नीति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत के उद्देश्यों को साकार करने के निर्धारण कारक के रूप में कौशल विकास पर जोर देने के साथ भारत के युवाओं के समग्र विकास की कल्पना की गई है। यहां तक कि मध्यम स्तर के छात्रों को भी व्यावसायिक कौशल जैसे बढ़ईगीरी, नलसाजी, बिजली की मरम्मत, बागवानी, मिट्टी के बर्तनों, कढ़ाई के साथ-साथ अन्य कौशल में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। नीति के तहत 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत छात्रों को व्यावसायिक कौशल प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ताकि स्कूल स्तर पर अर्जित व्यावसायिक कौशल को उच्च शिक्षा स्तर तक ले जाया जा सके। हम अपने युवाओं को उद्यमशीलता की भावना पैदा करके रोजगार चाहने वालों से रोजगार देने वालों में बदलने के लिए सशक्त बना रहे हैं। हम अपने युवाओं को समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने के लिए खेल की ताकत का भी उपयोग कर रहे हैं; इससे टीम भावना और बौद्धिक दक्षता का निर्माण होगा।”
युवा मामले और खेल राज्य मंत्री श्री निसिथ प्रामाणिक ने कहा कि भारत के युवाओं में 15 से 29 वर्ष की आयु के युवा शामिल हैं, जो वर्तमान में पूरे देश की आबादी का 27.5 प्रतिशत से अधिक हिस्सा हैं, यानी देश में हर चार लोगों में से लगभग एक व्यक्ति युवा है। भारत सबसे युवा देश है, जो बदलाव का गवाह बनने जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को सशक्त बनाने का काम करेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी बढ़ावा देती है। यह छात्रों को दुरुस्त रहने के अवसर देती है और उनके मानसिक, बौद्धिक एवं सामाजिक विकास में भी मदद करती है।
वेबिनार के दौरान विशेषज्ञों के पैनल ने निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की:
- युवाओं के लिए समग्र और बहु-विषयक शिक्षा
- युवाओं के लिए लचीलापन, रुचि के साथ-साथ योग्यता-उन्मुख शिक्षा
- वंचित वर्ग के युवाओं को मुख्यधारा में लाने के लिए उच्च शिक्षा में समानता और समावेश
- रोजगार योग्यता और करियर के विकास की खातिर युवाओं के लिए ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा
- युवाओं के बीच ड्रॉपआउट दर को कम करना और युवाओं के लिए सभी स्तरों पर शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना
- युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा।