केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र (डोनेर) विकास मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार एक समृद्ध राष्ट्र के लिए समृद्ध किसान के विजन को पूरा करने की दिशा में अथक प्रयास कर रही है।” उन्होंने कहा, “किसान हमारे देश की ताकत का आधार हैं और सात साल से हमारा ध्यान किसान केंद्रित नीतियों पर है, जिसमें किसान की आय दोगुनी करने पर ध्यान दिया गया है।”
हाल ही में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (नेरामैक) के पुनरुद्धार के लिए 77.45 करोड़ रुपये (निधि आधारित समर्थन के लिए 17 करोड़ रुपये और गैर-निधि आधारित समर्थन के लिए 60.45 करोड़ रुपये) के पुनरुद्धार पैकेज को मंजूरी दी। नेरामैक एक केंद्रीय सार्वजनिक अनुभाग उद्यम है जो पूर्वोत्तर क्षेत्रीय विकास मंत्रालय (एमडोनेर) के प्रशासनिक नियंत्रण में आता है। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “नेरामैक के पुनरुद्धार से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसानों को बेहतर कृषि सुविधाएं और प्रशिक्षण मिलेगा।”
इसी दिन, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – पाम तेल (एनएमईओ-ओपी) को एक नई केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में मंजूरी दी, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर विशेष ध्यान दिया गया है।
श्री किशन रेड्डी ने ट्वीट में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – पाम तेल के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र की एक विशेष फोकस क्षेत्र के रूप में पहचान करते हुए, पाम तेल के आयात पर निर्भरता को कम करना है जिससे पाम तेल के किसानों को लाभ हो और रोजगार सृजन हो।
मिशन का लक्ष्य पाम तेल के कृषि क्षेत्र में और 6.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार करना है, जिससे अगले पांच वर्षों में 10 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य तक पहुंचा जा सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य तेल आयातक है और 80 हजार करोड़ की लागत से 133.50 लाख टन खाद्य तेल का आयात करता है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला हमें आत्मनिर्भर बनाएगा तथा हमारे आयात के बिल में कटौती करेगा और इस प्रकार माननीय प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने में योगदान देगा।
केंद्रीय मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की एक विशेष फोकस क्षेत्र के रूप में पहचान की है क्योंकि अगले पांच वर्षों में पूर्वोत्तर के लिए निर्धारित लक्ष्य पूरे देश के लिए निर्धारित 6.5 लाख हेक्टेयर के कुल लक्ष्य का 50% से अधिक है। मैं पूर्वोत्तर के राज्यों के किसानों की ओर से इस दूरदर्शी फैसले के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करना चाहता हूं।”
मंत्री ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में मिजोरम जैसे राज्यों के मौजूदा अनुभव पर भी प्रकाश डाला, जो देश में पाम तेल के शीर्ष पांच उत्पादक राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा, “मिजोरम जैसे राज्यों के किसानों के पास पहले से ही पाम तेल की खेती का महत्वपूर्ण अनुभव है और हम पूर्वोत्तर के बाकी राज्यों में उनकी विशेषज्ञता का लाभ उठा सकते हैं।”