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उपाधि प्राप्त नवचिकित्सक पूरी संवेदनशीलता के साथ मानवता की सेवा में ज्ञान और कौशल का उपयोग करें: राष्ट्रपति

उत्तर प्रदेश

लखनऊभारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने आज यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एस0जी0पी0जी0आई0) के 26वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि उपाधि प्राप्त नवचिकित्सक पूरी संवेदनशीलता के साथ मानवता की सेवा में ज्ञान और कौशल का उपयोग करें। चिकित्सा महान और पवित्र सेवा का क्षेत्र है। उन्होंने चिकित्सकों से बिना किसी भेदभाव के सेवा कार्य के लिए अपना बहुमूल्य योगदान देने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति जी ने सभी उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं विशेषकर महिला चिकित्सकों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यह चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय व उत्कृष्ट संस्थान रहा है। इस संस्थान ने चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ दिए हैं। उत्तर प्रदेश तथा निकटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को इलाज के लिए अब दिल्ली तथा मुम्बई का रुख नहीं करना पड़ता है। गरीबों व आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए यह संस्थान स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सदैव तत्पर रहा है।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 के शैक्षणिक और शोध का स्तर भी हमेशा उत्कृष्ट रहा है। इसके लिए उन्होंने संस्थान के पूर्व से लेकर वर्तमान तक की फैकल्टी की सराहना की। नेफ्रोलाॅजी, न्यूरोलाॅजी, यूरोलाॅजी, साइकेट्री, डायलिसिस, किडनी ट्रांसप्लाण्ट के लिए इस संस्थान की सेवाएं तब से जानी जाती रही हैं, जब इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता और चिकित्सा का अभाव था। उन्होंने कहा कि अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर इस संस्थान ने उपलब्धियां अर्जित की हैं। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन का क्षेत्र स्वास्थ्य व चिकित्सा के लिए महत्वपूर्ण है। इस चुनौती को भी एस0जी0पी0जी0आई0 ने स्वीकार करते हुए टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज उत्कृष्ट चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में मेडिकल काॅलेज स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र को तकनीकी आधार पर भी चिकित्सा सम्बन्धी समस्याओं के समाधान खोजने होंगे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से लाइफ स्टाइल डिजीजेज को नियंत्रित किया जा सकता है। रोगों के उपचार और निदान में आयुर्वेद और योग सहायक हैं। इन्हें जीवन पद्धति के रूप में अपनाकर आरोग्यता पायी जा सकती है। इनके माध्यम से इम्युनिटी विकसित होती है, जिसका उदाहरण हमें कोरोना कालखण्ड में दिखायी दिया।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि कोरोना की विभीषिका के विरुद्ध इस संस्थान ने युद्धस्तर पर कार्य करते हुए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने राज्य सरकार के सहयोग से सैम्पल्स की टेस्टिंग तथा 20 लाख आर0टी0पी0सी0आर0 जांच के लिए एस0जी0पी0जी0आई0 की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थान से जुड़े चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ आदि ने कोरोना की चुनौतियों का सामना किया। इन सभी ने अपने जीवन को खतरे में डालते हुए कोरोना पीड़ितों का उपचार किया। इसके लिए समाज व राष्ट्र कृतज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में उत्कृष्ट व सराहनीय स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाएं प्रदान कीं।

राष्ट्रपति जी ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग सहित सतर्कता व सावधानी ही कोरोना का बचाव है। वैक्सीन कोरोना से बचाव में सहायक है। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के तहत भारत ने ‘मेड इन इण्डिया’ वैक्सीन विकसित की। आज भारत में व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान संचालित है। पूरे देश में 61 करोड़ से अधिक नागरिक कोविड टीकाकरण से आच्छादित हुए हैं। उत्तर प्रदेश में 6.70 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। इसके लिए उन्होंने इस कार्य से जुड़े सभी कर्मियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए अभी बहुत कुछ करना है। जब तक सभी लोग कोविड टीकाकरण से आच्छादित न हो जाएं, तब तक यह कार्य चलता रहना चाहिए। इसके लिए हम सभी को जनजागरूकता बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया। दूरदराज क्षेत्रों तथा कम सुविधा सम्पन्न लोगों तक चिकित्सा व स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाना होगा।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी ने एस0जी0पी0जी0आई0 के उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा सेवा से मूल्यवान कोई सेवा नहीं है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि देश को आप सभी से बहुत सी आशाएं हैं। ज्ञान व शिक्षा से आप सभी को समाज, राष्ट्र व विश्व के साथ-साथ सबसे मूल्यवान मानव जीवन को लाभान्वित करना है। उन्होंने कहा कि मानवता के प्रति संवेदनशीलता का भाव नवचिकित्सकों को उनके सामाजिक उत्तरदायित्वों का बोध कराएगा और यह भाव ही उनके विचारों को परिपक्व करेगा।

राज्यपाल जी ने कहा कि एस0जी0पी0जी0आई0 ने अपने शिक्षण, अनुसंधान कार्य तथा रोगियों की बेहतर सेवा के लिए देश व प्रदेश में अपना एक मुकाम हासिल किया है। देश के सर्वाेत्तम बायो-मेडिकल शोध केन्द्रों में संस्थान का अग्रणी स्थान है। भारत सरकार द्वारा इस संस्थान के स्कूल आॅफ टेलीमेडिसिन को राष्ट्रीय मेडिकल काॅलेज नेटवर्क के प्रभारी केन्द्र के रूप में पहचाना गया है।

राज्यपाल जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार प्रत्येक गरीब तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तेजी से पहुंचा रही हैं। साथ ही, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुधार भी किये गये। चिकित्सा विज्ञान के विद्यार्थियों के लिए मेडिकल सीटों को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ द्वारा देश के गांव-गांव और घर-घर तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचायी जा रही हैं। जन-औषधि योजना के माध्यम से गरीब और मध्यम वर्ग को सस्ती दवाइयां उपलब्ध करायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ब्लाॅक स्तर पर अच्छे अस्पतालों और आधुनिक जांच केन्द्र का नेटवर्क बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। केन्द्र सरकार के सहयोग से अस्पतालों के अपने आॅक्सीजन प्लाण्ट लगाये जा रहे हैं।

राज्यपाल जी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना में चिकित्सकों, नर्साें, पैरामेडिकल स्टाफ तथा वैक्सीन बनाने में लगे वैज्ञानिकों ने जनसेवा में अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। आप सभी के सहयोग से ही हमारे देश में अन्य विकसित देशों की तुलना में इस महामारी से संक्रमितों की संख्या और मृत्यु दर में कमी रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना का संकट अभी टला नहीं है। इसलिए हम सबको पहले से अधिक तैयार व सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने कोविड से बचाव के लिए 03-03 वैक्सीन बना ली हैं और शीघ्र ही 12 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए वैक्सीन आने वाली है। हमारे वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं की यह उपलब्धियां देश का मान बढ़ाने वाली हैं।

राष्ट्रपति जी ने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शोध के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान देने वाले महानुभावों को सम्मानित किया। इस अवसर पर एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ के छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। राष्ट्रपति जी एवं राज्यपाल जी को संस्थान की ओर से स्मृति चिन्ह् भेंट किया गया।

मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी ने अतिथियों का स्वागत किया। एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ के निदेशक प्रो0 आर0के0 धीमन ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री श्री संदीप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, संस्थान के शिक्षक चिकित्सक तथा बड़ी संख्या में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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