लखनऊः उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा कि एक्सप्रेस-वे के किनारे 10 किलोमीटर की परिधि में इण्डस्ट्रियल कारीडोर का विकास किया जायेगा। इण्डस्ट्रियल कारीडोर के विकास हेतु यूपीडा को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। उन्होंने यूपीडा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए यूपीसीडा से तीन विशेषज्ञ नियुक्त करने के निर्देश दिए। साथ ही भूमि अधिग्रहण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिये।
श्री महाना आज विधान भवन स्थित सभाकक्ष में पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के समीप औद्योगिक विकास एवं निवेश हेतु इण्डस्ट्रियल कारीडोर विकसित किये जाने के संबंध में बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित इण्डस्ट्रियल कारीडोर में उद्यमियों की सुविधा के लिए सड़क, बिजली, पानी सहित उच्चश्रेणी की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। भूमि अधिग्रहण के कार्य में तेजी लाने के लिए कन्सलटेंट की नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए कि एक्सप्रेस-वे के किनारे इण्डस्ट्रियल कारीडोर हेतु 10 किलोमीटर के अंदर ऐसे क्षेत्र को प्राथमिता दी जाय, जिसकी मेन रोड से कनेक्टीविटी हो और आस-पास बिजली घर भी मौजूद हो।
श्री महाना ने कहा कि दोनो एक्सप्रेस-वे के जद में आने वाले 23 जिलों के जिलाधिकारियों को इण्डस्ट्रियल कारीडोर हेतु भूमि अधिगृहण हेतु निर्देश दिए गये थे, जिसमें से 15 जिलों में भूमि अधिग्रहण कार्य हो चुका है, शेष में प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा यूपीसीडा द्वारा भी ं9 जिलों में 77 एक भूमि इण्डस्ट्रियल कारीडोर के लिए उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि लखनऊ के निकट होने के कारण बाराबंकी जनपद में निवेश की प्रबल संभावनाएं हैं। पेप्सिको जैसी कंपनियों ने लखनऊ के आस-पास उद्यम लगाने की इच्छा प्रकट की है। इसी प्रकार जनपद आजमगढ़ में कई लाजिस्टिक कंपनियां निवेश की इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे के किनारे इण्डस्ट्रियल कारीडोर के विकास से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र का विकास होगा और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर भी सृजित होंगे।
बैठक में औद्योगिक विकास आयुक्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास श्री अरविन्द कुमार एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा श्री अवनीश अवस्थी सहित विभिन्न औद्योगिक प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।