लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद महराजगंज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने शाहाबाद के जी0एस0 पब्लिक इण्टर कॉलेज में स्थापित बाढ़ राहत केन्द्र पहुंचकर बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से संवाद स्थापित करते हुए प्रशासन द्वारा संचालित राहत कार्याें के सम्बन्ध में सीधी जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर लगभग 500 बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री के पैकेट वितरित किये।
मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ पीड़ितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग डेढ़ दर्जन जनपद बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें महराजगंज भी शामिल है। उन्होंने फरेन्दा और सदर तहसील का निरीक्षण कर बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर राहत कार्य कराए जा रहे हैं। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी सहित जनपद के सभी जनप्रतिनिधिगण बचाव व राहत कार्याें में प्रशासन का मार्गदर्शन एवं सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की मंशा है कि सभी बाढ़ प्रभावितों को हर सम्भव राहत एवं मदद मिले।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद महराजगंज में बाढ़ की विभीषिका को कम करने के लिए शासन द्वारा कई परियोजनाओं को शुरू किया गया है। इनमें से 09 परियोजनाएं पूर्ण हो गयी हैं। शेष पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। बाढ़ से निपटने के लिए शासन द्वारा प्रशासन को पर्याप्त धनराशि और संसाधन मुहैया कराए गये हैं। उन्हांेने कहा कि जनपद में एन0डी0आर0एफ, एस0डी0आर0एफ0 तथा पी0ए0सी0 की फ्लड टीमें लगायी गयी हैं, जो बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल रही हैं और पीड़ित परिवारों तक जरुरी सहायता भी पहुंचा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि सभी बाढ़ पीड़ितों को जरूरी वस्तुओं से युक्त राहत पैकेट का वितरण किया जाए। राहत पैकेट में 10 किलो चावल, 10 किलो आलू, 02 किलो दाल, लाई-चना, रिफाइण्ड तेल, मसाले समेत रोजमर्रा की आवश्यक चीजें मौजूद हों। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ग्राम स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात कर राहत सामग्री का वितरण किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ के कारण किसी की मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रितों को 04 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। पशुधन का नुकसान होने पर भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। मकान के क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा दिया जाएगा। यदि किसी पीड़ित व्यक्ति का मकान नदी की धारा में आकर नष्ट होता है तो उसे पात्रता के आधार पर मुख्यमंत्री आवास योजना के द्वारा आवास उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशासन को निर्देश दिए गये हैं कि बाढ़ में फसलों को हुई क्षति का आकलन कर समय से रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराए, ताकि किसानों को मुआवजा दिया जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ की सम्भावना आगामी 15 सितम्बर तक है। ऐसे में हमें सतर्क रहने और बचाव की सभी जरूरी व्यवस्था करने की आवश्यकता है। संक्रामक रोगों की सम्भावना के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग को सभी प्रबन्ध करने के निर्देश दिए गये हैं। आवश्यक दवाओं की व्यवस्था के साथ क्लोरीन टैबलेट तथा ब्लीचिंग पाउडर की व्यवस्था के निर्देश दिए गये हैं। कल 05 सितम्बर से प्रदेश में विशेष स्वच्छता अभियान संचालित करने के भी निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग मिलकर इसे सफल बनाएं।