पोषण माह के हिस्से के रूप में, ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत दीनदयाल अंत्योदय योजना (डीएवाई)–राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने एसएचजी सदस्यों और उनके परिवारों के बीच अनुशंसित प्रथाओं को अपनाने के लिए व्यवहारगत बदलाव को प्रोत्साहित करने के लिए चुने हुए स्थानों पर खाद्य, पोषण, स्वास्य एवं वाश (एफएनएचडब्यू) से संबंधित युक्तियों के कार्यान्वयन की पहल की है। मंत्रालय पोषण अभियान के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ साझेदारी भी कर रहा है।
एचपीएसआरएलएम के सदस्य चौथा राष्ट्रीय पोषण माह मना रहे हैं। कार्यक्रम के दौरान एसएचजी के सदस्यों ने आहार विविधता के महत्व पर चर्चा की और स्थानीय रूप से उगाए गए फलों और सब्जियों के उपभोग पर जोर दिया।
समग्र पोषण अभियान के लिए प्रधानमंत्री की अति महत्वपूर्ण स्कीम के तहत प्रत्येक वर्ष सितम्बर माह का निर्धारण किशोरों, गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली माताओं तथा बच्चों में कुपोषण की समस्या के समाधान के लिए समन्वयन तथा व्यवहारगत बदलाव को सुदृढ़ बनाने के लिए राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में किया गया है। इस वर्ष के राष्ट्रीय पोषण माह के लिए चार थीम, प्रत्येक सप्ताह के लिए एक थीम की पहचान की गई है और वे हैं- (1) ‘पोषण वाटिका’ के रूप में पौधरोपण गतिविधि, (2) पोषण के लिए योग एवं आयुष, (3) अधिक भार वाले जिलों के आंगनवाड़ी लाभार्थियों को ‘क्षेत्रीय पोषण किट’ का वितरण और (4) एसएएम बच्चों की पहचान और पोषक भोजन का वितरण। इन थीमों के साथ-साथ, मंत्रालय ने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों (एसआरएलएम) को आगामी त्यौहारी मौसम को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 उपयुक्त बर्ताव को दोहराने, एसएचजी सदस्यों और उनके परिवारजनों के बीच कोविड-19 टीकाकरण को बढावा देने, स्वास्थ्य संबंधित व्यवहारों तथा प्रतिरक्षण निर्माण उपायों को बढ़ावा देने, मोटे अनाजों सहित आहार विविधता और पारंपरिक खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने और मोरिंगा वृक्ष रोपण पर फोकस के साथ पोषण उद्यानों को बढ़ावा देने का भी सुझाव दिया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा इस संबंध में एसआरएलएम को एक परामर्शी जारी कर दी गई है।
आंध्र प्रदेश एसआरएलएम द्वारा किशोरों के लिए रैली एवं जागरूकता अभियान। किशोर स्वास्थ्य, पोषण, माहवारी और व्यक्तिगत स्वच्छता से संबंधित मुद्दों पर किशोरियों को शिक्षित करने के लिए बैठकों का आयोजन किया गया।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों को योजना निर्माण एवं समन्वयन बैठकों में भाग लेने, एसएचजी एवं उनके फेडरेशनों की बैठकों में चिन्हित मुद्दों पर चर्चा करने, प्रतिस्पर्धा, रेसिपी प्रदर्शन, स्थानीय रूप से उपलब्ध पोषक खाद्यों को बढ़ावा देते हुए पारंपरिक फूड फेस्टिवलों, रैलियों, पोषण रंगोलियों, पोस्टरों, मोरिंगा वृक्ष रोपण पर फोकस के साथ एसएचजी सदस्यों के घरों में पोषण- उद्यानों को बढ़ावा देने तथा पोषण उद्यानों, मोरिंगा और आहार विविधता के लाभों पर जागरूकता निर्माण, स्वास्थ्य विभाग के समन्वयन के साथ एसएचजी सदस्यों और उनके परिवारजनों के लिए कोविड-19 टीकाकरण अभियान आयोजित करने, टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्मों अर्थात् वेबिनारों, व्हाट्सप समूहों, ऑनलाइन परिचर्चा प्लेटफॉर्मों आदि का उपयोग करते हुए प्रमुख संदेश को प्रसारित करने और पोषण माह गतिविधि कैलेंडर के अनुरूप महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ समन्वय करने का सुझाव दिया गया है।
असम एसआरएलएम में बच्चों के साथ योग सत्र
पोषण माह के लिए योजना बनाने तथा तैयारियों पर चर्चा करने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में 4 सितम्बर 2021 को सभी एसआरएलएम के साथ एक वीडियो कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। सभी एसआरएलएम ने उत्साहपूर्वक इसमें भाग लिया और अपनी योजनाएं प्रस्तुत कीं। कार्य योजनाएं तैयार कर ली गई हैं और एसआरएलएम द्वारा जिला एवं ब्लॉक स्तर पर दिशा निर्देश उपलब्ध कराए गए हैं। एसआरएलएम से मैदान में गतिविधियों का आयोजन करने के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करने का भी आग्रह किया गया है।
प्रधानमंत्री ने पिछले महीने एसएचजी सदस्यों के साथ परस्पर मुलाकात की और उन्हें स्वास्थ्य, पोषण और वाश सहित सामाजिक विकास मुद्दों पर जागरूकता निर्माण पर स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 75 घंटे व्यतीत करने का सुझाव दिया। एसआरएलएम को इसी के अनुरूप जारी पोषण माह के दौरान जागरूकता निर्माण गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए योजना बनाने और एसएचजी सदस्यों की सहायता करने का सुझाव दिया गया है।
पोषण रंगोली-कर्नाटक पोषण रंगोली-उत्तर प्रदेश
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों ने पोषण माह मनाने तथा पोषण रैलियों, पोषण संकल्पों, पोषण रंगोलियों, योग सत्रों, जागरूकता बैठकों, पोषण-उद्यानों को बढ़ावा देने आदि की शुरूआत कर दी है।