पटना: बिहार में टॉपर्स कांड की जांच के लिए बनाई गई दोनों उच्चस्तरीय जांच समितियों को सोमवार को भंग कर दिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी और बीएसईबी के चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद सिंह के साथ इमरजेंसी बैठक करने के बाद जांच समितियों को भंग कर दिया। मामले में सीधे आपराधिक साजिश के तहत एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक टॉपर्स कांड में समितियों की कार्रवाई को लेकर नीतीश कुमार ने नाखुशी जाहिर की। बोर्ड की ओर से समिति गठित किए जाने के बाबत सरकार की ओर से पहले भी नाराजगी जताई जा चुकी थी। बोर्ड के चेयरमैन ने खुद की पहल पर एक उच्चस्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा कर दी थी।
बिहार में इंटरमीडियट की परीक्षा में टॉपर्स को लेकर चल रहे विवाद पर शिक्षा विभाग ने गड़बड़ी की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया था, जो 20 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंपेने वाली थी। इस समिति में बीएसइआइडीसी के अध्यक्ष संजीवन सिन्हा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन और जनशिक्षा के निदेशक विनोदानंद झा शामिल थे।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने भी विज्ञान संकाय के टॉपर्स सहित एक अन्य अभ्यर्थी के परीक्षा परिणाम को शनिवार को रद्द करते हुए पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन का निर्णय लिया था। बीएसईबी के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने रविवार को बताया कि पूरे प्रकरण की जांच के लिए शनिवार शाम ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन कर लिया गया है, जो पटना हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश घनश्याम प्रसाद की अध्यक्षता में काम करेगा।
उन्होंने बताया कि इनके साथ समिति के अन्य सदस्यों में सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीपी श्रीवास्तव, पूर्व आईपीएस अधिकारी मिठू प्रसाद को शामिल किया गया है। लालकेश्वर ने बताया कि समिति के अध्यक्ष को इस समिति में एक पूर्व शिक्षाविद सलाहकार को शामिल कर लें।
साभार आजतक