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लॉजिस्टिक लागत और कंटेनरों के टर्नअराउंड समय को महीने से घटाकर कुछ दिनों तक करने वाली यह एक परिवर्तनकारी पहल है

देश-विदेश

केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन, जलमार्ग और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) से ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन सेवा को वर्चुअली झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे जेएनपीटी में ड्वार्फ कंटेनर डिपो (डीसीडी) से लदे ड्वार्फ कंटेनरों की पहली खेप ट्रेन द्वारा आईसीडी कानपुर रवाना हुई।

जेएनपीटी से ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन सेवाओं के कार्यान्वयन से इस बंदरगाह को तेजी से लाभ होने की उम्मीद है, क्योंकि डबल स्टैक्ड ड्वार्फ कंटेनरों के मार्फत निर्यात-आयात (एक्जिम) कार्गो की रेल की आवाजाही से निर्यात-आयात समुदाय को प्रतिस्पर्धात्मक लागत का लाभ उपलब्‍ध होगा। जिसके परिणामस्वरूप रेलमार्ग के माध्यम से बंदरगाह कार्गो यातायात में बढ़ोतरी होगी। ड्वार्फ कंटेनरों की ऊंचाई सामान्य आईएसओ कंटेनरों के मुकाबले 660 मिलीमीटर कम होती हैं, जिसके कारण ये लॉजिस्टिक रूप से बेहतर है। ट्रेलर्स पर लदे ड्वार्फ कंटेनरों की ऊंचाई कम होने से ये ग्रामीण, अर्ध-शहरी और शहरी सड़कों पर सीमित ऊंचाई वाले सब-वे और विद्युतीकृत खंडों में लेवल क्रांसिंग से आसानी से गुजर सकते है्ं।

इसके अलावा, ड्वार्फ कंटेनर का डबल-स्टैक्ड होने पर आकार 67 प्रतिशत बढ़ जाता है और यह आईएसओ कंटेनर्स की 40 टन भार के मुकाबले 71 टन वजन ले जा सकते हैं। इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने डबल स्टैक आईएसओ कंटेनर ट्रेनों की तुलना में ढुलाई लागत पर 17 प्रतिशत छूट देने का प्रस्‍ताव किया है, जिसके परिणामस्वरूप शिपर्स को कुल मिलाकर 33 प्रतिशत छूट मिलती है, जिससे भारतीय रेलवे प्रतिस्‍पर्धी हो जाती है। इस प्रकार ड्वार्फ कंटेनरों के माध्यम से रेल आवाजाही में एक्जिम लॉजिस्टिक लागत को घटाने की क्षमता है, इससे वैश्‍विक रूप से भारतीय निर्यात विश्व स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बन जाएगा।

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा कि जेएनपीटी से ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन सेवाओं की शुरुआत डबल-स्टैक्ड ड्वार्फ कंटेनरों के माध्यम से एक्जिम कार्गो की रेल द्वारा आवाजाही को अधिक व्यवस्थित करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इससे जेएनपीटी को रेल-कार्गो यातायात को बढ़ाने के साथ-साथ अंतरक्षेत्र लॉजिस्टिक लागत को कम करके एक्जिम समुदाय को प्रतिस्पर्धात्मक लागत लाभ मिलेगा। श्री सोनोवाल ने यह भी कहा कि ड्वार्फ कंटेनर पत्‍तन के अनुकूल है और इनका भारत में कम लागत पर निर्माण किया जा सकता है, जिससे मेक इन इंडिया के लिए नये अवसर उपलब्‍ध होंगे।

इस कदम से अधिक प्रतिस्पर्धी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और देश के निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी। एक मजबूत लॉजिस्टिक्स क्षेत्र विनिर्माण क्षेत्र का दिग्गज बनने और ‘मेक इन इंडिया’ को प्रोत्‍साहन देने के बारे में भारत की खोज को बढ़ावा देने के लिए लंबा रास्‍ता तय कर सकता है। इससे जेएनपीटी को गेट और सड़क पर भीड़भाड़ कम करने में मदद मिलेगी; डीपीडी में वृद्धि से शिपर्स के लिए लॉजिस्टिक लागत को और कम करने में भी सहायता मिलेगी। शिपिंग लाइन कंटेनरों के टर्नअराउंड समय में भी सुधार होगा एवं कंटेनरों की कमी के मुद्दों का भी समाधान होगा।

इसी के अनुरूप जेएनपीटी कंटेनर टर्मिनल एक स्थान की ड्वार्फ कंटेनर डिपो की स्थापना के लिए पहचान की गई थी, जहां आईएसओ कंटेनरों से ड्वार्फ कंटेनरों में कार्गो ट्रांसफर किया जाएगा, जिससे निर्यात रीपज़िशनिंग के लिए पोर्ट पर ही खाली आईएसओ कंटेनर उपलब्ध होंगे। वर्तमान में व्यापार को निर्यात के लिए आईएसओ कंटेनरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, इस कारण यह पहल परिवर्तनकारी हो सकती है। इससे कंटेनरों का टर्नअराउंड समय महीने से घटकर कुछ दिनों का हो जाएगा क्‍योंकि आयात से लदे आईएसओ कंटेनरों को अंतरक्षेत्र तक जाने की जरूरत नहीं है। कार्गो को खाली करके ड्वार्फ कंटेनरों में स्थानांतरित कर दिया जाएगा और खाली आईएसओ कंटेनर निर्यात के लिए नजदीकी सीएफएस/फैक्ट्री में आसानी से उपलब्ध होंगे।

जेएनपीटी से ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन सेवाओं के शुरू होने से पत्‍तन के साथ आपस में जुड़े लॉजिस्टिक व्यापार के अवसरों में और अधिक विविधता आएगी। इसके अलावा, यह पत्‍तन को आयात-निर्यात समुदाय के लिए लॉजिस्टिक लागत कम करने की पेशकश करने, प्रवाह क्षमता, कम भीड़-भाड वाले गेट और सड़क कार्गों यातायात के माध्‍यम से रेल के साथ-साथ समग्र कंटेनर आकार को बढ़ाने तथा सीधे पोर्ट डिलीवरी को बढ़ावा देने में भी सक्षम बनायेगा।

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