नई दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, युवा मामले और खेल (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और
अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के युवाओं में व्यापक प्रतिभा है लेकिन उनका पता नहीं चल पाता। इस प्रतिभा का उचित अवसरों की कमी या संरक्षण की कमी और सजाने-संवारने की सुविधा की कमी के कारण अक्सर उपयोग नहीं हो पाता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कल यह बात यहां नब्बे वर्ष से भी अधिक आयु के प्रसिद्ध हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर से मुलाकात करते हुए कही। बलबीर सिंह सीनियर 1948, 1952, 1956 में तीन बार ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे हैं। 1952 के ओलंपिक खेल में एक मैच में उनका पांच गोल करने का रिकॉर्ड आज भी नाबाद है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि युवा मामलों का मंत्रालय, पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर पर विशेष ध्यान देगा ताकि इन राज्यों से सबसे अच्छी प्रतिभा को उभरने का मौका मिले। उन्होंने कहा कि पदभार ग्रहण करने के कुछ महीने बाद ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करने की घोषणा की थी। ऐसा इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए किया गया है कि इस क्षेत्र ने एथलेटिक्स में भारत के लिए सबसे बड़ी संख्या में ओलंपिक पदक जीते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने नेहरू युवा केंद्र जैसे संस्थानों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्टार्ट अप मिशन’ में सहायता प्रदान करने और कार्यान्वित करने के साधन के रूप में दोबारा अभिमुख करने के संकल्प को दोहराया। “कामयाब युवाओं” की सहायता से कार्यशालाओं और शिविरों की श्रृंखला की जल्दी ही योजना बनाई जाएगी ताकि युवाओं को उनके संबंधित क्षेत्रों में प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा सके।