नई दिल्ली: शिपिंग मंत्रालय ने राष्ट्रीय जलमार्गों पर एलएनजी चालित वैकल्पिक, कम ईंधन खपत वाली एवं पर्यावरण अनुकूल परिवहन साधन मुहैया कराने के लिए भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) और पेट्रोनेट एलएनजी के बीच हस्ताक्षरित सहमति पत्र (एमओयू) पर आगे की कार्रवाई की समीक्षा पिछले सप्ताह की। इस एमओयू पर हस्ताक्षर अप्रैल, 2016 में मुंबई में आयोजित मेरीटाइम इंडिया समिट के दौरान किए गए थे, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा) पर एलएनजी चालित नौकाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। आईडब्ल्यूएआई और पेट्रोनेट एलएनजी से योजना पेश करने के साथ-साथ अपनी कार्य योजनाओं में इस तरह से तालमेल बैठाने को कहा गया है, जिससे कि एलएनजी चालित नौकाएं दिसंबर, 2018 तक एनडब्ल्यू1 पर नौवहन की शुरुआत कर सकें।
इस संदर्भ में डीजल चालित मौजूदा नौकाओं को एलएनजी चालित नौकाओं में तब्दील करने और एलएनजी चालित नई नौकाएं लांच करने जैसे दोनों ही विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। वैसे तो परंपरागत ईंधन (डीजल) चालित मौजूदा नौकाओं को एलएनजी चालित नौकाओं में तब्दील करने में आरंभिक पूंजीगत खर्च होगा, लेकिन मौजूदा मूल्यों पर अगले 4-5 वर्षों में इस निवेश की वापसी हो जाने की संभावना है। उच्च ईंधन दक्षता और नगण्य प्रदूषण नये ईंधन के अन्य प्रमुख लाभ हैं। मौजूदा मूल्य निर्धारण व्यवस्था के मुताबिक, एलएनजी चालित नौकाएं ईंधन के रूप में डीजल के मुकाबले काफी सस्ती साबित होंगी। एलएनजी चालित नौका ‘सीओपी 21’ में भारत द्वारा व्यक्त की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम है।
पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) पर एलएनजी की उतराई, भंडारण, बंकर और फिर से लदान संबंधी सुविधाओं की डिजाइनिंग, निर्माण एवं परिचालन के कार्य पूरे करेगी। इस संबंध में विस्तृत संभाव्यता रिपोर्ट तैयार करने की दिशा में कदम पहले से ही उठाए जा रहे हैं और दिसंबर, 2016 तक यह कार्य पूरा हो जाने की आशा है। पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने हल्दिया में एक बेस डिपो और साहिबगंज (झारखंड), पटना (बिहार) एवं गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) में ईंधन भरने वाले केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।