नई दिल्ली: केरल की मत्स्य-मंत्री श्रीमती मेरकी कुट्टी अम्मा ने आज कृषि भवन, नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह से मुलाकात की। बैठक के दौरान केरल में मात्स्यिकी क्षेत्र के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने समुद्री और अंतर्देशीय मात्स्यिकी क्षेत्रों के समेकित विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुये मात्स्यिकी-विकास की योजनाओं का पुनर्गठन किया है।
केरल की मत्स्य-मंत्री ने बैठक के दौरान केरल मे मत्स्य-विकास से संबन्धित महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जैसे कि गहरे समुद्र में मत्स्यन के लिए परंपरागत मछुआरों का सशक्तिकरण, जुवेनाइल मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाने, समुद्री एंबुलेंस की खरीद के लिए वित्तीय सहायता, सागरीय जल-कृषि (मैरी-कल्चर), मछुवा-आवास के लिए इकाई लागत और अन्य सुविधाओं में वृद्धि करना, तालाबों की मरम्मत और नए तालाबों/ टैंकों का निर्माण और हैचरी की स्थापना के लिए अधिक केंद्रीय सहायत, फिशेरीज़-स्टेशनों की स्थापना, केरल में पारंपरिक मछुआरों के लिए मिट्टी के तेल एवं डीज़ल के लिए पर्याप्त कोटा के आवंटन की स्थापना आदि।
बैठक के दौरान केंद्र-सरकार द्वारा हाल ही मे लिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे मे जानकारी दी गई, जिनमे से कुछ निमन्वत हैं:
1. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एक योजना तैयार की जा रही है, जिसके अंतर्गत परंपरागत मछुआरों को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए संसाधन-विशिष्ट मत्स्य-नौकाओं की खरीद और मछुआरों के कौशल उन्नयन मे सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। प्रस्तावित योजना के तहत परंपरागत मछुआरा समूहों, मछुआरा-सहकारी समितियों, और मछुआरों संघ आदि प्रमुख लक्षित लाभार्थी होंगे।
2. मछुआरों के कल्याण की राष्ट्रीय योजना (NSWF) के अंतर्गत मछुआरों के आवास के लिए इकाई लागत को संशोधित करते हुये और बढ़ाया गया है। अब सामान्य राज्यों मे प्रति यूनिट रु॰75,000 की बजाय रु॰ 1.2 लाख, जबकि उत्तर-पूर्वी एवं हिमालयी राज्यों में रु॰ 1.3 लाख देने का प्राविधान गया है। इस योजना मे अब मछुवा-आवास की इकाई लागत को प्रधानमंत्री आवास योजना: ग्रामीण (PMAY) के अंतर्गत मिलने वाली इकाई लागत से समेकित किया गया है।
3. मछुआरों के कल्याण की राष्ट्रीय योजना के अंतर्गत बचत-सह-राहत घटक मे मछुवारों को फिशिंग-बैन की तीन महीने की अवधि के दौरान केन्द्र सरकार से मिलने वाले योगदान की राशि को रु॰900 से बढ़ा कर रु॰ 1500/- प्रति फिशर प्रति माह कर दिया गया है।
4. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नई सीएसएस योजना “नीली-क्रांति: समुद्री मात्स्यिकी का समन्वित विकास और प्रबंधन” के अंतर्गत राज्यों को मत्स्य बीज-फार्म/हैचरी की स्थापना में 50% वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, खुले समुद्र मे केज-कल्चर (मैरी-कल्चर) को बढ़ावा देने के लिए भी प्रावधान शामिल किए गये हैं।
5. कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने यह भी बताया कि मछली पालन के लिए नए तालाबों / टैंक के निर्माण तथा मौजूदा तालाबों/ टैंकों के जीर्णोद्धार के लिए इकाई लागत को भी बढ़ाया जा रहा है। माननीय मंत्री जी ने यह भी सूचित किया कि इन गतिविधियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा “नीली क्रांति योजना” के तहत ही 50% वित्तीय सहायता दी जाएगी।