देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सचिवालय में देर सांय कृषि एवं उद्यान विभाग की समीक्षा करते हुए लोगो को खेती से
जोडने तथा परम्परागत उत्पादों को आर्थिकी से जोडने के लिये इनके उत्पादन को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये है। उन्होने कहा कि कृषि उद्यान, पशुपालन व हेण्डीक्राफ्ट की और विशेष ध्यान देने से स्वरोजगार भी बढ़ेगा तथा पलायन भी रूक सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि मंडुआ, रामदाना, काला सोयाबीन, गहत, राजमा, फाफर का उत्पादन क्षेत्र व उत्पादन लक्ष्य दुगना रखा जाय। मंडुआ उत्पादक 2.50 लाख किसानो को बोनस देने के साथ ही रामदाना का उत्पादन लक्ष्य 57 हजार से 1.25 लाख कुंतल किया जाय वही काला भट्ट का उत्पादन अभी 68 हजार कुंतल हो रहा है उसे भी दुगना किया जाय। गहत का उत्पादन लक्ष्य एक लाख से 3 लाख कुंतल किया जाय, काफर व राजमा का लक्ष्य भी दुगना रखा जाय। इन उत्पादो की खेती को प्रोत्साहित करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन उत्पादों को पुलिस व जेल की मैसो के लिये क्रय किये जाने के भी उन्होने निर्देश दिये।
उन्होने मिर्च तथा ब्याज के कलस्टर तैयार कर इसके उत्पादन क्षेत्र को भी दुगना करने पर बल दिया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कृषि के साथ कोपरेटिव को भी जोड़ने की बात कही, यह प्रयास हो कि हमारा प्याज राजस्थान, नासिक व आंध्र के प्याज से पहले बाजार में आजाये ताकि उनकी अच्छी कीमत मिल सके। इसे मिशन मोड में लाया जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि उद्यान विभाग आलू, नींबू, अखरोट, अमरूद व आंवला के पेड लगाने की कार्ययोजना बनाये। लोगो को पौधे निशुल्क दिये जाय। गढ़वाल मण्डल विकास निगम एवं कुमाॅऊ मण्डल विकास निगम को भी इससे जोड़े। अदरक के बीज समय पर उपलब्ध कराये जाय। तेजपात तिमूर, ले बेरी, लेमन ग्रास व अतीस के उत्पादन पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। इसके भी कलस्टर तैयार किये जाय। तेजपात मिशन लांच करने के साथ ही वन, उद्यान एवं एचआरडीआई आपस में समन्वय बनाकर इसमें कार्य करे। सिस्टम ऐसा बने ताकि योजनाये धरातल पर दिखाई दे। इसके लिये जिला स्तर पर सोसाईटी तथा हार्टिकल्चर, कारपोरेशन के गठन की भी बात उन्होने कही।
बैठक में सभा सचिव राजकुमार, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, अपर मुख्य सचिव डाॅ रणवीर सिंह, सचिव वित्त आमित नेगी, सचिव गृह विनोद शर्मा सहित कृषि एवं उद्यम विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।