भारतीय सेना ने फिक्की के साथ मिलकर 08 नवंबर 2021 को ‘भारतीय सेना की परियोजनाओं’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया। 2016 में भारत में निर्माण प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से यह ऐसा छठा वेबिनार था।
इस अवसर पर अपने संबोधन में थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में शुरू किए गए सुधारों पर जोर दिया। उन्होंने स्वदेशी रूप से सेना की आधुनिकीकरण की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारतीय उद्योग की क्षमता पर भरोसा जताया और यह 36 मेक-II परियोजनाओं से स्पष्ट है कि सेना अब उद्योग के साथ प्रगति कर रही है।
सेना प्रमुख ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पिछले एक साल में कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारतीय सेना ने असाधारण प्रगति की है। इसके परिणामस्वरूप 12 परियोजनाओं के लिए स्वीकृति आदेश जारी किए गए और समान संख्या में एओएन का अनुपालन किया गया। देश के भीतर अब बहुत विशिष्ट प्रौद्योगिकियां विकसित हो रही हैं। देश में निर्माण परियोजनाओं ने रक्षा क्षेत्र में एमएसएमई की भूमिका को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 40% से अधिक परियोजनाओं के लिए स्वीकृति आदेश एमएसएमई को जारी किए गए और एमएसएमई के लिए 1,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं आरक्षित हैं।
वेबिनार में उद्घाटन भाषण देते हुए डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (क्षमता विकास और पोषण) लेफ्टिनेंट जनरल शांतनु दयाल ने डिजाइन और विकास परियोजनाओं के साथ ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति भारतीय सेना की प्रतिबद्धता को दोहराया, जिसमें उद्योग निस्संदेह अधिग्रहण का पसंदीदा तरीका है। यह विशिष्ट प्रौद्योगिकियों का विकास हो या प्रमुख उपकरणों का स्वदेशीकरण, भारत में निर्माण प्रक्रिया (मेक इन इंडिया) ने सशस्त्र बलों के साथ-साथ उद्योग, दोनों को कई फायदे पहुंचाए।
फिक्की रक्षा और एयरोस्पेस समिति के अध्यक्ष श्री एस पी शुक्ला ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और स्वदेशी समाधानों को साकार करने में निजी उद्योग के साथ भागीदारी में भारतीय सेना द्वारा निभाई जा रही शानदार भूमिका की सराहना की। रक्षा उत्पादन विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री संजय जाजू ने अपने विशेष संबोधन में रक्षा मंत्रालय की स्वदेशीकरण प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला।
वेबिनार के दौरान, भारतीय सेना ने छह नई ‘मेक-2 परियोजनाओं’ का अनावरण किया। नई परियोजनाओं में मानव रहित प्रणालियों में प्रौद्योगिकियों, वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ऐसी प्रणालियों का मुकाबला करने वाले प्रौद्योगिकियों के साथ-साथ उभरते समाधान भी शामिल हैं। इन परियोजनाओं का विवरण नोडल अधिकारियों द्वारा भारतीय उद्योग के साथ साझा किया गया और इन नई परियोजनाओं पर उद्योग के सभी सवालों पर एक संवाद सत्र में विचार-विमर्श किया गया। सेना अब प्रत्येक परियोजना के विकास आयामों को विकसित करने के लिए उद्योग के साथ काम करेगी।
इस अवसर पर ‘आर्मी मेक प्रोजेक्ट्स 2021’ पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया, जिसमें जारी परियोजनाओं की वर्तमान प्रगति, भारत में निर्माण प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी के साथ शुरू की जा रही नई परियोजनाओं की जानकारी दी गई।