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शिविर में 1857 के महान क्रान्तिकारी गंगू मेहतर के व्यक्तित्व को देश के 68 कलाकारों ने अपने दृष्टि से कैनवास पर उकेरा

उत्तर प्रदेश

लखनऊः ललित कला अकादमी, क्षेत्रीय केन्द्र, लखनऊ में दिनांक 08 से 13 नवम्बर, 2021 तक 1857 के क्रान्तिकारी गंगू मेहतर की स्मृति में राष्ट्रीय चित्रकला शिविर का समापन हुआ। इस कला शिविर में देश के 68 कलाकारों ने भाग लिया जिसमें  25 अन्य राज्यों से एवं 43 स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया।
शिविर के समापन समारोह पर मुख्य अतिथि डॉ0 वन्दना सहगल, प्राचार्य एवं डीन, आक्रिटेक्चर एवं प्लानिंग संकाय, ए.के.टी., विश्वविद्यालय, लखनऊ ने कहा कि आज कलाकारों ने जो प्रस्तुति की है काफी सराहनीय है। कलाकारों के सुन्दर, सरल और सहज कलात्मक अभिव्यक्ति को देखकर 1857 के महान क्रान्तिकारी गंगू मेहतर की कई अनसुनी घटनायें दृष्टिगत हो रही है। कलाकारों ने गंगू मेहतर के स्वतन्त्रता में दिये गये अमूल्य योगदान को चित्रित किया। यह सभी चित्र से आने वाले पीढ़ियों को स्वतन्त्रता के हीरो को जानने और समझने में काफी मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में आये विशिष्ट ब्रिगेडियर श्री प्रवीण कुमार जायसवाल विशिष्ट सेवा मेडल, डी.आई.जी. आई.टी.बी.पी. लखनऊ ने कहा कि हमारे भारत के स्वतन्त्रता में अनेकों रूपों में अपने योगदान देने वाले ऐसे महान हीरों को कला के माध्यम से याद करना एक सच्ची श्रद्वांजलि ही है साथ ही ऐसे तमाम स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लिये अनेकों लोगों को याद करने की इस परम्परा को भूरि भूरि प्रशंसा करते है आजादी के अमृत महोत्सव की कड़ी में हो रहे ललित कला अकादेमी के क्रार्यक्रमों की सराहना की जानी चाहिये।
शिविर के संयोजक डॉ0 संजीव किशोर गौतम ने छः दिवसीय शिविर के अनुभवों को  साझा किया एवं कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर और भी कार्यक्रम अकादेमी द्वारा आयोजित किया जायेगा ।
छः दिवसीय कला शिविर में लगभग 50 कलाकृतियों के साथ लगभग 300 फिट के कैनवस पर समस्त कलाकारों ने अपने कूंची और रंगों से भारत के 1857 स्वतन्त्रता संग्राम के हीरों गंगू मेहतर के तमाम घटनाओं को चित्रित किया। इस कला शिविर में कलाकार-श्री तेजिंदर कांडा-चंडीगड़श्री दिवाकर शर्मा-दिल्ली श्री रोहित शर्मा-दिल्ली श्री जगजीत सिंह – पंजाब श्री सुदीप हाजरा श्री लक्ष्मण कुमार-दिल्ली सुश्री इंदु त्रिपाठी फरीदाबाद, सुश्री मंजीत कौर-नई दिल्ली, श्री संजय कुमार, श्री ऋषिकेश भंडारे-महाराष्ट्र, श्री सत्यजीत वरेकर- महाराष्ट्र, सुश्री भारती मकरंद हिन्गे-महाराष्ट्र,श्री बाबूराव अवते-महाराष्ट्र,श्री संतोष भागवत मासल, डॉ. पूर्णिमा तिवारी-कानपुर, उत्तर प्रदेश, श्रीमती मुक्ता अवचति-महाराष्ट्र, श्री सचिन निंबालकर-महाराष्ट्र, श्री शाम हीरामन जाधव-महाराष्ट्र, श्री विनायक पोटदर-महाराष्ट्र, सुश्री सयाली खपले-महाराष्ट्र, श्री बाबाशा कादरे-महाराष्ट्र, श्री भरत कुमार जैन, श्री श्री नूतन किशोर-खैरागढ़, श्री रंजन कुमार सिंह-लखनऊ, उत्तर प्रदेश, श्री बृजेश कुमार वर्मा-लखनऊ, उत्तर प्रदेश, श्री सुमित कुमार, श्री लोकेश वर्मा, श्री प्रशांत चौधरी, श्री अभिषेक कुमार, श्री आशीष नारायण, श्री संस्कार सिंह, सुश्री अर्चना पाण्डेय, श्री संदीप चौरसिया, डॉ वर्षा सिंह, श्री राधेश्याम पाण्डेय, श्री अतुल कुमार सिंह, डॉ अजय पाठक, श्री अविनेश कु. मिश्रा, श्री आलोक चौरसिया, श्री मनोज गोंडी, डॉ. प्रह्लाद सिंह, डॉ अखिलेश श्रीवास्तव, सुश्री सोनल सिंह, श्री प्रवेंद्र पाण्डेय, सुश्री रितु गुप्ता, सुश्री शिवांगी कनौजिया, श्री राज कुमार सिंह, सौरभ कुमार, श्री अशोक कुमार वर्मा, श्री दिग्विजय वर्मा, श्री शिवम शुक्ला, श्री रवि अग्रहरी, मो. मजीद मंसूरी, श्री सिद्धार्थ देव, श्री अशोक शर्मा, श्री सोमनाथ सरकार, सुश्री रंजू कुमारी, श्री अश्विनी प्रजापति, सुश्री अभिलाषा सिंह, सुश्री दीपा मौर्य, सुश्री रंजना, सुश्री रंजना पाली ,सुश्री शिखा पाण्डेय, सुश्री सारिका वर्मा, सुश्री निताशा, सुश्री मनीषा दीक्षित, सुश्री दीक्षा गोयल सुश्री शिवानी चुघ रहे।
इस अवसर पर गंगू बाबा के परपोते, श्री तुलसी राम, बिठूर, कानपुर का मुख्य अतिथि द्वारा सम्मान किया गया। शिविर के संयोजक डॉ0 संजीव किशोर गौतम, श्री ज्योति रंजन पाणिग्रही एवं संयोजिका डॉ0 सारिका बाला, श्री भूपेन्द्र अस्थाना कला समीक्षक एवं डॉ0 विभावरी सिंह की उपस्थिति रही।
इस कार्यक्रम का संचालन एवं सभी अतिथियों व कलाकारों, पत्रकारों का धन्यवाद ज्ञापन क्षेत्रीय सचिव, डॉ0 देवेन्द्र त्रिपाठी ने किया तथा बताया कि इस शिविर की परिकल्पना माननीय केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल जी की है, जिसको साकार रूप देने का प्लान अकादेमी के माननीय अध्यक्ष डॉ0 उत्तम पाचारणे जी ने किया।
मननीय अध्यक्ष जी लखनऊ केन्द्र में आकर तीन दिन कलाकारों के साथ रह कर पूरे शिविर का खाका तैयार किया। जिसका परिणाम स्वरूप सभी चित्र बनकर तैयार हुई। शिविर में बने चित्रो की प्रदर्शनी का उद्घाटन भव्य तरीके से किया जाएगा साथ ही यह प्रदर्शनी अन्य शहरों में भी प्रदर्शित की जायेगी ।

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