लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त, चिकित्सा शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता में आज वर्तमान सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। वर्तमान सरकार ने हर क्षेत्र में बेहतर कार्य करते हुए भ्रष्टाचार एवं गुण्डागर्दी पर अंकुश लगाया है। आज मा0 प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में एवं मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश में किये गये विकासपरक कार्यों एवं योजनाओं से आम जनता यह महसूस कर रही है कि वर्तमान सरकार ही सबसे बेहतर सरकार है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हुए हैं। सरकार प्रदेश की जनता को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी पर प्रदेश सरकार ने सबसे प्रभावी नियंत्रण किया है। डब्ल्यूएचओ ने भी कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के लिए प्रदेश के थ्री-टी फार्मूले की प्रशंसा की है। मा0 प्रधानमंत्री जी एवं नीति आयोग ने भी इसे सराहा है। निगरानी समितियों से लेकर इलाज तक हर स्तर पर कोरोना को नियंत्रित करने में प्रदेश सरकार द्वारा प्रयास किया गया, जिसका परिणाम रहा कि कोरोना से उत्तर प्रदेश में बाकी राज्यों के मुकाबले काफी कम मौतें भी हुईं। उन्होंने कहा कि यह भी न होती तो ज्यादा अच्छा था। उत्तर प्रदेश में विगत 24 घंटे में 12 केस आए हैं और 42 ऐसे ज़िले हैं जिसमें ज़ीरो केस मिले हैं। यह सरकार के कुशल प्रबंधन एवं नियमित मॉनीटरिंग का परिणाम रहा। उन्होंने बताया कि प्रदेश में केस फैटलिटी रेट 1.3 परसेंट, रिकवरी रेट 98.7 प्रतिशत तथा पॉजिटीविटी रेट 1.95 प्रतिशत है।
श्री खन्ना ने कहा कि पहले यूपी में कोरोना के मात्र 70 टेस्ट करने की क्षमता थी और आज एक दिन में ढाई लाख टेस्ट करने की क्षमता हो गई है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसी महामारी के दौरान दो-दो स्वदेशी वैक्सीन की खोज की गई। कुछ लोगों द्वारा वैक्सीन के प्रति भ्रान्तियां फैलायी गई जिसके कारण जिस गति से वैक्सीनेशन होना चाहिए था, उस गति से नहीं हो सकी, जिसका दुष्परिणाम देखना पड़ा, परन्तु आज तेजी से वैक्सीनेशन का कार्य चल रहा है। अगर उस वक्त ये दूरप्रचार ना किया गया होता तो प्रदेश में वैक्सिनेशन और तेज़ी से होता। वर्तमान में प्रदेश में 11 करोड़ 28 लाख 40 हजार 727 लोगों को कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज दी जा चुकी है, जो कुल जनसंख्या का 76.54 प्रतिशत है, जबकि 5 करोड़ 9 लाख 71 हजार 596 लोगों को वैक्सीन की दोनो डोज दी जा चुकी है।
श्री खन्ना ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 तक सिर्फ़ 12 मेडिकल कॉलेज थे और 2017 से वर्तमान सरकार में 33 मेडिकल कॉलेज बनाए गए। प्रदेश में अभी कुल 65 एक्टिव मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने बताया कि 35 मेडिकल कालेज सरकारी क्षेत्र में तथा 30 मेडिकल कोलेज निजी क्षेत्र में हैं। उन्होंने बताया कि 2017 तक प्रदेश में एमबीबीएस की 1840 सीटें थी और अब 2021 में 1160 सीटें और बढ़ गईं हैं। निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 2550 सीटें थी जिसमें 1600 सीटों का इजाफा हुआ है। सरकारी क्षेत्र में एमडीएमएस की जहां 741 सीटें थी वहीं अब 1027 सीटें हो गई हैं जबकि निजी क्षेत्र में 603 सीटों से बढ़कर 1064 सीटें हो गई हैं।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के पहले प्रदेश में पंजीकृत नर्सों की संख्या 42612 थी और 65343 पंजीकृत डॉक्टर थे, जबकि वर्तमान में 82299 पंजीकृत डॉक्टर और 74680 पंजीकृत नर्स हैं। उन्होंने कहा कि वेक्टर जनित रोगों पर वर्तमान सरकार द्वारा बेहतर नियंत्रण किया गया है। डाक्टरों एवं अधिकारियों की ट्रेनिंग एवं जनजागरूकता के प्रयासों से बीमारियों पर नियंत्रण पाया गया है। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों और दिमागी बुखार पर अंकुश लगा और आज इस सरकार में दिमागी बुखार की दर 16 प्रतिशत से घटकर 3 प्रतिशत हो गया है। वर्तमान सरकार से पूर्व बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 264 बाल रोग बेड थे जबकि आज 428 बेड हो गए हैं।
श्री खन्ना ने बताया कि आयुषमान भारत योजना के माध्यम से लोगों को 05 लाख तक मुफ्त इलाज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश का कोई भी व्यक्ति बीमार हो तो उसका पूरा का पूरा इलाज उत्तर प्रदेश में ही संभव हो। लीवर एवं किडनी ट्रांसप्लाण्ट का कार्य प्रदेश में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए डाक्टरों की अधिवर्षता आयु 60 से बढ़ाकर 65 और पुनः 65 बढ़ाकर 70 की गई। प्रदेश में 6 सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की स्थापना की गई है, जिनमें 04 तैयार हो चुके हैं तथा कानपुर में भी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक लगभग पूर्ण हो चुका है।