केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज भारतीय उद्योग के प्रमुखों से महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने का आह्वान किया क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से विकास के निरंतर दौर के लिए तैयार है। नई दिल्ली में सीआईआई राष्ट्रीय परिषद की 5वीं बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गरीबों और वंचितों के उत्थान में उद्योग की बहुत बड़ी भूमिका है।
श्री गोयल ने उद्योग जगत को पहले से अधिक जोखिम लेने और ऐसे उद्योगों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जो शुरुआत में कम लाभदायक हो सकते हैं, लेकिन श्रम उन्मुख हैं और रोजगार के लाखों अवसर देते हैं। उन्होंने उद्योग से जनजातीय हस्तशिल्प उत्पादों को अपनी सीएसआर गतिविधियों के हिस्से के रूप में बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
श्री गोयल ने कहा कि श्रम प्रधान प्लास्टिक, फुटवियर और कपड़ा उद्योग में विस्तार की काफी संभावनायें हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने गरीबों को आत्मनिर्भर बनाये बिना सही मायने में आत्मनिर्भर नहीं हो सकता।
श्री गोयल ने एफटीए परामर्श में उद्योग के सकारात्मक दृष्टिकोण की सराहना की। “अभी हम 6 से 7 देशों के साथ एफटीए वार्ता कर रहे हैं,” उन्होंने कहा। भारत के विदेश व्यापार को “बहुत, बहुत सुखद स्थिति में” बताते हुए और व्यापार सौदों में समायोजन की मांग करते हुए, श्री गोयल ने कहा, “हमारी ओर से, मेरा मानना है कि यह समय है कि हम दुनिया के साथ और अधिक जुड़े, हम ये जुड़ाव और गहरा करें – आयात और निर्यात दोनों क्षेत्रों में। ” उन्होंने कहा, “अगर हम अपने ऑटो या स्पिरिट सेक्टर को खोलते हैं, उदाहरण के लिए, यह भारत के लिये दूसरे देशों की तुलना में अधिक अवसर खोलेगा,” उन्होंने कहा।
यह देखते हुए कि 2020 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए झटकों से संभलने वाला वर्ष रहा है, श्री गोयल ने कहा कि इस अभूतपूर्व समय में भारत ‘विश्व का विश्वसनीय भागीदार’ के रूप में उभरा है और वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिये तैयार है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों से अधिक समय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार की नीतियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की एक ठोस नींव रखी है।
यह कहते हुए कि सभी आर्थिक सूचकांक तेज विकास पथ की ओर संकेत करते हैं, श्री गोयल ने कहा कि भारत को लागत लाभ के साथ-साथ दुनिया के भरोसे का भी लाभ है। “सेवायें शानदार गति से बढ़ रही हैं, निर्यात भी बढ़ रहा है निश्चित रूप से वाणिज्यिक वस्तुओं का भी,… इसी तरह रीमिटेन्स भी मजबूत बना हुआ है, एफडीआई लगातार 7वीं बार अपने उच्च स्तरों पर पहुंचा है , वहीं इस साल वृद्धि और भी अधिक होगी , पूंजी बाजार में रौनक बनी हुई है, जिसका अर्थ है एफआईआई निवेश भी और आईपीओ बाजार भी बहुत अधिक सकारात्मक है, ”उन्होंने कहा।
श्री गोयल ने कहा कि जिस तरह से हमने कोविड के बाद से तेजी से वापसी की है, जिस तरह से उद्योग ने खुद को तैयार किया है, उदाहरण के लिए, सेवा क्षेत्र ने अपनी प्रक्रियाओं को फिर से स्थापित किया, सरकार समर्थित उद्योग ने डब्ल्यूएफएच को अपनाया, हमने लॉकडाउन सहित पूरे कोविड अवधि में अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा किया। उन्होंने कहा, “भारत पर निर्भर किसी भी अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को एक सेकंड के लिए भी नुकसान नहीं उठाना पड़ा, विशेष रूप से सेवा क्षेत्र और यहां तक कि माल क्षेत्र में भी।”
इस बात पर जोर देते हुए कि भारत एक तेज और मजबूत पुनरुद्धार के दौर से गुजर रहा है, मंत्री ने कहा कि बढ़ते आर्थिक संकेतक इस ओर इशारा करते हैं कि “भारत विकास के दशक के लिये आकार ले रहा है।”
“अपना समय आ गया! यह भारत में रहने और भारत में निवेश करने का समय है”, श्री गोयल ने कहा, “यदि हम अपनी युवा पीढ़ी को असफल करते हैं, तो यह वास्तव में भारत के लिये एक दुखद दिन होगा। हम (इतिहास के) शिखर पर हैं। अब हमारा समय अवसरों का हासिल करने का है, अगर हम इस अवसर को चूक गये तो हमें शायद पछतावा होगा। ”
श्री गोयल ने कहा कि सरकार पीएलआई, पीएम गति शक्ति, ओडीओपी, सिंगल विंडो, रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स संशोधन, राष्ट्रीय संपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन, आदि जैसे परिवर्तनकारी सुधारों और रक्षा, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा, खनन और खनिज, आदि जैसे क्षेत्रों को खोलकर अपनी भूमिका निभा रही है।
माननीय मंत्री ने सीआईआई के शीर्ष 100 सदस्यों, जिनमें 1,000 कंपनियां शामिल हो सकती हैं, से एनएसडब्ल्यूएस सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम में शामिल होने और आईआईएलबी लैंड बैंक सिस्टम का पूरा उपयोग करने का आग्रह किया। वास्तव में आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए भारतीय सामग्रियों का उपयोग करने का संकल्प लेते हुए, उन्होंने कहा कि यह भारत को आत्मनिर्भर, लचीला और प्रतिस्पर्धी बनाकर उसका भविष्य बदल देगा और रोजगार पैदा करेगा।
श्री गोयल ने कहा कि सरकार ने बिजली क्षेत्र, एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड, दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम, आयुष्मान भारत, यूपीआई भुगतान हस्तांतरण और हर घर के लिये जन धन बैंकिंग सहित उद्योग और आम जनता के लाभ के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। “सरकार ने परिपूर्ण योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है,” उन्होंने कहा।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी लगातार जारी रहने पर भरोसा जताते हुए, श्री गोयल ने कहा कि सरकार हमेशा इस बारे में सोच रही है कि उद्योग को कैसे सशक्त बनाया जाए और उद्यमियों से आग्रह किया कि वो राष्ट्र निर्माण में नये विचारों के साथ आगे आएं।