केंद्रीय वस्त्र और रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने आज कोकराझार में बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र परिषद (बीटीआर) के एक साल पूरा होने पर आयोजित समारोह में भाग लिया। श्रीमती जरदोश ने अपने संबोधन में कहा कि बोडोलैंड भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे शांतिपूर्ण सीमाओं में से एक होने के साथ ही एक खूबसूरत क्षेत्र है, जो प्राकृतिक संसाधनों और एक सशक्त व बौद्धिक सामाजिक परंपरा से समृद्ध है।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा भी मौजूद थे। श्रीमती जरदोश ने कोकराझार की यात्रा के दौरान बोडोफा उपेंद्र नाथ ब्रह्म की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। श्रीमती जरदोश भी बीटीआर के कोकराझार में सूचना प्रौद्योगिकी पार्क के उद्घाटन समारोह में उपस्थित थीं।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि बीटीआर में नई सरकार ने शानदार एक साल पूरा कर लिया है, यह साल चुनौतियों से भरा रहा। उन्होंने कहा कि हालांकि, चुनौतियों के बावजूद सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता के साथ विकास की दिशा में एक नई गति हासिल की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए ऐतिहासिक बोडो शांति समझौते का उल्लेख करते हुए, डॉ. सरमा ने कहा कि समझौते ने बीटीआर में शांति के एक नए युग की शुरुआत की।
केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती जरदोश के साथ मुख्यमंत्री ने बोडोलैंड टेक्सटाइल मिशन और बोडोलैंड सिल्क मिशन का उद्घाटन किया।केंद्रीय रेशम बोर्ड और असम वन एवं पर्यावरण विभाग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू असम के सीमांत वन क्षेत्र में वन पर निर्भर परिवारों की मदद करेगा, जो रेशमकीट पालन करके अपना जीवन यापन करते हैं। यह उन्हें आजीविका के नए अवसर प्रदान करने में भी उचित सहायता प्रदान करेगा। श्री रजत रंजन ओखडियार, सदस्य सचिव और असम वन एवं पर्यावरण विभाग की वन प्रमुख श्रीमती अलका भागव ने एमओयू पेश किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री केशब महंत, बीटीसी प्रमुख प्रमोद बोडो ने भी अपनी बात रखी। इस अवसर पर आवास और शहरी मामलों के मंत्री अशोक सिंघल, डब्लूपीटी एवं बीसी मंत्री यू. जी. ब्रह्म, उप प्रमुख बीटीसी गोबिंद बसुमतारी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।