केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज सुशासन सप्ताह अभियान “प्रशासन गांव की ओर” का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर शासन से जुड़ी सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदर्शित करना और उन्हें फिर से दोहराना है। उन्होंने कहा, “प्रशासन गांव की ओर” अभियान सुशासन के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन तैयार करेगा और सरकार के साथ-साथ सरकार के बाहर भी हितधारकों को प्रेरित करेगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, भारत की आजादी के 75वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के अंतर्गत केन्द्रीय विभाग के रूप में, प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के साथ 20-25 दिसम्बर, 2021 तक एक सुशासन सप्ताह मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “प्रशासन गांव की ओर” के माध्यम से भारत के सभी जिलों, राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में लोक शिकायतों के निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, 700 से अधिक जिला कलेक्टर “प्रशासन गांव की ओर” में भाग लेंगे और सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम के दौरान, समय पर शिकायत निवारण और सेवा वितरण में सुधार के लिए तहसील / पंचायत समिति मुख्यालय का दौरा करेंगे। मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य भारत के सभी जिलों और तहसीलों में अमृत काल अवधि के दौरान अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों के लिए प्रधानमंत्री की संकल्पना को हकीकत में बदलना है।
एआरपीजी में केन्द्रीय सचिव संजय सिंह, डीओपीटी में केन्द्रीय सचिव पीके त्रिपाठी, गुजरात के मुख्य सचिव पंकज कुमार, जम्मू और कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता, डीएआर एंड पीजी में विशेष सचिव वी. श्रीनिवास, विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी, डीएआर एंड पीजी में संयुक्त सचिव एनबीएस राजपूत और केंद्रीय और राज्य शिकायत नोडल अधिकारी, जिला कलेक्टर / मजिस्ट्रेट और प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के अधिकारी और सभी प्रतिनिधि इस अभियान के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने प्रतिनिधियों से परिवर्तन का वाहक बनने का आह्वान किया और जोर देकर कहा कि अच्छे कार्य साझा होने पर सर्वोत्तम कार्य बन जाते हैं, और उनमें से कुछ निष्पादन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं और उच्च मानक भी स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, मुख्य उद्देश्य ऐसा शासन प्रदान करना है जो भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी हो और स्थापित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करता हो। उन्होंने कहा कि यह अकेले ही नये भारत के मार्च को सफल बनाएगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की “न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन” संकल्पना के साथ एक आदर्श बदलाव लाया है, जिसमें सरकार के पदाधिकारियों के साथ नागरिकों की बातचीत डिजिटलीकरण के जरिये, मंत्रालयों को मजबूती प्रदान करने, निष्पादन से अलग नीति निर्माण के कार्यों को करना, उच्चतम स्तरों पर समन्वित अमल की निगरानी, अच्छी तरह से परिभाषित जवाबदेही और उचित तरीके से इसे सौंपना सुनिश्चित किया जा रहा है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि पिछले सात वर्षों के दौरान, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी सभी नीतियां गरीब-से-गरीब मुख्य लाभार्थी के रूप में ध्यान में रखते हुए तैयार की गई हैं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक एक गरीब व्यक्ति के लिए बैंक खाता खोलना एक कठिन प्रक्रिया हुआ करती थी, लेकिन अब बैंक मित्र उनके घर आकर जीरो-बैलेंस खाता खोलने में उनकी मदद करते हैं।
कार्यक्रम के दौरान, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सुशासन प्रथाओं पर प्रदर्शनी – “शासन की बदलती तस्वीर” का उद्घाटन किया। उन्होंने सुशासन सप्ताह पोर्टल का भी शुभारंभ किया और डीएआरपीजी की 2 साल की उपलब्धियों पर पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर “प्रस्थान गांव की ओर” पर एक फिल्म दिखाई गई।
वर्ष 2020-21 के दौरान, 12 राज्य पोर्टलों को सीपीजीआरएएमएस के साथ एकीकृत किया गया है, जबकि 15 राज्य/संघ शासित प्रदेश लोक शिकायतों के निवारण के लिए सीपीजीआरएएमएस का उपयोग कर रहे हैं। सीपीजीआरएएमएस के साथ जिला स्तर के एकीकरण के एक अग्रणी के रूप में, जेके-आईजीआरएएमएस शीर्ष पर केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) से शिकायतों को साथ ही संघ शासित जम्मू और कश्मीर में अंतिम मील के जिला स्तर के कार्यालयों के साथ जोड़ता है। अब जिला स्तर पर कार्यालयों को जोड़ा गया है और तहसील स्तर और ब्लॉक स्तर तक की मैपिंग की गई है। संघ शासित प्रदेश की शिकायत निवारण प्रणाली में 260 विभागों/कार्यालयों और 1724 जिला स्तरीय कार्यालयों को जोड़ा गया है। एक राष्ट्र एक पोर्टल लक्ष्य है और इस दिशा में राज्य शिकायत पोर्टलों के साथ केन्द्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) का एकीकरण किया गया है।