केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग एवं आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार 27 दिसंबर 2021 को इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईड्ब्ल्यूएआई), कोच्ची शिपयार्ड लिमिटेड और आईआईटी मद्रास के वरिष्ठ अधिकारियों से भेंट कर गुवाहाटी में पांडु पोत मरम्मत सुविधा यार्ड के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस शिपयार्ड का निर्माण मई 2022 से शुरु होना है इसके लिए तकनीकी कार्य पूरा कर लिया गया है। इस परियोजना को 2 साल में यानी 2024 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है।
इस नई मरम्मत सुविधा के निर्माण के संबंध में घोषणा 26 अगस्त 2021 को की गई थी। इस पोत मरम्मत यार्ड के निर्माण से इस क्षेत्र के आर्थिक पुनरुत्थान में मदद मिलेगी। इस यार्ड का डिजाइन और विकास आईडब्ल्यूएआई तथा कोच्ची शिपयार्ड लिमिटेड संयुक्त रूप से करेंगे। इसके लिए तकनीकी समर्थन आईआईटी मद्रास से प्राप्त होगा। स्लिपवे’ के तौर पर जानी जाने वाले इस परियोजना को असम सरकार से प्राप्त 3.67 एकड़ भूमि पर विकसित किया जा रहा है।
श्री सोनोवाल ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की भावी प्रगति वॉटरवेज परियोजना के विकास पर निर्भर है। उन्होंने बताया कि नेशनल वॉटरवेज 2- दी ब्रह्मपुत्र और नेशनल वॉटरवेज 6- दी बराक के विकास से इस क्षेत्र में माल परिवहन यातायात, यात्री यातायात और इसके साथ ही पर्यटक जेट्टी के विकास में मदद मिलेगी तथा इससे क्षेत्र की आर्थिक प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि दोनों नदियों के बीच मोटरेबल वॉटरवेज के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास करना होगा ताकि नदियों में परिवहन पोतों का आवागमन शुरु करने के लक्ष्य को प्राप्त किया सके।
श्री सोनोवाल ने कहा कि हमें अपनी समृद्ध ऐतिहासिक और आर्थिक संपदा को पुनः प्राप्त करने के लिए अपनी नदियों को वॉटरवेज के तौर पर विकसित करना होगा, ताकि यात्रियों और सामान के आवागमन को तीव्र और सहज बनाया जा सके। इससे ना सिर्फ पूर्वोत्तर क्षेत्र के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सभी राज्य सरकारों ने इन वॉटरवेज के विकास में अपना योगदान दिया है। हम केंद्र की हैसियत से सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि हमारे लोगों को इनका लाभ और तरक्की हासिल हो सके।