लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की नदियों और तालाबाें के पुनर्जीवन एवं पुनरुद्धार के प्रति संकल्पबद्ध है। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन के लिए जल बहुत आवश्यक है, ऐसे में हमें नदियों, तालाबों तथा अन्य जल स्रोतों का संरक्षण करना ही होगा। नदियों, तालाबों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से लोगों का भरोसा बढ़ा है और वे भी इस कार्य में अपना सहयोग दे रहे हैं। नदियों को साफ रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हिण्डन, गोमती, यमुना तथा वरुणा नदी के पुनर्जीवन की पहल की गई है। उन्होंने कहा कि ‘ग्रीन यूपी, क्लीन यूपी’ के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नदियों, तालाबों तथा जल स्रोतों का संरक्षण अत्यन्त आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर हिण्डन नदी यात्रा कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हिण्डन नदी की सफाई के लिए सप्लीमेन्ट्री बजट में व्यवस्था की जाएगी। तालाबों, नदियों को बचाने के लिए जो काम हो रहा है, उसकी एकीकृत व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने प्रदेश में जल प्रबन्धन तथा संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए एक ‘वाॅटर यूनिवर्सिटी’ स्थापित करने पर विचार किया जाएगा।
श्री यादव ने जल संरक्षण, नदी पुनर्जीवन तथा तालाबांें के पुनरुद्धार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि समाजवादी इसके प्रति अत्यन्त गम्भीर हैं। इस मुद्दे की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए, इसे उनकी पार्टी द्वारा अपने चुनाव घोषणा पत्र में प्रमुखता के साथ शामिल किया जाएगा। प्रदेश की समाजवादी सरकार जल संरक्षण, नदी पुनर्जीवन तथा तालाबों के पुनरुद्धार के विषय में सिर्फ बातें ही नहीं कर रही है, बल्कि उसने इस दिशा में ठोस कार्य किए हैं, जिसके परिणाम अब दिखने लगे हैं। सिंचाई विभाग द्वारा पिछले एक माह के अन्दर बुन्देलखण्ड में 100 तालाबों की डी-सिल्टिंग का कार्य किया गया है, जो एक रिकाॅर्ड है।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में लागू की जा रही विभिन्न विकास योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, लखनऊ मेट्रो, आई0टी0 सिटी, जिला मुख्यालयों को 4-लेन मार्गों से जोड़े जाने के अलावा, सड़कों का चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, सेतुओं, आर0ओ0बी0, फ्लाई ओवर इत्यादि का निर्माण शामिल है। पिछले 4 साल में राज्य सरकार ने राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश का तेजी से विकास करवाया है। उन्होंने कहा कि गोमती रिवर फ्रन्ट योजना पूर्ण होने के बाद लखनऊ की एक अलग पहचान बनेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जलपुरुष श्री राजेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण के संरक्षण तथा नदियों, तालाबों इत्यादि के संरक्षण, पुनर्जीवन तथा पुनरुद्धार की दिशा में गम्भीर प्रयास किए जा रहे हैं, जो अत्यन्त सराहनीय हैं। हिण्डन नदी में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों, डिस्टिलरियों तथा सीवर का गन्दा पानी गिरने से यह नदी बहुत प्रदूषित हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस नदी को प्रदूषणरहित बनाने की दिशा में काम करने की इच्छा जताई, जिसके चलते यह कार्य सम्भव हो पा रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य की कई नदियों एवं तालाबों के पुनर्जीवन एवं पुनरुद्धार की दिशा में बेहतरीन काम किया जा रहा है। उन्होंने इस सन्दर्भ में महोबा में चन्द्रावल नदी के पुनर्जीवन का जिक्र भी किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रदेश में ‘वाॅटर अथाॅरिटी’, ‘वाॅटर यूनिवर्सिटी’ तथा ‘रिवर रीजूविनेशन अथाॅरिटी’ स्थापित करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने प्रदेश के सभी तालाबों की डी-सिल्टिंग की पुरजोर वकालत की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि हिण्डन नदी की लम्बाई लगभग 700 कि0मी0 है और विभिन्न कारणों से यह नदी काफी प्रदूषित हो गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस नदी की सफाई के लिए बजट की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए, जिसकी व्यवस्था की जा चुकी है और नदी की सफाई चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बुन्देलखण्ड के 100 तालाबों का पुनरुद्धार एक माह के अन्दर कराया गया है। अब पूरे प्रदेश के तालाबों की डी-सिल्टिंग करवाकर उनका पुनरुद्धार कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गोमती, वरुणा, हिण्डन के साथ-साथ वृन्दावन में यमुना की सफाई का कार्य तेजी से करवाया जा रहा है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघन ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लखनऊ में गोमती रिवर फ्रन्ट डेवलपमेन्ट, वाराणसी शहर में वरुणा नदी के चैनेलाइजेशन एवं तटीय विकास की परियोजना, वृन्दावन (मथुरा) में यमुना नदी के घाटों का विस्तार, नवीनीकरण एवं पुनर्जीवीकरण के साथ-साथ हिण्डन नदी का संरक्षण एवं पुनर्जीवन का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है। इसके अलावा, अयोध्या स्थित राम की पैड़ी एवं अन्य घाटों के पुनरुद्धार की परियोजना भी लागू की जा रही है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बुन्देलखण्ड में सूखे से निपटने के लिए समाजवादी जल संचय योजना के अन्तर्गत 100 तालाबों के पुनर्जीवन का निर्णय लिया गया था, जिसे एक माह के अन्दर पूरा कराया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा यह कार्य अपने संसाधनों से कराया गया है। इसके लिए केन्द्र सरकार द्वारा कोई भी धनराशि उपलब्ध नहीं कराई गई है। उन्होंने कहा कि इन तालाबों में 60 एम0सी0एम0 पानी का संचयन होगा। यदि इसके लिए बांध बनाया जाता, तो उस पर लगभग 600 करोड़ रुपए का खर्च आता।
कार्यक्रम को ‘2030 वाॅटर रिसोर्सेज ग्रुप’ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री एण्डर्स बर्नटेल ने भी सम्बोधित किया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ‘हिण्डन यात्रा प्रदर्शनी’ का फीता काटकर उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ‘हिण्डन यात्रा केस स्टडीज’ पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर राजनैतिक पेंशन मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री जी0एस0 नवीन कुमार सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।