पटना: इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में बीते तीन जनवरी से कोरोना संक्रमित मरीजों के सैंपल लेकर ओमिक्रोन वैरिएंट की जांच के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार शनिवार की रात तीन जनवरी को जांच के लिए लगाए गए 24 सैंपल में 12 की डीएनए-आरएन मैचिंग कराई गई। इसमें आठ सैंपल में ओमिक्रोन की पुष्टि हुई है। इसमें लगभग 45 म्यूटेशन सामने आए। शेष 12 और सैंपल की जांच का कार्य रविवार को पूरी कर रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी। वैसे आधिकारिक तौर पर ओमिक्रोन की पुष्टि नहीं की गई है।
कई गुना अधिक हो सकती है वास्तविक तादाद
आपको बता दें कि इससे पहले राज्य में ओमिक्रोन वैरिएंट की जांच की सुविधा नहीं थी। पहली बार 24 सैंपल की जांच शुरू की गई है, जबकि बिहार में कोविड के अब 12 हजार से अधिक मामले हैं। अकेले पटना में ही शनिवार को दो हजार नए केस मिले हैं। राज्य में सभी कोविड मरीजों की ओमिक्रोन जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। फिलहाल प्राथमिकता के आधार पर विदेश से आए और ओमिक्रोन संक्रमित के संपर्क में आए मरीजों की ही जांच की जा रही है। इस तरह से एक हफ्ते में 24 सैंपल की जांच आज पूरी होने की उम्मीद है। इसका सीधा मतलब है कि कुल संक्रमितों में एक बड़ी संख्या ओमिक्रोन वालों की हो सकती है।
आज आ जाएगी सभी सैंपल की रिपोर्ट
आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष प्रो. डा. नम्रता कुमारी एवं जेनेटिक विज्ञानी डा. अभय कुमार सिंह के निर्देशन में विज्ञानियों की टीम जांच का कार्य कर रही है। बिहार में एकमात्र जेनेटिक लैब अभी आइजीआइएमएस में ही है। डा. नम्रता ने बताया कि रविवार को सभी सैंपल की रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद पूरी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को भेज दी जाएगी।
सीएम के निरीक्षण के दिन से चल रही जीनोम सिक्वेसिंग की प्रक्रिया
विदित हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीन जनवरी को आइजीआइएमएस स्थित जीनोम लैब का निरीक्षण किया था। उस वक्त 24 सैंपल जीनोम सिक्वेसिंग के लिए लगाए गए थे। प्रो. नम्रता कुमारी व डा. अभय कुमार सिंह ने बताया कि इन सैंपलों की जांच में कोरोना संक्रमण के 40-45 म्यूटेशन सामने आए हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार स्पाइक प्रोटीन पर 32-40 वैरिएशन होने पर ओमिक्रोन की पुष्टि हो जाती है।
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