देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस वर्ष भी प्रदेश में 15 व 16 जुलाई को हरेला व झूमेलों का पर्व व्यापक स्तर पर आयेाजित किया जायेगा। हरेला व झुमेलों के माध्यम से प्रकृति के अभिनन्दन की परम्परा को आगे बढ़ाया जायेगा। इसी प्रकार लोक परम्पराओं की विभिन्न विधाओं को बढ़ावा देने के लिये घी संग्रांद का पर्व भी भव्यता के साथ आयोजित किया जायेगा। यह पर्व मानव और पशुाओं के बीच पारम्परिक सम्बंधों का पर्व है इससे लोगों को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि झुमेलों में धाद व अन्य सक्रिय सांस्कृतिक संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाय। इन आयोजनो में हरेला के साथ सांस्कृतिक दलों के माध्यम से झुमेलों व अन्य लोकनृत्यों का आयोजन किया जाय।
बीजापुर अतिथि गृह में संस्कृति, वन व समाज कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि हरेला पर्व को पर्यावरण से जोड़ने एवं वृक्षारोपण को बढ़ावा देने से प्रकृति के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि गत वर्ष हरेला प्रतियोगिता की गई थी। इससे वृक्षारोपण में मदद मिली, इस वर्ष भी प्रत्येक गांव से एक महिला का चयन किया जाय। गत वर्ष वन विभाग द्वारा इस कार्यक्रम के तहत 5.33 लाख वृक्ष उपलब्ध कराये गये थे। वन भूमि हस्तांतरण के अधीन क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण योजना को भी इन योजनाओं से जोड़ा जाय तथा नीबू, अमरूद प्रजाति के वृक्षों को प्राथमिकता दी जाय। इससे महिलाओं व बच्चों के पोषण में भी मदद मिलेगी। पर्वतीय क्षेत्रों में खड़ीक, भीमल, मेहल, किल्मोड़ा, पदम व घिघारू की नर्सरी इस योजना के अन्तर्गत विकसित की जाय। राजीजी नेशनल पार्क के चारों और साल, महुआ, कड़ीपत्ता व फलदार वृक्षों की रोपाई को प्राथमिकता दी जाय। इससे मधुममखियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही हाथियों से फसलों को हो रहे नुकसान को भी कम किया जा सकेगा।
समाज कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में लगभग 22 लाख महिलाओं को पेंशन दी जा रही है। महिला दिव्यांगों को भी गंभीर व सामान्य श्रेणी में चिन्हित कर अलग से पेंशन प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा कि चिन्हित महिला दिव्यांगों के खाते में यह धनराशि जमा की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि 05 वर्षाें तक धनराशि एफडी के रूप में जमा करायी जायेगी। उसके बाद इसका उपयोग लाभार्थी कर सकेगा।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि विभिन्न विभागों में आउट सार्सिंग के आधार पर सेवारत महिलाओं को भी मेटरनिटि लीव की सुविधा प्रदान की जाय। इस सम्बन्ध में शीघ्र शासनादेश जारी करने के भी निर्देश उन्होंने दिये।