लखनऊ:वन महोत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य जन-जन में प्रकृति के प्रति जागरूकता एवं प्रेम उत्पन्न करना है ताकि वृक्षारोपण को जन अभियान का रूप देकर प्रदेश को हरा-भरा व प्रदूषण मुक्त बनाने में सफलता प्राप्त की जा सके।
यह विचार प्रदेश के वन मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने आज यहां राज्य स्तरीय वन महोत्सव 2016 के शुभारम्भ पर कुकरैल में आयोजित पौधा रोपण कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि वन महोत्सव के अवसर पर वृक्षारोपण का यह कार्यक्रम सरकार द्वारा प्रदेश को हरा-भरा व प्रदूषण मुक्त बनाने हेतु वनावरण व वृक्षावरण विस्तार की दिशा में किये जा रहे प्रयासों की श्रृंखला की महत्वपूर्ण कड़ी है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा जन्तु उद्यान राज्यमंत्री डा0 शिव प्रताप यादव ने कहा कि वन व वृक्ष व वनों मे रहने वाले वन्य प्राणि हमारे जीवन का आधार है। वनों से समाज को बिना किसी भेदभाव के विभिन्न पर्यावरणीय सेवाएं प्राप्त होने के साथ ही सम्पूर्ण समाज विशेष कर निर्धन व निर्बल वर्ग के सदस्यों को चारा ईधन, जड़ीबूटी, विभिन्न खाद्य पदार्थ एवं अजीविका के साधन उपलब्ध होते है। उन्होने कहा कि वन महोत्सव के अवसर पर सम्पूर्ण प्रदेश में वन महोत्सव की भावना के अनुकूल वृक्षारोपण के प्रति जनसामान्य में चेतना जाग्रत करने हेतु वृक्षारोपण के विभिन्न काय्रकमों का आयोजन किया जा रहा हैै।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वन राज्यमंत्री श्री तेजनारायण पाण्डेय ( पवन पाण्डेेय) ने कहा कि मानव सभ्यता का विकास वनों की गोद में हुआ है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रीन यू0पी0-क्लीन यू0पी0 अभियान के अन्र्तगत प्रदेश को हरा-भरा व स्वच्छ बनाने हेेतु कृत संकल्पित है।
प्रमुख सचिव वन एवं वन्य जीव श्री संजीव सरन ने कहा कि प्रदेश में वन भूमि व संसाधन सीमित होने के कारण वनावरण वृद्वि एक सीमा तक ही सम्भव है, किन्तु प्रदेश के जनसंसाधन के दृष्टिगत जनसहयोग व सहभागिता से गेैर वन क्षेत्र में वृक्षारोपण सृजन की असीमित सम्भावनाएं है। उन्होने कहा कि इस वर्ष प्रदेश मे 6 करोड़ पौधे रोपित किये जा रहें है। इन 6 करोड़ पौधों में से 5 करोड़ पौधें 6161 स्थलों पर आगामी 11 जुलाई को एक ही दिन में रोपित किये जायगें।
इस अवसर पर कुकरैल ( सुगामऊ- जरहरा) वन खण्ड कुकरैल में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, प्रमुख सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, उ0 प्र0 सहित विशिष्ट जनों, वरिष्ठ अधिकारियों, वरिष्ठ प्रेस प्रतिनिधियों, विधार्थियों द्वारा विभिन्न प्रजातियों के 1100 पौधें रोपित किये गये।
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