लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर कहा कि 25 जनवरी का दिन बहुत ही खास एवं महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लोकतंत्र की पहचान से जुड़ा हुआ है। यह दिन न सिर्फ हमें देश के प्रति हमारे कर्तव्यों से अवगत कराता है, बल्कि हमें इस बात का भी एहसास दिलाता है कि कैसे एक छोटे से प्रयास से हम अपने लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं।
प्रदेश की राज्यपाल ने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाताओं को जागरूक करने के लिए आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आयोजित प्रदेश स्तरीय 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली सम्बोधित कर रही थी। प्रदेश स्तर पर किये जा रहे इस कार्यक्रम के सजीव प्रसारण पर उन्होंने कहा कि हम सभी के लिये की गर्व की बात है कि भारत विश्व का विशालतम लोकतंत्र है। सन् 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से ही हम लोकतांत्रिक बुनियादों पर आज तक टिके हुए हैं। भारत निर्वाचन आयोग की भूमिका हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत बनाये रखने में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गत वर्षों में मतदाताओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने की दिशा में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सक्रिय प्रयास किये गये हैं, जिसके बेहतर परिणाम भी देखे जा सकते हैं।
युवा मतदाताओं द्वारा निर्वाचन में भागीदारी पर विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता संबंधी निरन्तर चलने वाले कार्यक्रमों के परिणाम स्वरूप आम मतदाताओं विशेषकर युवा मतदाता में जागरूकता बढ़ी है, उनमें मतदाता बनने और अपने मत का प्रयोग करने के प्रति उत्साह का संचार भी हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे प्रदेश में युवा मतदाता बड़ी संख्या में हैं। भारत युवाओं का राष्ट्र है, यहां पच्चीस वर्ष तक की आयु वाले कुल जनसंख्या का पचास प्रतिशत हैं, वहीं पैंतीस वर्ष तक वाले कुल जनसंख्या का पैंसठ प्रतिशत हैं। युवा किसी भी देश और समाज में बदलाव के मुख्य वाहक होते हैं। इस साल 18 वर्ष के ऊपर के नये मतदाता काफी संख्या में जुड़े हैं। मेरी उम्मीद है कि कम से कम हर नवयुवक वोटर न केवल स्वयं वोट देने जायेगा, बल्कि अन्य लोगों को भी प्रेरित कर वोट देने साथ ले जायेगा।
प्रदेश में औसत मतदान कम होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि अगर हम पिछले चुनावों में औसत मतदान प्रतिशत पर नजर डालते हैं तो यह प्रतिशत लगभग उनसठ (59) या साठ (60) प्रतिशत ही रहा है। अभी भी लगभग चालीस (40) प्रतिशत मतदाता मतदान के प्रति उदासीन रहते हैं। हमें ऐसे लोगों को जागरूक करना है, जिससे कि निर्वाचन आयोग के मतदान लक्ष्य सत्तर (70) प्रतिशत के पार को प्रत्येक दशा में प्राप्त किया जा सके।
राज्यपाल जी ने इस दौरान यह भी उल्लेख किया कि पंचायत और नगर निकाय के चुनावों में मतदाताओं में उदासीनता परिलक्षित नहीं होती है। इन चुनावों में प्रायः 80 से 90 प्रतिशत तक मतदान देखने में आया है। उन्होंने निर्वाचन कार्यों में लगे अधिकारियों से इस अंतर पर ध्यान देने के साथ ही सुझाव दिया कि वे चुनाव उपरान्त मतदान न करने वाले मतदाताओं का सर्वेक्षण करके वोट न देने पाने के कारणों का पता भी करें, जिससे आगामी चुनावों में इन कमियों को दूर करके मतदान प्रतिशत को बढ़ाया जा सके। राज्यपाल जी ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर लिस्ट की खामियों को दूर किए जाने तथा गांवों में मतदान स्थल तक आने-जाने के साधन की व्यवस्था के बारे में भी सुझाव दिया।
अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने निर्वाचन सम्पन्न करा रहे अधिकारियों से मतदाताओं को डराने-धमकाने जैसी घटनाओं को सख्ती से रोकने का निर्देश दिया। उन्होंने हाल ही में बागपत के एक गांव में समुदाय विशेष के युवकों द्वारा अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराने के लिए दबाव बनाने की प्रकाश में आयी घटना का उल्लेख भी किया और कहा कि निर्वाचन अधिकारियों को इस तरह कि घटनाओं में संलिप्त असामाजिक तत्वों को पाबंद किया जाना चाहिए तथा यदि आवश्यक हो, तो कड़ी कार्यवाही से भी हिचकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मतदान प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और इस अधिकार का निर्बाध प्रयोग कराना पुलिस-प्रशासन का दायित्व है। राज्यपाल जी ने आशा व्यक्त की कि इन आयोजनों से मतदाताओं में जागरूकता आयेगी और मतदान में उनकी भागीदारी बढ़ेगी। समारोह में राज्यपाल जी के तत्वावधान में सहभागिता से लोकतांत्रिक परम्परा अनुरूप मताधिकार के प्रयोग हेतु मतदाता शपथ ग्रहण भी सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विशिष्ट अतिथि/मुख्य सचिव, उ0प्र0 श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने फीता काटकर किया। इस दौरान उन्होंने मतदाता जागरूकता के संबंध में लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने 12वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस को बतौर विशिष्ट अतिथि सम्बोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस हमें अपने लोकतांत्रिक अधिकारों की ताकत का याद दिलाता है। संविधान के माध्यम से प्रत्येक नागरिक को अपने संकल्प के अनुरूप सरकार बनाने का अधिकार प्राप्त है। निर्वाचन लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार होता है, जिसके माध्यम से नागरिक अपने हितों के अनुकूल सरकार का गठन करते हैं। मतदान हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों को दिलाता है, जिससे हम लोकतांत्रिक नींव को मजबूत बनाते हैं। उन्होंने कहा कि विगत चुनावी आंकड़ों को देखें तो, विधान सभा निर्वाचन-2007 में 46 प्रतिशत, वर्ष 2012 में 59 प्रतिशत, वर्ष में 2017 में 61 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी प्रकार लोकसभा में निर्वाचन-2009 में 48 प्रतिशत से कम मतदान हुआ और वर्ष 2014 में 58 प्रतिशत तथा 2019 में 59 प्रतिशत मतदान हुआ। इससे साफ होता है कि 40 प्रतिशत लोग अभी भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने आह््वान किया कि अपने हितों की सरकार बनाने के लिए मतदाताओं को आगे आना होगा। प्रदेश में 10 फरवरी से 07 मार्च 2022 तक 07 चरणों में चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 15 करोड़ से ज्यादा मतदाता हैं तथा 1.75 लाख मतदान केन्द्र हैं। उन्होंने मतदाताओं को कोविड सुरक्षित महौल प्रदान करने के लिए कहा कि 25 करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। 31 मार्च, 2022 तक सभी को पहली डोज लग जायेगी तथा 75 प्रतिशत को दूसरी डोज भी इस समय तक लग जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 60 प्रतिशत मतदान के आंकड़े को इस बार पार कर 90 प्रतिशत तक ले जाना है। मुख्य सचिव ने कार्यक्रम के दौराने नये बने 10 मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र भी वितरित किया।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त, लखनऊ श्री रंजन कुमार ने कहा कि 25 जनवरी 1950 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना की गई तथा 25 जनवरी 2011 से निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य युवा मतदाता को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशन में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने का अभियान चलाया गया, जिसके परिणाम परिलक्षित हो रहे। मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के निरन्तर चलने के कारण मतदाताओं में मतदान के प्रति रूचि बढ़ी है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री अजय कुमार शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि आज प्रदेश भर 12वॉ राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद््देश्य सभी नागरिकों को मतदान के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि समस्त प्रदेश में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम व्यापक स्तर पर चलाया गया। जिसके परिणामस्वरूप 18-19 वर्ष के 14.66 लाख नये मतदाताओं को जोड़े गये जो कि वर्तमान में 19.89 लाख मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि 01 नवम्बर, 2021 को आलेख प्रकाशन के समय जेंडर रेसियो 857 (6.78 करोड़) था, जो कि 05 जनवरी, 2022 को अंतिम प्रकाशन के समय 11 अंकों की वृृद्धि के साथ 868 (6.98) हो गया है। इसी प्रकार ईपी रेसियों 61.21 प्रतिशत से बढ़कर 62.52 प्रतिशत हो गया है। मतदाताओं की संख्या भी 14.71 करोड़ से बढ़कर 5.02 करोड़ हो गई है। प्रदेश में कुल पोलिंग स्टेशनों की संख्या 1,74,351 है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि बिना धर्म, वर्ग, जाति, भेदभाव, प्रलोभन के तथा निडर होकर अपने मतदान का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की सुविधा के लिए प्रत्येक जनपद में 1950 टोल फ्री नम्बर संचालित है। निर्वाचन से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत के लिए सी-विजिल ऐप तथा अपने उम्मीदवारों को जानने के लिए केवाईसी ऐप उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता के लिए आज पूरे प्रदेश में ऑनलाइन पोस्टर, स्लोगन, गीत व अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं हैं, जिसका मूल्यांकन के पश्चात विजेताओं को पुरस्कृत किया जायेगा। इसी प्रकार गत वर्ष निर्वाचन में श्रेष्ठ कार्य करने वाले जिलाधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों/उप जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं निर्वाचन से जुड़े अन्य अधिकारियों को उनके अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया है। उन्होंने कहा कि मतदाता जागरूकता में सिविल सोसायटियों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं मीडिया समूहों का प्रमुखता से सहयोग मिला।
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी लखनऊ श्री अभिषेक प्रकाश ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि सभी मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग बिना किसी डर, भय के निर्भीक होकर करें। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रेमकान्त तिवारी एवं डॉ0 अनीता सहगल द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ ब्रह््मदेव राम तिवारी, सुश्री माला श्रीवास्तव, विशेष सचिव श्री अनिल कुमार पाठक, विशेष निर्वाचन कार्याधिकारी श्री रमेश चन्द्र राय, अपर जिलाधिकारी (प्रशा0) श्री अमर पाल संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री केशव कुमार के साथ स्काउट गाइड एवं एनसीसी के छात्र-छात्राएं उपस्थित थें।