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सार्वभौमिक टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें सबका प्रयास और जन लोक भागीदारी की जरूरत है: डॉ. मनसुख मांडविया

देश-विदेश

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्यम के जरिए आज राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति में गहन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 4.0 की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा, “भारत विश्व स्तर पर सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम संचालित कर रहा है, जिसमें सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के तहत हम हर साल 3 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं और 2.6 करोड़ बच्चों को कवर करते हैं।” इस कार्यक्रम में असम के स्वास्थ्य मंत्री श्री केशब महंत और गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री श्री रूशिकेश पटेल ने भी वर्चुअल माध्यम के जरिए हिस्सा लिया।

गहन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीन राउंड (दौर) होंगे और यह देश के 33 राज्यों/केंद्र शासितप्रदेशों के 416 जिलों (आजादी का अमृत महोत्सव के लिए चिन्हित 75 जिलों सहित) में संचालित किया जाएगा। इसके पहले राउंड (फरवरी- अप्रैल 2022) में 11 राज्य आईएमआई 4.0 को संचालित करेंगे। ये राज्य हैं-  असम, उत्तराखंड, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, राजस्थान, सिक्किम, त्रिपुरा व छत्तीसगढ़। वहीं, अन्य 22 राज्य अप्रैल से मई 2022 तक राउंड संचालित करेंगे। इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पुडुचेरी, दिल्ली, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश व अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अग्रिम मोर्चे पर तैनात उन टीकाकरणकर्ताओं की प्रतिबद्धता व समर्पण को सलाम किया, जो कठिन इलाके और मौसम का बहादुरी से संघर्ष यह सुनिश्चित करने के लिए करते हैं कि सुदूर गांव और परिवारों को टीकों के संरक्षण से कवर किया जा सके। उन्होंने आगे कहा, “स्वास्थ्यकर्मी राष्ट्र की एक महान सेवा कर रहे हैं। राष्ट्र निर्माण में योगदान को लेकर उनका समर्पण मेरे और दूसरों के लिए एक प्रेरणा है।”

डॉ. मांडविया ने इस पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की कि हमारे प्रयासों को नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण में प्रतिबिंबित किया गया है, जिसमें बढ़ी हुई कवरेज को दिखाया गया है। उन्होंने कहा, “नवजातों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बीमारियों व मृत्यु दर से बचाने के लिए टीके सबसे प्रभावी, सस्ती और सुरक्षित विधियों में से एक हैं। पूर्ण टीकाकरण कवरेज बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री ने कम टीकाकरण कवरेज, उच्च जोखिम वाले और दुर्गम क्षेत्रों में आंशिक व बिना टीकाकरण वाली गर्भवती महिलाओं व बच्चों को कवर करने और उन्हें टीकों के जरिए बचाव योग्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान के लिए दिसंबर, 2014 में मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी।” मिशन इंद्रधनुष के तहत सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) के अंतर्गत सभी टीके राष्ट्रीय टीकाकरण अनुसूची के अनुरूप प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा मिशन इंद्रधनुष को ग्राम स्वराज अभियान (541 जिलों के 16,850 गांवों) और विस्तारित ग्राम स्वराज अभियान (112 आकांक्षी जिलों के 48,929 गांवों) के तहत प्रमुख योजनाओं में से एक के रूप में भी चिह्नित किया गया है।

डॉ. मांडविया ने बताया कि जहां कोविड महामारी के चलते नियमित टीकाकरण की गति धीमी हो गई है, वहां आईएमआई 4.0 इस अंतर को खत्म करने और सार्वभौमिक टीकाकरण की दिशा में स्थायी लाभ प्राप्त करने में अपना काफी अधिक योगदान देगा। उन्होंने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि नियमित टीकाकरण (आरआई) सेवाएं बिना टीकाकृत व आंशिक रूप से टीकाकृत बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंच सके।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सार्वजनिक स्वास्थ्य में टीकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आगे देशव्यापी कोविड 19 टीकाकरण अभियान की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया, जिसके तहत अब तक लगभग 170 करोड़ कोविड टीके की खुराक दी जा चुकी है। डॉ. मांडविया ने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत की इस उपलब्धि को स्वीकार किया गया और इसकी सराहना की गई है। उन्होंने देश में सार्वभौमिक टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए “सबका प्रयास” और “जन लोक भागीदारी” की जरूरत पर जोर दिया। डॉ. मांडविया ने कहा, “केवल केंद्र, राज्यों और लाभार्थियों के सामूहिक व सहयोगात्मक प्रयासों से ही हम देश में पूर्ण टीकाकरण कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम हो पाएंगे।” उन्होंने राज्यों से जिला प्रशासन, पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के साथ समन्वय बनाते हुए विभिन्न स्तरों पर समग्र रूप से काम करने का अनुरोध किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअल माध्यम के जरिए आईएमआई 4.0 पोर्टल, “आईएमआई 4.0 के लिए परिचालन दिशानिर्देश”, “शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण को मजबूत करना- कार्रवाई के लिए एक ढांचा”, “शहरी टीकाकरण पर महिला आरोग्य समिति” और अभियान के तहत जागरूकता सामग्री/आईईसी के लिए एक पुस्तिका को लॉन्च किया।

अब तक देश के 701 जिलों को कवर करते हुए मिशन इंद्रधनुष के दस चरणों को पूरा किया जा चुका है। अप्रैल 2021 तक मिशन इंद्रधनुष के विभिन्न चरणों के दौरान कुल 3.86 करोड़ बच्चों और 96.8 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। मिशन इंद्रधनुष के पहले दो चरणों के परिणामस्वरूप एक वर्ष में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में 6.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। गहन मिशन इंद्रधनुष (मिशन इंद्रधनुष के पांचवें चरण) में शामिल 190 जिलों में किए गए एक सर्वेक्षण (आईएमआई-सीईएस) से पता चलता है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)- 4 की तुलना में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में 18.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। समय-समय पर नियमित टीकाकरण और टीकाकरण गहनता अभियानों को मजबूत करने के लिए वर्षों से निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप एनएफएचएस-4 (2015-16) की तुलना में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (2019-21) की नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार टीकाकरण कवरेज में काफी सुधार हुआ है। 12-23 महीने की उम्र के बच्चों में पूर्ण टीकाकरण कवरेज 62 फीसदी (एनएफएचएस-4) से बढ़कर 76.4 फीसदी (एनएफएचएस- 5) हो गया है।

आईएमआई 4.0 के तीन राउंड की योजना बनाई गई है, जिससे कोविड- 19 महामारी के कारण सामने आई कमियों को पूरा किया जा सके। इसका संचालन 33 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 416 जिलों में किया जाएगा। इन जिलों को नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट के अनुरूप टीकाकरण कवरेज, स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़ों और टीके से बचाव योग्य बीमारियों की संख्या के आधार पर चिह्नित किया गया है। इसके अलावा राज्यों द्वारा सुझाए गए जिलों को भी इसमें शामिल किया गया है। हाल ही में कोविड-19 मामलों की बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए राज्यों को फरवरी 2022- अप्रैल 2022 या मार्च से मई 2022 तक इसे संचालित करने की छूट दी गई है। पहला राउंड 7 फरवरी 2022 से, दूसरा राउंड 7 मार्च 2022 से और तीसरा राउंड 4 अप्रैल 2022 से शुरू होगा। पहले के विपरीत हर एक दौर सात दिनों के लिए आयोजित किया जाएगा। इसमें नियमित टीकाकरण दिवस, रविवार और सार्वजनिक अवकाश शामिल हैं। हालांकि, हाल के दिनों में कोविड मामलों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए राज्यों को मार्च से मई 2022 तक अभियान को चलाने की छूट दी गई है। 33 में से 11 राज्यों ने इसे फरवरी-अप्रैल 2022 की अवधि में संचालित करने की योजना बनाई है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एएस व एमडी श्री विकास शील, संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव डॉ. पी अशोक बाबू, संयुक्त सचिव डॉ. हरमीत सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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